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हरियाणा सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाले शातिर फर्जी चार्टेड अकॉउंटेन्ट को पुलिस ने किया गिरफ्तार*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाले शातिर फर्जी चार्टेड अकॉउंटेन्ट को पुलिस ने किया गिरफ्तार*
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कहावत है सौ दिन चोर के एक दिन पुलिस का, मतलब कितना भी बड़ा शातिर दिमाग अपराधी हो एक न एक दिन वह पुलिस के शिकंजे में फंस ही जाता है। ऐसा ही हाल नकली CA के साथ हुआ। कई प्रदेशों को करोड़ों का चुना लगाने वाला नकली CA करनाल क्राईम ब्रांच के हत्थे चढ़ ही गया। करनाल जिले की क्राइम ब्रांच ने एक नकली CA को गिरफ्तार किया है। शॉर्प माइंडेड आरोपी से पूछताछ में तीन राज्यों में फैले जीएसटी के मकड़जाल का खुलासा हुआ है। अपराधी ने फर्जी सीए बनकर दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल को टारगेट बनाया और करोड़ों का GST घोटाला किया। आरोपी ने अकेले हरियाणा में पिछले 4 साल में 15 करोड़ की फर्जी बिलिंग करके प्रदेश सरकार को 3 करोड़ का चूना लगाया है। बाकी दोनों राज्यों को भी इसी तरह करोड़ों की चपत लगाई है। आरोपी इतने शातिराना तरीके से फर्जीवाड़ा कर रहा था कि GST/CGST के सामने फर्जीवाड़ा तो आ रहा था, मगर आरोपी का पता नहीं लग पा रहा था। अब करनाल क्राइम ब्रांच के ASP अमित दहिया के नेतृत्व में टीम ने परत दर परत खोलते हुए आरोपी को पानीपत-करनाल नेशनल हाईवे से गिरफ्तार किया है। आरोपी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, मूल रूप से यूपी के गाजियाबाद का रहने वाला पुनीत श्योंकर(40) पिछले कई सालों से दिल्ली के करोल बाग में एक कार्यालय संचालित करके CA बनकर काम कर रहा था। उसने 2005 में बीकॉम की थी। इसके बाद वह किसी सीए के पास रहकर काम सीखने लगा, जहां उसने अपने ही तरीके से VAT टैक्स में दलाली व चोरी करना सीखी। 2015 तक उसने वैट में दलाली करके खूब पैसा कमाया। इसके बाद वह लोगों को अपने आप को सीए बताने लगा। 2017 में GST शुरू हुई। उसने जीएसटी को भी अपना कमाई का बड़ा जरिया बनाने की ठानी। पहले उसने जीएसटी समझी और फिर 2018-2019 में उसने जीएसटी में फर्जीवाड़ा शुरू किया। उसने गरीब व अनपढ़ लोगों को गैस सिलिंडर दिलवाने, नौकरी लगवाने, विदेश भेजने, अनाज दिलवाने समेत अन्य कई तरह के प्रलोभन दिए। उसने उनके दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पेन कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो ली। इन दस्तावेजों के आधार पर उसने सैंकड़ों फर्जी फर्में खोलीं और इनमें बिलिंग करने लगा। आरोपी ने अकेले हरियाणा में इस तरह की 40 फर्में खोलीं। हरियाणा के 4 जिलों यमुनानगर, पानीपत, रोहतक और कैथल को मुख्यत: अपना निशाना बनाया। पानीपत में करीब 7 फर्में थीं। इन जिलों के व्यापारियों को अपने झांसे में फंसाया। उसने कम-ज्यादा बिलिंग का लालच दिया। जिस माल पर अधिकतम 5% जीएसटी लगनी थी, उसी माल की सप्लाई की। जिस पर 12, 18 व 28% जीएसटी लगनी थी, उनकी सिर्फ बिलिंग की गई। इसके बाद वह दिल्ली स्थित एक निजी बैंक अकाउंट में जीएसटी रिफंड क्लेम क्रेडिट लेता था। इस तरह से इसने हरियाणा में 15 करोड़ की बिलिंग करके 3 करोड़ की फर्जी जीएसटी बिलिंग का रिफंड ले लिया।
आरोपी के खिलाफ करीब साढ़े 3 साल पहले हरियाणा के यमुनानगर में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में जीएसटी टीम अपने स्तर पर लगातार जांच करके उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी। जीएसटी टीम को लगता था कि उनके पास अनेक तथ्य हैं और वे आरोपी तक जल्द व जरूर पहुंचेंगे। मगर शातिर ने अपने बचाव में अनेकों तरह के हथकंडे अपनाए हुए थे, जिससे वह बच जाता था। हालंकि एक बार हिमाचल प्रदेश सरकार आरोपी तक जरूर पहुंच गई थी। आरोपी को तलब भी किया गया था, मगर वहां वह अधिकारियों को अपनी बातों में उलझा कर खुद को बिल्कुल सही साबित कर आया था। हरियाणा में साढ़े तीन साल तक जीएसटी टीम ने जांच की। सफलता हाथ न लगने पर सरकार को बताया, जिसके बाद सरकार ने केस की पैरवी करनाल क्राइम ब्रांच को सौंपी। करनाल ब्रांच के एएसपी अमित दहिया ने बताया कि उनके पास करनाल, पानीपत, सोनीपत का चार्ज है। केस की जांच उनकी टीम को मिली। टीम ने शुरूआत से जांच की। मेल आईडी से लेकर IP एड्रेस, बिलिंग लोकेशन, खाता धारकों के पते, खातों में दिए गए नंबरों की लोकेशन, ओटीपी जनरेट होने की जगह, पोर्टल बिल आदि तक को सर्विलांस पर लिया। जांच में बड़ा तथ्य सामने आया कि आरोपी ने अपनी फर्म बूटन के नाम से रजिस्ट्रर्ड करवाई हुई थी, जिसमें सिर्फ धागा संबंधित काम होना था। मगर उसने इस फर्म से कपड़े के अलावा लोहा, बैट्री, तेल आदि के भी बिल काटे और जीएसटी की बड़ी चोरी की। धोखा देने के लिए दिल्ली के निजी बैंक में किसी अन्य के दस्तावेजों पर खाता खुलवाया हुआ था। कुछ संदिग्ध नंबर भी टीम को मिले, जिन्हें सर्विलांस पर लगाया गया। इन सभी तथ्यों के आधार पर आरोपी को पहली बार पकड़ा गया है।

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