हरियाणा निकाय विभागों में तीसरा बड़ा फेरबदल, EO और चेयरमैन से छिनी DD पॉवर, अब CEO ही होंगे पॉवरफुल*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा निकाय विभागों में तीसरा बड़ा फेरबदल, EO और चेयरमैन से छिनी DD पॉवर, अब CEO ही होंगे पॉवरफुल*
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चंडीगढ ;- हरियाणा सरकार सरकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रयासरत है।लेकिन अब तक सभी यत्न करने बाद भी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार के हाथ खाली पड़े है।हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय विभाग में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए शुद्धिकरण का काम लगातार जारी है। अब प्रदेश की सभी नगर परिषदों में कार्यकारी अधिकारी EO और प्रधान की वित्तीय (DD) पावर छीन ली गई है। 29 अगस्त को ही सरकार इससे संबंधित नोटिफिकेशन भी जारी कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही CEO की नियुक्ति के बाद उन्हें ही सर्वेसर्वा बनाया जाएगा। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया यह तीसरा नोटिफिकेशन है। सबसे पहले सरकार ने नगर परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त करने का नोटिफिकेशन जारी किया। इसके बाद प्रदेश के अधिकांश जिलों की नगर परिषद और नगर पालिका में जिला नगर योजनाकार (DTP) नियुक्त करने का नोटिफिकेशन और तीसरा नोटिफिकेशन कार्यकारी अधिकारी (EO) और प्रधान की DD पावर वापस लेने का जारी हुआ हैं। हरियाणा के स्थानीय निकाय विभाग में होने वाला भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। वित्तीय मामले में चैक पर हस्ताक्षर की पावर नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी (EO) और प्रधान की होती थी। सूत्रों के अनुसार, टेंडर के बाद ठेकेदार से 3 से लेकर 8 प्रतिशत तक कमीशन लिया जाता था, जो फिक्स होता था। इसकी शिकायतें लगातार सरकार तक पहुंच रही थीं। कई जगह तो कमीशन एडवांस में भी मांगा गया। रेवाड़ी नगर परिषद और भिवानी नगर परिषद में कमीशन के खेल का कई बार खुलासा भी हुआ। भिवानी में तो कार्यकारी अधिकारी को विजिलेंस ने गिरफ्तार भी किया। वहीं रेवाड़ी नगर परिषद में NDC रिश्वतकांड में EO अभे सिंह यादव को सस्पेंड भी किया जा चुका हैं।
करीब 2 साल पहले सरकार ने हरियाणा के हर जिले में जिला नगर आयुक्त (DMC) नियुक्त किए थे, लेकिन DMC की नियुक्ति के बाद भी भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ, क्योंकि DD पावर पहले वाले अधिकारियों के ही हाथों में रही, जिसकी वजह से कमीशन का खेल बंद नहीं हुआ। सबसे बड़ा खेल निकाय विभाग की तरफ से छोड़े जाने वाले टेंडर में ही होता था। माइनस में टेंडर छोड़ने के बाद भी ठेकेदार से अधिकारी और प्रधान कमीशन लेते थे। उसके बाद ही उनके द्वारा किए गए कार्य के चैक बनाए जाते थे, लेकिन अब सरकार ने पूरी तरह शिकंजा कसते हुए DD पावर ही छीन ली है। बताया जा रहा है कि बहुत जल्द CEO नियुक्त होंगे और उन्हें ही सर्वेसर्वा बनाया जाएगा। बताया यह भी जा रहा है कि CEO की पावर DMC को दी जा सकती है।