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कांग्रेस आलाकमान ने लोकसभा चुनाव में सुरजेवाला को बनाया सीनियर ऑब्जर्वर, चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष बने कांतिलाल भूरिया*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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कांग्रेस आलाकमान ने लोकसभा चुनाव में सुरजेवाला को बनाया सीनियर ऑब्जर्वर, चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष बने कांतिलाल भूरिया*
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भोपाल ;- ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) ने मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल (2024) में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने चुनाव प्रचार अभियान समिति की घोषणा कर दी है। 32 सदस्य की समिति का अध्यक्ष आदिवासी नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक कांतिलाल भूरिया को बनाया है।
कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर ऑब्जर्वर भी नियुक्त कर दिए हैं। कांग्रेस ने एमपी में विधानसभा चुनाव के लिए राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता चंद्रकांत दामोदर हंडोरे को ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। भोपाल लोकसभा सीट के लिए असम के कांग्रेस विधायक रकीबुद्दीन अहमद को ऑब्जर्वर बनाया गया है। वे उज्जैन की कांग्रेस नेता नूरी खान के पति हैं।

*चुनाव प्रचार अभियान समिति में इन्हें शामिल किया*
चुनाव प्रचार अभियान समिति में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल, विवेक तंखा, राजमणि पटेल, नकुलनाथ, सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, केपी सिंह, लक्ष्मण सिंह, बाला बच्चन, तरुण भनोट, ओमकार सिंह मरकाम, विजयलक्ष्मी साधो, राजेंद्र सिंह, हिना कांवरे, लाखन सिंह यादव, सुखदेव पांसे, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, सुरेंद्र सिंह, हनी बघेल, रामनिवास रावत, सुरेंद्र चौधरी, आरिफ मसूद, महेंद्र जोशी, शोभा ओझा, अशोक सिंह, राजीव सिंह को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। राज्य स्तरीय फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख और SC/ST OBC माइनॉरिटी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष भी इस समिति के सदस्य होंगे।
नाराजगी दूर करने की कोशिश
साल 2018 में बनी कांग्रेस की सरकार में कई नेता ऐसे थे, जिन्हें वरिष्ठ होने के बावजूद मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। इनमें शिवपुरी जिले की पिछोर सीट से 6 बार के विधायक केपी सिंह को और चाचौड़ा (गुना) से विधायक लक्ष्मण सिंह को कमलनाथ कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई थी। केपी सिंह इसके बाद से ही लगातार अंदरखाने नाराज चल रहे हैं। वे पार्टी के कार्यक्रमों में कम ही नजर आते हैं। उनकी नाराजगी को देखते हुए उन्हें अब कैंपेन कमेटी में बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
AICC ने कैंपेन कमेटी में पिता – पुत्र और दो सगे भाई भी शामिल किए हैं। छिंदवाड़ा से मौजूदा सांसद नकुलनाथ के साथ ही उनके पिता कमलनाथ इस कमेटी के सदस्य हैं। दिग्विजय सिंह और उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को भी इस कमेटी में शामिल किया गया है।
भोपाल की मध्य सीट से पहली बार विधायक बने आरिफ मसूद को भी इसमें जगह मिली है। भोपाल के वरिष्ठ विधायक आरिफ अकील के बीमार होने के चलते वे पार्टी के कार्यक्रमों में भाग नहीं ले पा रहे थे।अल्पसंख्यकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आरिफ मसूद को इस कमेटी में बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

*विधानसभा चुनाव ऑब्जर्वर की ये रहेगी जिम्मेदारी*
कांग्रेस ने इस साल विधानसभा चुनाव वाले 5 राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं। मध्यप्रदेश की कांग्रेस नेता मीनाक्षी नटराजन को छत्तीसगढ़ का ऑब्जर्वर बनाया गया है।
MP में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के सीनियर ऑब्जर्वर और ऑब्जर्वर टिकट वितरण से लेकर चुनावी रणनीति बनाने का काम भी करेंगे। पार्टी को एकजुट रखना, नेताओं की नाराजगी दूर करने का काम भी देखेंगे। कार्यकर्ताओं और नेताओं की समस्याएं और सुझाव भी ये नेता सुनेंगे। क्षेत्र की वास्तविक स्थिति जानकर उसके अनुसार जीत की रणनीति पर काम करेंगे।
*एमपी की सभी 29 लोकसभा सीटों पर ये रहेंगे कांग्रेस ऑब्जर्वर*
उत्तराखंड के हल्द्वानी के रहने वाले कांग्रेस नेता प्रकाश जोशी को ग्वालियर लोकसभा सीट का ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। प्रकाश जोशी दो बार (2012 और 2017) कालाढूंगी विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके हैं। वे एआईसीसी के सचिव भी रह चुके हैं। उन पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर के इलाके की ग्वालियर लोकसभा सीट को जिताने की जिम्मेदारी है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके डॉ. अनीस अहमद को पीसीसी चीफ कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट का पर्यवेक्षक बनाया गया है। अनीस अहमद नागपुर सेंट्रल सीट से 2014 में चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। महाराष्ट्र के पुणे शहर के रहने वाले महेश जोशी को एआईसीसी ने इंदौर लोकसभा सीट का ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। वे महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। 2002 में विश्व हिन्दू परिषद की बैठक में घुसकर उन्होंने विहिप नेता प्रवीण तोगडिया के मुंह पर कालिख पोत दी थी। वे महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। 1999 और 2019 में वे पुणे से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।
विधानसभावार पूरे लोकसभा क्षेत्र में जीत की रणनीति बनाएंगे
बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेदारी, कार्यकर्ताओं को चार्ज करेंगे
दावेदारों की स्थित पर नजर रख पार्टी को फीडबैक देंगे
पार्टी को एकजुट करेंगे और नेताओं की नाराजगी दूर करेंगे
कार्यकर्ता और नेताओं की बात सुनकर पार्टी के सामने रखेंगे
चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी रहेगी। एआईसीसी ने एमपी विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए ऐसे नेताओं को जिम्मेदारी दी है। जो लो-प्रोफाइल और ग्राउंड पर काम करने वाले नेता हैं। इनमें चार वर्तमान में विधायक और एक सांसद हैं। बीजेपी से मुकाबला करने के लिए अब कांग्रेस हाई प्रोफाइल लीडर्स के बजाय ग्राउंड पर जाकर संगठन का काम करने वाले नेताओं को जिम्मेदारी दे रही है।

*कमलनाथ ने की दिल्ली में नेताओं के साथ बैठक*
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दिल्ली में पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद ही एमपी के सीनियर ऑब्जर्वर और ऑब्जर्वर के नाम पर मुहर लगी। साथ ही प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की गई है।

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