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हरियाणा में आचार संहिता लगने पर भी पब्लिक सर्विसेज कमीशन तथा HSSC कर सकती हैं नियुक्तियां/ सीईओ ने कहा सांविधानिक निकाय के पास अधिकार/ नही पहुचे कैबिनेट के फैंसले*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा में आचार संहिता लगने पर भी पब्लिक सर्विसेज कमीशन तथा HSSC कर सकती हैं नियुक्तियां/ सीईओ ने कहा सांविधानिक निकाय के पास अधिकार/ नही पहुचे कैबिनेट के फैंसले*
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चंडीगड़ ;- हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की भर्तियां चुनाव आचार संहिता के दौरान भी जारी रहेंगी। दोनों सांविधानिक निकाय पहले की तरह भर्तियां, नियुक्तियां व पदोन्नितयां भी कर सकेंगे।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने यह स्पष्ट किया है कि आचार संहिता का भर्ती प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चुनाव आयोग के निर्देशों में स्पष्ट है कि यूपीएससी, राज्य लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग या किसी अन्य वैधानिक प्राधिकरण के माध्यम से नियमित भर्ती, नियुक्ति या पदोन्नति जारी रह सकती है। विश्वविद्यालय, एचकेआरएन और अन्य सरकारी विभाग अथवा गैर-वैधानिक निकायों के माध्यम से भर्तियों के लिए चुनाव आयोग की स्वीकृति लेनी पड़ेगी।
*आचार संहिता लगने के बाद मांगे थे आवेदन*
16 अगस्त को आचार संहिता लागू होने के बाद उसी रात एचएसएससी ने ग्रुप सी के 6,111 पदों पर आवेदन मांगे थे। इसकी शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की थी। उसी शिकायत का निपटारा करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नियमानुसार आचार संहिता के दौरान सांविधानिक निकाय को नियुक्तियों के साथ पदोन्नति का भी अधिकार है।
पहले से ही एचएसएससी की तरफ से करीब 30 हजार पदों को लेकर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए आयोग द्वारा परीक्षाओं को लेकर संभावित शेड्यूल भी जारी किया जा चुका है। आयोग के इस स्पष्टीकरण से साफ हो गया है कि चुनाव आचार संहिता हटने से पहले हरियाणा में हजारों युवाओं को नौकरी मिल सकती है। उनको नई सरकार का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
इन मुद्दों पर भी स्पष्ट की स्थिति
-उम्मीदवार की खर्च सीमा 40 लाख रुपये ही होगी। राजनीतिक दलों से बैठक में इसे बढ़ाने की मांग की गई थी लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो सका। करनाल और गुरुग्राम में लगे पोस्टरों पर जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट लेंगे। दोनों शहरों में भाजपा के प्रचार अभियान नॉन स्टॉप हरियाणा के विरुद्ध पोस्टर चस्पा हुए थे।
-राज्य ने केंद्रीय बलों की 225 कंपनियों की मांग की है, जिनमें से 70 पहले ही आवंटित की जा चुकी हैं। बाकी कंपनियां मतदान से पहले आ जाएंगी।
*नहीं मिले मंत्रिमंडल के फैसले*
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उन्हें पिछले दिनों हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में सर्वसम्मति से स्वीकार किए गए एजेंडे अभी नहीं मिले हैं। 17 अगस्त को बैठक में अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने, 50 हजार से ऊपर संविदा पर तैनात गेस्ट टीचर व अन्य लोगों टीचरों की 58 साल तक नौकरी सुरक्षित रखने पर सहमति बनी थी। सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा था कि उन्होंने कैबिनेट के फैसले निर्वाचन आयोग को भेजेंगे।

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