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*MLA होस्टल के SMO डॉ आरएस चौहान के अनुसार शारीरिक श्रम की कमी, बैड ईटिंग हैबिट के कारण बढ़ रही हाइपरटेंशन जैसी बीमारी,*

*MLA होस्टल चंडीगढ़ के SMO डॉ आरएस चौहान व सम्पादक राणा ओबराय की सीधी बातचीत*

*राणा ओबराय*
*राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,*
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*MLA होस्टल के SMO डॉ आरएस चौहान के अनुसार शारीरिक श्रम की कमी, बैड ईटिंग हैबिट के कारण बढ़ रही हाइपरटेंशन जैसी बीमारी,*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा MLA होस्टल डिस्पेंसरी चंडीगढ के SMO डॉ RS चौहान ने सीधी बातचीत में सम्पादक राणा ओबराय को फोन पर हुई सीधी बातचीत में बताया कि बेतरतीब लाइफ स्टाइल, शारीरिक श्रम की कमी, बैड ईटिंग हैबिट के कारण लोगो मे हाइपरटेंशन जैसी बीमारी बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया पहले यह बीमारी केवल बुजुर्ग लोगो मे पाई जाती थी पतन्तु अब यह बीमारी हर वर्ग के लोगो मे पाई जा रही है। यदि बात चंडीगढ़ के लोगो की करें तो हाइपरटेंशन चंडीगढ़ के लोगों पर भी भारी पड़ रही है। आंकड़ो की बात करें तो यूटी में 14.3 प्रतिशत आबादी (15 वर्ष से ऊपर के) यानी हर 6वां शख्स हाइपरटेंशन की समस्या से पीड़ित है। नतीजा देखिए, केंद्रशासित प्रदेश की 25 फीसदी महिलाएं, तो 30.6 प्रतिशत पुरुष बीपी कंट्रोल (रक्तचाप नियंत्रण) की दवा ले रहे हैं। ये चौंकाने वाली बात नेशनल हेल्थ फेमिली सर्वे (5) की रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार 5.6 प्रतिशत महिलाओं और 8.7 प्रतिशत पुरुषों के गंभीर रूप से बढ़े हुए ब्लडप्रेशर में सिस्टोलिक 160mmhg तो डायस्टोलिक 100 mmHg पाया गया है। सामान्य रूप से ब्लडप्रेशर (रक्तचाप) 120/80 से होना चाहिए। 139/89 के बीच रक्त का दबाव प्री-हाइपरटेंशन कहलाता है। 140/90 या उससे अधिक को हाइपरटेंशन कहा जाता है। बात चंडीगढ़ के पड़ोसी राज्यों की करें तो पंजाब में तो स्थिति और ज्यादा खराब है। यहां 19.6 फीसदी यानी हर 5 में से एक पुरुष या स्त्री पीड़ित है। वहीं, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में स्थिति चंडीगढ़ से बेहतर हैं। हरियाणा में जहां,12.3 प्रतिशत (हर 14 में से एक) तो हिमाचल प्रदेश में 10 प्रतिशत (हर 10 में से एक) आबादी इस गंभीर बीमारी की जद में है।

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