*राजस्थान कांग्रेस के तेजतर्रार युवा नेता सचिन पायलट पार्टी की मुख्यधारा में लौटे, कहा उम्र और अनुभव में बड़े हैं सीएम अशोक गहलोत*
*राणा ओबराय*
*राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,*
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*राजस्थान कांग्रेस के तेजतर्रार युवा नेता सचिन पायलट पार्टी की मुख्यधारा में लौटे, कहा उम्र और अनुभव में बड़े हैं सीएम अशोक गहलोत*
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दिल्ली/ जयपुर ;- ‘खरगे साहब अनुभवी नेता और हमारे निर्वाचित अध्यक्ष हैं, उन्होंने जो बात बोली वह मेरे लिए एक सुझाव भी है और निर्देश भी. उन्होंने कहा कि भूलो और माफ करो, वह समय वापस आने वाला नहीं है. अब हमारे सामने एक नई चुनौती है. अब सकारात्मक सोच रखकर आगे की ओर देखना पड़ेगा. पार्टी जो निर्णय करती है, वह पार्टी के कार्यक्षेत्र में आता है. हम लोगों को तो संगठन को मजबूत करना है औऱ चुनाव जीतना है. उस दिशा में हमें पूरी ताकत लगाकर काम करना है.’ यह कहना है राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट का. सीएम अशोक गहलोत से अनबन के बीच ‘भूलो और माफ करो’ बयान तेजी से चर्चा में है.
अब किसने मीटिंग बुलाई नहीं बुलाई, किसने किसके लिए क्या बोला यह सब अतीत में है. मैं ऐसा मानता हूं कि पार्टी के नियम कानून औऱ अनुशासन का दायरा है, वह सबके लिए बराबर है. कोई छोटा कार्यकर्ता है या कोई बड़ा नेता है, हम उनके लिए अलग-अलग मापदंड नहीं बना सकते, यह सही नहीं है। *उम्र और अनुभव में बड़े हैं अशोक गहलोत सचिन पायलट*
गौरतलब है कि दो दिन पहले दिल्ली में हुई कांग्रेस की बैठक के बाद अब पूरी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट नरम होते दिखने लगे हैं. सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कह दी है. पीटीआई को इंटरव्यू देते हुए सचिन पायलट ने सीएम गहलोत से मतभेदों पर कहा कि अशोक गहलोत उम्र और अनुभव में बड़े हैं. उनके कंधे पर कई बड़ी जिम्मेदारियां हैं. सामूहिक नेतृत्व ही चुनाव में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी कह दिया है कि भूलो और माफ करो.
‘किसी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं पार्टी और जनता’
सचिन पायलट ने आगे कहा कि जब वह प्रदेश अध्यक्ष थे तो उनकी कोशिश थी कि सबको साथ लेकर चलें. आज अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं, तो वह भी कोशिश कर रहे हैं कि सबको साथ लेकर चलें. कहीं कुछ आगे-पीछे हो भी जाता है तो कोई बड़ी बात नहीं है. सचिन पायलट का कहना है कि पार्टी और जनता किसी व्यक्ति विशेष से ज्यादा बड़ी और महत्वपूर्ण है. यह बात वह भी समझते हैं और अशोक गहलोत भी। सचिन पायलट ने यह भी कहा कि सामूहिक नेतृत्व ही आगे जाने का इकलौता रास्ता है. जब वह राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे तो उस वक्त ये कहा था कि कोई व्यक्ति ये दावा नहीं कर सकता कि उसके पास चुनाव जीतने का जादू है. वहीं, चुनाव में कौन सी जिम्मेदारी निभाए जाने के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि ये तो आलाकमान को तय करना है, लेकिन राजस्थान में चुनाव जीतने के लिए जो भी संभव होगा, वह सभी मिलकर करेंगे।