बरोदा उपचुनाव में 1 लाख 80 हजार मतदाता करेंगे 14 प्रत्याशियों के भाग्य का फैंसला*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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बरोदा उपचुनाव में 1 लाख 80 हजार मतदाता करेंगे 14 प्रत्याशियों के भाग्य का फैंसला*
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चंडीगढ़ ;- बरोदा उपचुनाव में 14 प्रत्याशियों भाग्य मंगलवार को ईवीएम में बंद हो जाएगा। बरौदा विधानसभा के 1 लाख 80 हजार 529 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। मतदान को लेकर प्रशासन की ओर से तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोरोना को देखते हुए मतदान के दौरान सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। बरौदा उपचुनाव में सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा। विस क्षेत्र में 99 हजार 726 पुरुष और 80 हजार 801 महिला मतदाता अपना पसंदीदा उम्मीदवार चुनेंगी तो 1865 सर्विस वोटर बैलट पेपर के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। निर्वाचन आयोग ने बरोदा उपचुनाव के लिए 280 पोलिंग स्टेशन बनाए हैं। कोरोना को देखते हुए आयोग ने इस बार मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई है। निर्देश जारी किए गए हैं कि वोटिंग से पहले सभी मतदान केंद्रों को सेनिटाइज करने के साथ स्टाफ के अलावा मतदाताओं के लिए भी फेस मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। 2 गज की दूरी के अनुपालन के हिसाब से ही मतदाताओं की लाइन बनेगी। मतदान को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने के लिए आयोग ने अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की है। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में बरोदा में 68.98 फ़ीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकृष्ण हुड्डा ने 42566 यानी 34.67 प्रतिशत मत हासिल कर हैट्रिक लगाई थी। वहीं भाजपा प्रत्याशी अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को 37726 यानी 30.73 फीसदी वोट मिले थे। वहीं जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले भूपेंद्र सिंह मलिक को 32480 वोट हासिल हुए थे। उधर इनेलो प्रत्याशी योगेंद्र मलिक ने 3145 अर्थात 2.56 प्रतिशत मत प्राप्त किया था। केंद्रीय कृषि कानूनों के लागू होने के बाद हरियाणा में हो रहा पहला चुनाव केंद्रीय कृषि कानूनों के लागू होने के बाद हरियाणा में पहली बार बरोदा उप चुनाव होने जा रहा है। इसे देखते हुए चुनाव में यह भी स्पष्ट होगा कि इस कानून के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे किसान क्या निर्णय लेते हैं। बहरहाल इस चुनाव में गठबंधन ने जहां अपने उमीदवार अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को जिताने के लिए विकास का दांव खेला है। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार इंदू राज नरवाल की जीत सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा सरकार की नाकामियों, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और किसानों के आंदोलन को मुद्दा बनाया है। जबकि इनेलो ने अपने उम्मीदवार जोगेंद्र सिंह मलिक को जिताने के लिए चौधरी देवी लाल के सपनों को साकार करने और इनेलो की सत्ता आने पर हरियाणा के विकास को एक नया आयाम देने का भरोसा दिलाया है। फैसला जनता को लेना है।