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दीपेंद्र की सभा मे नवजोत सिद्दु पर फेंकी जुत्ती, मोदी गुरु का नहीं हुआ तो किसी अन्य का भी नही हो सकता;-सिद्धू*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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दीपेंद्र की सभा मे नवजोत सिद्दु पर फेंकी जुत्ती, मोदी गुरु का नहीं हुआ तो किसी अन्य का भी नही हो सकता;-सिद्धू*
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नई दिल्ली:- लोकसभा चुनाव-2019- अभीतक ‘थप्पड कांड’ के ही वाक्यांश सामने आ रहे थे, लेकिन अब ‘चप्पल कांड’ को भी लोग अंजाम दे रहें हैं| जहां अब खबर आई है कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की|

क्या है पूरा मामला…….

दरअसल सिद्धू बुधवार की रात को रोहतक में कांग्रेस प्रत्‍याशी दीपेंद्र सिंह हुड्डा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे हुए थे| लेकिन इस दौरान सिद्धू को भारी विरोध का सामना करना पड़ा| शहर में आयोजित उनकी सभा के दौरान एक महिला ने सिद्धू का विरोध करते हुए उनके मंच की ओर चप्‍पल फेंक दी, खैर चप्पल सिद्धू तक नहीं पहुंची| चप्‍पल मंच के पास ही गिर गई| परन्तु अचानक हुई इस घटना से यहां हड़कंप मच गया|बतादे कि नवजोत सिंह सिद्धू संबोधन करने के लिए मंच पर पहुंचे ही थे और अपना भाषण शुरू ही कर रहे थे कि तभी पीछे से महिला ने चप्पल चला दी| बताया जाता है कि जनसभा के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू की सुरक्षा व्‍यवस्‍था बहुत ढीली थी| यहां सुरक्षा के उचित प्रबंध नहीं थे और पुलिस का प्रबंधन भी बहुत ढीला था, शहर के गांधी कैंप में सिद्धू की जनसभा हो रही थी जब महिला ने उनपर चप्पल फेंकी| वहीँ जब सिद्धू का काफिला रवाना होने लगा तो कुछ भाजपाइयों ने नारेबाजी कर काले झंडे दिखाने का भी प्रयास किया| इस दौरान कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता भी भिड़ गए, तब जाकर पुलिस कर्मी वहां पहुंचे| जनसभा के दौरान एक व्यक्ति ने पीएम मोदी के जयकारे लगाए तो सिद्धू ने उन पर कटाक्ष करते हुए अपना भाषण जारी रखा|

सिद्धू का पीएम मोदी पर कटाक्ष…….

कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पीएम मोदी को एहसान फरामोश करार दिया और कहा कि वह अपने गुरू का नहीं हो सका तो किसका होगा| अपने संबोधन में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मेरी मां कहती थी कि गुरू के पास कोई भी गुनाह करके जा, माफी जरूर मिलेगी, लेकिन एहसान फरामोश इंसान का बोझ धरती भी नहीं उठा सकती| सिद्धू ने कहा कि गुजरात में जब केशूभाई पटेल ने बगावत की तो आडवाणी जी ने अंगद की तरह पैर अड़ाकर इसे बचाया|गुजरात दंगों के बाद जब अटल जी ने मोदी का इस्तीफा मांगा तो आडवाणी जी ने उसे बचाया| जो इंसान अपने गुरू का नहीं हो सका, वह किसी का नहीं हो सकता| इसलिए ऐसे इंसान को चलता करने में ही भलाई है| कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से जिताएं|

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