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तिकोने मुकाबले में उग्रखेड़ी निवासी एडवोकेट सुरेंद्र दुहन बने पानीपत जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, वकीलों ने चुना अपना 93वां प्रधान*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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तिकोने मुकाबले में उग्रखेड़ी निवासी एडवोकेट सुरेंद्र दुहन बने पानीपत जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, वकीलों ने चुना अपना 93वां प्रधान*
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पानीपत ;- संवाददाता, पानीपत में जिला बार एसोसिएशन की चौधर गांव उग्राखेड़ी निवासी एडवोकेट सुरेंद्र दूहन के हिस्से में आई है। इसी के साथ वकीलों ने अपना 93वां प्रधान चुना। त्रिकोणीय मुकाबले में दूहन ने 714 मत हासिल किए। शुरुआती दौर में मुकाबले में माने जा रहे राजेश शर्मा 216 वोटों से हार गए। वीरेंद्र मलिक 470 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
मतदान प्रक्रिया शुक्रवार की सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुई। पांच बजे से वोटों की गिनती शुरू हुई, रात्रि 11:20 तक चली। सबसे पहले कोषाध्यक्ष का परिणाम आया। इसके बाद संयुक्त सचिव, उपप्रधान, सचिव और सबसे अंत में प्रधान पद का परिणाम जारी किया गया। जीते हुए उम्मीदवारों के साथ उनके स्वजन और समर्थक भी खुशी से नाचते देखे गए। एक-दूसरे को बधाइयों और मिठाई खिलाने का दौर चलता ही रहा। सबसे कांटे का मुकाबला उपप्रधान पद के लिए रहा। सुनील कुमार वधवा ने कमल दुआ को पांच वोटों से पराजित किया। वधवा को 843 वोट मिले। दुआ को 838 मत प्राप्त हुए।

उपाध्यक्ष पद पर भी सभी की नजरें

उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे दोनों वकील माडल टाउन निवासी हैं। दोनों ही पंजाबी समाज से आते हैं। दोनों ही वकीलों के बीच मिलनसार माने जाते हैं। नामांकन के बाद से ही सभी वकीलों की नजरें इस पद की जीत-हार पर लगी हुई थी।

चार बार करनी पड़ी गिनती

उपाध्यक्ष पद के वोटों की गिनती चार बार करनी पड़ी। पहली बार सुनील कुमार वधवा को 135 मतों से जीता घोषित कर दिया था। कमल दुआ ने विरोध करते हुए कहा कि एक बंडल गुम है। दूसरी बार और तीसरी बार भी वधवा बढ़त में रहे। चौथी बार में दोनों उम्मीदवारों ने मतों की गिनती की, इसके बाद वधवा को पांच वोटों से विजयी घोषित किया गया।

अब ज्यादा राजनीति होती है

बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रहे, बाद में विधायक बने गांव आट्टा वासी रणधीर ङ्क्षसह भी वोट डालने पहुंचे। उन्होंने कहा कि सन् 1962 से बार का सदस्य हूं। पहले एक अच्छे वकील का नाम लिया जाता था, सब उसे ही चुन लेते थे। अब तो पूरी राजनीति होती है।

बहुत खर्चीला हुआ चुनाव,,,
हरियाणा सरकार में मंत्री रहे माडल टाउन निवासी सचदेव त्यागी भी मतदान के लिए पहुंचे। बातचीत में बताया कि वर्ष 1971 से बार का सदस्य हूं। वर्ष-1987 में सरकार में मंत्री बना था। उस दौरान बार का चुनाव कुछ हजार में लड़ लेते थे, अब बहुत महंगा हो गया है।

अब खुशामद अधिक करनी पड़ती है

हरियाणा के पूर्व मंत्री स्वर्गीय सतवीर सिंह मलिक भी बार एसोसिएशन के सदस्य रहे। उनके पुत्र राजीव मलिक भी वर्ष 1991 से प्रेक्टिस कर रहे हैं। मलिक ने बताया कि दो दशक पहले तक भी बार चुनाव में अधिक खर्च नहीं होता था। अब खर्च और वोटर की खुशामद अधिक करनी पड़ती है।

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इस बहाने सैकड़ों से हुई मुलाकात

हरियाणा के पूर्व मंत्री रहे गांव सिवाह वासी बिजेंद्र कादियान भी बार के सदस्य हैं, और वोट डालने भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं अभी भी एक्टिव लीडर हूं, बार चुनाव में मतदान करने जरूर पहुंचता हूं। अपनों के बीच आकर अच्छा लगा, सैंकड़ों नए-पुराने साथियों से मुलाकात हो गई है।

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सुरेंद्र दूहन, प्रधान

जिला बार एसोसिएशन के प्रधान चुने गए सुरेंद्र दूहन को दूसरी बार में सफलता मिली है। उन्होंने 714 वोट लिए, जबकि 498 मत लेकर राजेश शर्मा दूसरे नंबर पर रहे। वीरेंद्र मलिक 470 वोटों पर सिमतट गए हैं। दूहन ने वर्ष-2020 में भी इसी पद पर चुनाव लड़ा था, शेर सिंह खर्ब से 37 वोटों से हार गए हैं। खर्ब को 680 वोट और दुहन 643 वोट मिली थी।

सुनील कुमार वधवा, उपप्रधान

उपप्रधान बने सुनील कुमार वधवा 19 साल से प्रैक्टिस में हैं। वर्ष 2008 में सह सचिव का चुनाव लड़ा था और रिकार्ड मतों से जीते थे। इस बार भी कांटे के मुकाबले में कमल दुआ को पांच वोटों से हराया है।

वैभव देशवाल, सचिव

सचिव पद पर विजयी हुए एडवोकेट वैभव देशवाल वर्ष 2013 से प्रैक्टिस कर रहे हैं। इन्होंने भी दूसरी बार में जीत का स्वाद चखा है। इन्होंने 1076 वोट प्राप्त किए, निकटतम प्रतिद्वंद्वी आशीष बंसल को 607 मत मिले हैं। वर्ष 2020 में देशवाल 640 वोट लेकर चुनाव हार गए थे। एडवोकेट सुनील शर्मा 800 वोट लेकर जीते थे।

संयम बतरा, संयुक्त सचिव

संयुक्त सचिव पद पर जीते संयम बतरा वर्ष 2018 से प्रैक्टिस कर रहे हैं। इन्होंने बार एसोसिएशन का प्रथम चुनाव लड़ा है और जीत गए। बतरा ने 744 मत हासिल किए, जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेश गर्ग को 549 मत मिले हैं। नवीन जसपाल को 239, साजिद अली को 144 वोट मिले।

जितेंद्र रावल, कोषाध्यक्ष

कोषाध्यक्ष पद पर 618 वोट लेकर विजयी हुए जितेंद्र रावल वर्ष 2013 से प्रैक्टिस कर रहे हैं। इनका भी यह पहला चुनाव था। अमित भारद्वाज को 503, दीपक सचदेवा को 333 और तृतीय रहे रोहताश देहरान को 224 मत मिले हैं।

वर्ष-2018, मत पड़े 1156

540 शेर सिंह खर्ब

387 राजेश शर्मा

229 उमेद सिंह अहलावत

वर्ष-2019, मत पड़े 1240

669 शेर सिंह खर्ब

339 सुनील भारद्वाज

222 सतिंद्र सिंह

वर्ष-2020, मत पड़े 1445

680 शेर सिंह खर्ब

643 सुरेंद्र दूहन

80 राज सिंह रावल

42 राकेश सैनी

वर्ष 2021, मत पड़े 1696

714 सुरेंद्र दूहन

498 राजेश शर्मा

470 वीरेंद्र मलिक

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