*चंडीगढ़ वासियों ने पहली बार देखा भयंकर बारिश का प्रकोप*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
*चंडीगढ़ वासियों ने पहली बार देखा भयंकर बारिश का प्रकोप*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ ;- लोगों को पहली बार ऐसी मूसलाधार बारिश देखने को मिली। चंडीगढ़ के इतिहास में पहली बार 24 घंटे में 322.2 एमएम बारिश दर्ज की गई है। शनिवार सुबह 8:30 बजे से लेकर रविवार सुबह 8:30 बजे तक 322.2 एमएम बारिश हुई है। 24 घंटे में इतनी बारिश चंडीगढ़ में इससे पहले कभी नहीं हुई। उधर, मौसम विभाग ने एक बार फिर चंडीगढ़, रोपड़, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
सुखना लेक ओवरफ्लो, कई जगह पेड़ गिरे
सेक्टर 43 का बस स्टैंड पूरी तरह से जलमग्न है। यहां कई फुट तक पानी भरा है। वहीं सुखना लेक भी ओवरफ्लो हो गई है। इंडस्ट्रियल एरिया फेस वन में कॉलोनी नंबर चार के पास की लाइट के पास भी भारी जल भराव है। शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं अधिक बारिश की वजह से पंजाब यूनिवर्सिटी और धनास में कई पेड़ गिर गए हैं। खुड्डा लहौरां में पानी लोगों के घरों में घुस गया है।
ये सड़कें बंद
सुखना लेक- किशनगढ़ रोड
मनीमाजरा- बापूथाम (बैकसाइड रोड)
रेलवे स्टेशन- इंडस्ट्रियल एरिया रोड
डेराबस्सी- ढकोली रोड
दरिया- मक्खन माजरा रोड
मानसून की पहली मूसलाधार बारिश में शनिवार को पूरा चंडीगढ़ जलमग्न हो गया था। रविवार को भी शहर की सड़कें तालाब बनी हैं। शहर के लगभग सभी चौराहों पर दो फुट तक पानी भरने से वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई। साइलेंसर और इंजन में पानी भरने से कई गाड़ियां भी बंद हो गईं। सड़क पर जाम की स्थिति बन गई। गनीमत यह है रविवार होने के कारण सड़कों पर ट्रैफिक कम है। बारिश जहां कई इलाकों में आफत लेकर आई वहीं, लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत भी मिली है।
घरों और दुकानों में घुसा पानी
कई लोगों के मकानों और दुकानों में पानी भर गया है। शहर की सड़कें लबालब हो गईं। गांव और कॉलोनियों की हालत अधिक खराब हैं। गांव में गलियों की गई खुदाई के कारण लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। गांव रायपुरखुर्द की हालत बहुत खराब है। लोगों को अपने घरों से से बाहर आना जाना मुश्किल हो गया। यही हालत गांव खुड्डाअलीशेर, मक्खन माजरा व अन्य गांव के हैं। वहीं, शहर के अधिकांश मार्केट में पानी घुस गया।
सुबह आठ बजे से शुरू हुई बारिश
शनिवार को सुबह आठ बजे के करीब पूरे चंडीगढ़ में झमाझम बारिश शुरू हुई। बरसात रविवार सुबह तक जारी है। 24 घंटे में हुई भारी बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सेक्टर-9 स्थित मटका चौक, पंजाब यूनिवर्सिटी, सीटीयू वर्कशॉप और मनीमाजरा आदि इलाकों में भारी मात्रा में बारिश का पानी जमा हो गया। हल्लोमाजरा के मकान नंबर 1315, 1356 और 1361 में पानी भर आया।
पालिका बाजार के बेसमेंट में भरा पानी
सेक्टर-19 स्थित पालिका बाजार में बारिश का पानी भर गया। दुकानदारों को काफी परेशानी हुई। कई दुकानदारों का सामान भी खराब हो गया। पालिका बाजार के प्रधान नरेश कुमार जैन ने बताया पिछले 25- 30 सालों से यह समस्या बनी हुई है। प्रशासन को बार-बार कहने के बाद भी पालिका बाजार के बरामदों के ऊपर छत डालने की मांग की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की ओर से कई बार सर्वे किया गया। इसके नक्शे भी पास हो चुके हैं। पालिका बाजार के दुकानदार कई बार अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से मिले हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया।
*कौशल्या डैम से छोड़ा गया 600 क्यूसिक पानी*
उधर, हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से जलस्तर बढ़कर अधिकतम सीमा तक पहुंचने पर कौशल्या डैम के दो गेट खोलकर 600 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। कौशल्या डैम की अधिकतम पानी स्टोरेज की क्षमता 478 मीटर है। अगर पानी का स्तर इस लेवल तक पहुंचता है तो कौशल्या डैम प्रबंधन एहतियातन अधिक पानी को छोड़ना शुरू कर देता है।
ट्राइसिटी और हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद कौशल्या डैम का जलस्तर बढ़कर शनिवार को अधिकतम सीमा तक पहुंच गया और शाम करीब 7 बजे कौशल्या डैम के दो गेट खोल कर पानी को छोड़ा गया। पानी छोड़ने से पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई। इसके अलावा गेट खोलने से दो घंटे पहले कौशल्या डैम के समीप रहने वाले लोगों को सायरन बजाकर सचेत भी किया गया। डैम में पानी अधिक आने से कौशल्या डैम के दो गेट खोल कर 600 सौ क्यूसिक पानी छोड़ा गया। अधिकतम क्षमता सीमा को बनाए रखने के लिए जितना पानी अधिक आ रहा है। उसको रिलीज किया जा रहा है। – कैलाश शर्मा जेई सिंचाई विभाग, कौशल्या डैम प्रबंधन।
*चंडीगढ़ ने देखी पहली बार ऐसी बारिश*
चंडीगढ़ के लोगों को पहली बार ऐसी मूसलाधार बारिश देखने को मिली। चंडीगढ़ के इतिहास में पहली बार 24 घंटे में 322.2 एमएम बारिश दर्ज की गई है। शनिवार सुबह 8:30 बजे से लेकर रविवार सुबह 8:30 बजे तक 322.2 एमएम बारिश हुई है। 24 घंटे में इतनी बारिश चंडीगढ़ में इससे पहले कभी नहीं हुई। उधर, मौसम विभाग ने एक बार फिर चंडीगढ़, रोपड़, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
सुखना लेक ओवरफ्लो, कई जगह पेड़ गिरे
सेक्टर 43 का बस स्टैंड पूरी तरह से जलमग्न है। यहां कई फुट तक पानी भरा है। वहीं सुखना लेक भी ओवरफ्लो हो गई है। इंडस्ट्रियल एरिया फेस वन में कॉलोनी नंबर चार के पास की लाइट के पास भी भारी जल भराव है। शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं अधिक बारिश की वजह से पंजाब यूनिवर्सिटी और धनास में कई पेड़ गिर गए हैं। खुड्डा लहौरां में पानी लोगों के घरों में घुस गया है।
ये सड़कें बंद
सुखना लेक- किशनगढ़ रोड
मनीमाजरा- बापूथाम (बैकसाइड रोड)
रेलवे स्टेशन- इंडस्ट्रियल एरिया रोड
डेराबस्सी- ढकोली रोड
दरिया- मक्खन माजरा रोड
मानसून की पहली मूसलाधार बारिश में शनिवार को पूरा चंडीगढ़ जलमग्न हो गया था। रविवार को भी शहर की सड़कें तालाब बनी हैं। शहर के लगभग सभी चौराहों पर दो फुट तक पानी भरने से वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई। साइलेंसर और इंजन में पानी भरने से कई गाड़ियां भी बंद हो गईं। सड़क पर जाम की स्थिति बन गई। गनीमत यह है रविवार होने के कारण सड़कों पर ट्रैफिक कम है। बारिश जहां कई इलाकों में आफत लेकर आई वहीं, लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत भी मिली है।
कई लोगों के मकानों और दुकानों में पानी भर गया है। शहर की सड़कें लबालब हो गईं। गांव और कॉलोनियों की हालत अधिक खराब हैं। गांव में गलियों की गई खुदाई के कारण लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। गांव रायपुरखुर्द की हालत बहुत खराब है। लोगों को अपने घरों से से बाहर आना जाना मुश्किल हो गया। यही हालत गांव खुड्डाअलीशेर, मक्खन माजरा व अन्य गांव के हैं। वहीं, शहर के अधिकांश मार्केट में पानी घुस गया।
*सुबह आठ बजे से शुरू हुई बारिश*
शनिवार को सुबह आठ बजे के करीब पूरे चंडीगढ़ में झमाझम बारिश शुरू हुई। बरसात रविवार सुबह तक जारी है। 24 घंटे में हुई भारी बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सेक्टर-9 स्थित मटका चौक, पंजाब यूनिवर्सिटी, सीटीयू वर्कशॉप और मनीमाजरा आदि इलाकों में भारी मात्रा में बारिश का पानी जमा हो गया। हल्लोमाजरा के मकान नंबर 1315, 1356 और 1361 में पानी भर आया।
सेक्टर-19 स्थित पालिका बाजार में बारिश का पानी भर गया। दुकानदारों को काफी परेशानी हुई। कई दुकानदारों का सामान भी खराब हो गया। पालिका बाजार के प्रधान नरेश कुमार जैन ने बताया पिछले 25- 30 सालों से यह समस्या बनी हुई है। प्रशासन को बार-बार कहने के बाद भी पालिका बाजार के बरामदों के ऊपर छत डालने की मांग की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की ओर से कई बार सर्वे किया गया। इसके नक्शे भी पास हो चुके हैं। पालिका बाजार के दुकानदार कई बार अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से मिले हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया।
*कौशल्या डैम से छोड़ा गया 600 क्यूसिक पानी*
उधर, हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से जलस्तर बढ़कर अधिकतम सीमा तक पहुंचने पर कौशल्या डैम के दो गेट खोलकर 600 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। कौशल्या डैम की अधिकतम पानी स्टोरेज की क्षमता 478 मीटर है। अगर पानी का स्तर इस लेवल तक पहुंचता है तो कौशल्या डैम प्रबंधन एहतियातन अधिक पानी को छोड़ना शुरू कर देता है।
ट्राइसिटी और हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद कौशल्या डैम का जलस्तर बढ़कर शनिवार को अधिकतम सीमा तक पहुंच गया और शाम करीब 7 बजे कौशल्या डैम के दो गेट खोल कर पानी को छोड़ा गया। पानी छोड़ने से पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई। इसके अलावा गेट खोलने से दो घंटे पहले कौशल्या डैम के समीप रहने वाले लोगों को सायरन बजाकर सचेत भी किया गया। डैम में पानी अधिक आने से कौशल्या डैम के दो गेट खोल कर 600 सौ क्यूसिक पानी छोड़ा गया। अधिकतम क्षमता सीमा को बनाए रखने के लिए जितना पानी अधिक आ रहा है। उसको रिलीज किया जा रहा है। – कैलाश शर्मा जेई सिंचाई विभाग, कौशल्या डैम प्रबंधन।