धर्मनगरी कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर कौन सा महारथी होगा विजेता,जीत के लिए सभी दलों ने बनाई व्यूहरचना*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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धर्मनगरी कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर कौन सा महारथी होगा विजेता,जीत के लिए सभी दलों ने बनाई व्यूहरचना*
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चंडीगड़/कुरुक्षेत्र ;- हरियाणा में हो रहे लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र की चर्चा भी जोरो पर है। क्योंकि यहां इनेलो का युवराज अर्जुन चौटाला नवीन जिंदल के मना करने के पश्चात कांग्रेस के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह बसपा प्रत्याशी शशि सैनी और भाजपा के वर्तमान राज्यमंत्री नायब सैनी और जेजेपी के डीडी शर्मा मुख्य रूप से चुनाव मैदान में है।कुरूक्षेत्र का मैदान चुनावी रण के लिए सजकर तैयार हो चुका है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। कुरुक्षेत्र के चुनावी रण में इस बार मुकाबला रोचक होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र लोकसभा से अपने खास सिपहसलार नायब सिंह सैनी को उतारा है। कुरुक्षेत्र के चुनावी रण में भाजपा प्रत्याशी नायब सिंह सैनी के रूप में जहां सीधे मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, वहीं अर्जुन चौटाला को चुनावी रण में जिताने के लिए इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला व इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा पर भी बड़ी जिम्मेदारी है। पूर्व सांसद नवीन जिंदल के चुनाव नहीं लडऩे से यहां पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद को टिकट दिया गया है। निर्मल सिंह का कार्यक्षेत्र अंबाला है, लेकिन इस बार जातीय समीकरणों को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें यहां से मैदान में उतारा है। कांग्रेस द्वारा बाहरी प्रत्याशी निर्मल सिंह को टिकट दिए जाने से वे कांग्रेस कार्यकर्ता खुद ही अपने जाल में फंस गए है जो अपनी बयानबाजी में भाजपा प्रत्याशी नायब सैनी को बाहरी कह रहे थे। धर्मनगरी के कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस के पास भी नवीन जिंदल के इलावा कुरुक्षेत्र लोकसभा से कोई स्थानीय मजबूत प्रत्याशी नही था जिस कारण उन्हें भी बाहरी प्रत्याशी को टिकट देनी पड़ी। इस कारण कांग्रेस की भी काफी किरकरी हो रही है। इतना ही नहीं कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह को कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से कई स्थानीय नेता जानते तक नही है। सूत्रों का तो ये भी कहना है कि निर्मल सिंह को टिकट देने के बाद वो कांग्रेसजन भी काफी नाराज है जो स्वयं टिकट के दावेदार थे। इनेलो ने अुर्जन चौटाला को कुरुक्षेत्र लोकसभा से प्रत्याशी घोषित किया है। अभय सिंह चौटाला ने करीब 15 साल पहले 2004 में यहां से खुद लोकसभा का चुनाव लड़ा था। अब उन्होंने अपने बेटे की लांचिंग कर विरोधियों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। अर्जुन चौटाला हरियाणा में चुनाव लड़ रहे सबसे कम उम्र के प्रत्याशी हैं। इनेलो में हुए दोफाड़ के बाद जननायक जनता पार्टी अस्तित्व में आई। दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला जजपा की राजनीति कर रहे तो अभय चौटाला ने अपने बेटे अर्जुन चौटाला व करण चौटाला को यूथ और छात्र विंग की जिम्मेदारी सौंपी। कुरुक्षेत्र के रण में पहली बार ताल ठोंक रहे अर्जुन चौटाला इनेलो की यूथ और छात्र विंग के प्रभारी हैं। इसके अलावा जय भगवान शर्मा यहां से जजपा और आप गठबंधन के प्रत्याशी हैं। जयभगवान शर्मा उर्फ डीडी शर्मा वर्ष 2014 में पिहोवा सीट पर भाजपा का चुनाव लड़ा और लगभग 40 हजार वोट लिए थे लेकिन वे चुनाव हार गए थे। हालांकि जयभगवान शर्मा डीडी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को रिझाने के लिए पिहोवा में एक रैली कर अपनी शक्ति का भी प्रदर्शन किया उसके बावजूद उनकी भाजपा में दाल नही गली और अंतत: उन्होंने इनेलो-कांग्रेस की तरह भाजपा को भी छोडऩे का ऐलान कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी राजनीति बरकरार रखने के उद्देश्य से अकाली दल बादल के नेताओंं को भी अपने घर चाय पर आमंत्रित कर अपनी राजनैतिक गोटियां फिट करने की कोशिश की लेकिन जैसे ही इनेलो दोफाड़ हुई तो उन्होंने दुष्यंत चौटाला की लीडरशिप में जेजेपी का दामन थाम लिया।
वर्तमान परिस्थितियों में यदि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट का आंकलन किया जाए तो मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में है।बाकी तो आने वाला समय ही बताएगा कुरुक्षेत्र लोकसभा की सीट पर कौन से पार्टी के प्रत्याशी को विजयश्री मिलती है।