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बेख़ौफ़ अपराधी किस्म के लोग मुख्य न्यायाधीश बनकर एमडी को देने लगे निर्देश, अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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बेख़ौफ़ अपराधी किस्म के लोग मुख्य न्यायाधीश बनकर एमडी को देने लगे निर्देश, अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज*
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हिसार/चंडीगढ़ ;- अपराधी किस्म के लोग अपराध करने की सीमा पर करते जा रहे हैं। पहले ऐसे लोग IAS या IPS बनकर लोगो को धमकाते थे। फिर उनसे मोटी रकम वसूल करते थे। परन्तु अब यह लोग छोटा मोटा जज नही बल्कि हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनकर IAS स्तर के अधिकारियों को काम करने का आदेश देते है। इसी तरह का एक मामला सामने आया है। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो एक्ट ) के तहत सजायाफ्ता दक्षिण हरियाणा बिजली निगम के एक सहायक लाइनमैन बलवान सिंह को निगम के एमडी ने सेवा से बर्खास्त कर दिया। कर्मचारी ने बहाली के लिए अपने एक दोस्त रविंद्र जांगड़ा से सहायता करने को कहा। जांगड़ा ने अपने दोस्त अवतार सिंह से इस मामले में मदद मांगी। अवतार सिंह ने बलवान सिंह को उसके सजा व अन्य दस्तावेज मोबाइल पर भेजने को कहा। इसके बाद अवतार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के विशेष सचिव रविंद्र शर्मा बनकर बिजली निगम के एमडी बलकार सिंह को फोन कर कहा कि चीफ जस्टिस आपसे बात करना चाहते हैं। तभी किसी अन्य व्यक्ति ने चीफ जस्टिस बनकर बात की और एमडी से कहा कि वह सहायक लाइनमैन बलवान सिंह को बहाल करें। इसके बाद अवतार ने बलवान सिंह को कहा कि उसकी एमडी से बात हो गई है और वह एमडी से मिल ले तो बहाल हो जाएगा। यह मामला सामने आने के बाद एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने चीफ जस्टिस को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद निगम के एमडी बलकार सिंह ने अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन हिसार में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच कर अवतार, बलवान, रविंद्र व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया। जांच में पाया गया कि जिस मोबाइल नंबर से एमडी को फोन किया गया था, वह अवतार सिंह का था और उसकी लोकेशन पंजाब में थी। इसके बाद अवतार व रविंद्र ने हाई कोर्ट में नियमित जमानत की मांग को लेकर याचिका दायर कर कर दी। मामले की सुनवाई के दौरान जब बेंच को सरकार की तरफ से बताया गया कि आरोपितों ने चीफ जस्टिस बनकर आइएएस अफसर के निजी मोबाइल नंबर पर सजायाफ्ता बर्खास्त कर्मचारी को बहाल करने का आदेश दिया तो बेंच ने हैरानी जताते हुए मामले की जांच पर रिपोर्ट मांगी।
सरकार की तरफ से कुछ समय देने की मांग की गई। कोर्ट ने इस पर कड़ा रूख अपना कर एसपी हिसार को आदेश दिया कि वे इस मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई पर बेंच के सामने पेश करें। हाई कोर्ट ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया है

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