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गोबिंद सिंह लौंगोवाल एक बार फिर बने एसजीपीसी प्रधान*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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गोबिंद सिंह लौंगोवाल एक बार फिर बने एसजीपीसी प्रधान*
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अमृतसर ;- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने बार फिर से गोबिंद सिंह लौंगोवाल पर भरोसा जताया। जनरल इजलास में लौंगोवाल को फिर से एसजीपीसी का प्रधान चुन लिया गया है, जबकि रघुजीत सिंह विर्क को सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट, बिकर सिंह चानो को जूनियर प्रेसिडेंट और गुरबचन सिंह करमूवाल को महासचिव चुना गया।
सूत्रों के मुताबिक लौंगोवाल का प्रधान बनना पहले से ही तय था। एसजीपीसी सदस्यों द्वारा सुखबीर बादल को अध्यक्ष चुनने का अधिकार दे दिया गया था। इसके बाद तय माना जा रहा था कि लोगोंवाल के नाम पर मुहर लग जाएगी। इस पद की दौड़ पूर्व मंत्री तोता सिंह और माझा से अरविंदर पाल सिंह पखोके भी शामिल थे। इस बार कार्यकारिणी समिति में भारी तबदीली देखने को मिल सकती है। बागी अकालियों को कमजोर करने के लिए उनके समर्थकों को कार्यकारिणी से दूर रखे जाने की संभावना है। एसजीपीसी का जरनल इजलास मंगलवार को तेजा सिंह समुद्री हाल में हुआ, जिसमें लोगोंवाल के नाम पर मुहर लगी। पंथक फ्रंट ने किया चुनाव का बहिष्कार पंथक फ्रंट ने पंथक मामलों को लेकर मंगलवार को अमृतसर के तेजा सिंह समुद्री हाल में हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के चुनाव का बहिष्कार किया। इसके अतिरिक्त लुधियाना से एसजीपीसी के सदस्य बलविंदर सिंह बैंस और नवां शहर से मनविंदर सिंह ने भी बेअदबी के मुद्दे पर चुनाव का बहिष्कार किया। पंथक फ्रंट के संयोजक सुखदेव सिंह भौर ने कहा कि बादल परिवार ने पंथक परंपराओं को तोड़ते हुए 24 सितंबर 2015 को सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह को माफी दिलवाई तथा इस उद्देश्य के लिए विज्ञापनों पर गुरू गोलक के लाखों रुपये खर्च कर दिए गए। उन्होंने कहा कि डेरा प्रेमियों ने बुर्ज ज्वाहर सिंह से श्री गुरु ग्रंथ साहिब चोरी कर बेअदबी की घटना को अंजाम दिया और ग्रंथ साहिब के पृष्ठों को पोस्टर के तौर पर दीवारों पर भी चिपकाया। इस घटना से समूचे सिख पंथ में मायूसी थी लेकिन बादल परिवार ने दोषियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के बजाय डेरा प्रमुख का साथ दिया। भौर ने कहा कि एसजीपीसी के अधिकतर सदस्यों को पंथ से कोई वास्ता नहीं है। वह केवल बादल परिवार को ही पंथ समझते हैं। उन्होंने कहा कि वह सिख कौम को विश्वास दिलाते हैं कि वह अपनी सामथ्र्य के अनुसार सीमित साधनों द्वारा ही पंथ की सेवा करेंगे और बेअदबी मामले पर अपना संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने खालसा पंथ से अपील की है कि वह अपने-अपने इलाकों में एसजीपीसी के सदस्यों से बेअदबी घटना संबंधी सवाल करें। लुधियाना दक्षिण से विधायक एवं एसजीपीसी के सदस्य बलविंदर सिंह और नवां शहर से एसजीपीसी के सदस्य मनविंदर सिंह ने चुनाव का बहिष्कार किया। वह मांग कर रहे थे कि चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले बेअदवी की घटना पर बहस करवाई जाए।
लेकिन प्रबंधकों ने कहा कि बहस चुनाव के पश्चात करवाई जाएगी जिस पर उन्होंने चुनाव का बहिष्कार कर दिया।

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