हरियाणा विधानसभा नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र हुड्डा के साथ ही नही जब कांग्रेस के सभी विधायक तो आजाद व अन्य विधायको से समर्थन की उम्मीद कैसी! सदन में गिरेगा अविश्वास प्रस्ताव?
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा विधानसभा नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र हुड्डा के साथ ही नही जब कांग्रेस के सभी विधायक तो आजाद व अन्य विधायको से समर्थन की उम्मीद कैसी! सदन में गिरेगा अविश्वास प्रस्ताव?
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चंडीगढ ;- हरियाणा विधानसभा सत्र शुरू होने के पहले दिन ही नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और उस पर पहले दिन ही बहस करने का नाममात्र निवेदन भी किया।राजनीति के हिसाब से इसे उचित माना जा सकता है। यदि यथार्थ की बात करें तो यह मात्र एक नौटंकी है। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष हुड्डा के साथ जब कांग्रेस के पूरे 31 विधायक ही साथ नहीं है तो वह दूसरे दलों के नेताओं और आजाद विधायकों से समर्थन की क्या उम्मीद कर सकते हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा सौंपी गए पत्र में कांग्रेस के 31 में से 27 विधायकों ने हस्ताक्षर किये हैं। अविश्वास प्रस्ताव पत्र सौंपने के लिए कम से कम 18 विधायको के हस्ताक्षर होना जरूरी है। जो कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने आसानी से करवा लिए है। क्योंकि माना जा रहा है कि हुड्डा के साथ 31 मे से लगभग 27 विधायक ही साथ है। बाकी विधायक कांग्रेस प्रधान कुमारी शैलजा ग्रुप के माने जाते हैं। इसलिए हुड्डा को शैलजा ग्रुप के विधायको का साथ मिलना नामुमकिन है! यदि हुड्डा कांग्रेस विधायकों का समर्थन ही प्राप्त नही कर सकते तो आजाद व अन्य दलों से समर्थन की उम्मीद कैसे कर सकते हैं! राजनीतिक पंडितो का मानना है नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र हुड्डा सिर्फ किसान आंदोलन के चलते किसानों की सहानुभूति प्राप्त करना चाहते हैं। मतलब उंगली काटकर शहीद होना चाहते हैं! अथवा मीडिया में बने रहने के लिए प्रोपोगंडा रचते है! राजनीतिक विद्वान निस्संकोच कह रहे हैं हरियाणा विधानसभा सत्र में कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिरना तय है?