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वर्दी है पहचान इसे गर्व से पहने और पुलिस समाज का ही है एक हिस्सा :- पुलिस चीफ मनोज यादव

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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वर्दी है पहचान इसे गर्व से पहने और पुलिस समाज का ही है एक हिस्सा :- पुलिस चीफ मनोज यादव
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पंचकूला ;- वर्दी आपकी पहचान है इसे गर्व से पहनें। अच्छी वर्दी आपको इसका गौरव बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है। यह उद्गार हरियाणा पुलिस के महानिदेशक मनोज यादव ने आज अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे नवनियुक्त उप निरीक्षकों और महिला सिपाहियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने अपने संबोधन में प्रशिक्षणार्थियों व प्रशिक्षकों का बेहतर पुलिसिंग व प्रशिक्षण के बारे में मार्गदर्शन किया। उन्होंने आज अकादमी में प्रशिक्षण सुविधाओं को जायजा भी लिया । इस अवसर पर उनके साथ अकादमी के निदेशक आलोक कुमार रॉय भी मौजूद थे। यह जानकारी पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ने दी। प्रवक्ता के अनुसार डीजीपी यादव ने सबसे पहले हरियाणा पुलिस के नवीनतम सदस्यों का स्वागत करते हुए उन्हें पुलिस परिवार का हिस्सा बनने पर बधाई दी और कहा कि पुलिस ऐसा पेशा है जिसमें जन सेवा के अद्वितीय अवसर प्राप्त होते हैं। यह पेशा लोगों के आंसू पोंछने, उन्हें अपराध से सुरक्षित रखने, खोए बच्चे को मिलाने, टूटे हुए व्यक्ति को ढांढस बंधाने का अपूर्व अवसर देता है। उन्होंने कहा कि वर्दी एक पहचान है। हमें अपने व्यक्तित्व को इस ऊंचाई तक रखना चाहिए कि हम सही मायने में वर्दी हकदार बन सकें। ट्रेनिंग के दौरान जो भी सिखलाया जाए उसे दिल और दिमाग में धारण करके जीवन में आगे बढें। उन्होंने कहा कि पुलिस समाज का एक एेसा अंग है जिसको समाज ने कानून के माध्यम से पुलिस को अधिकार दिए हैं और साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने, लोगों के जीवन व सम्पत्ति की रक्षा करने, कानून के अनुसार कार्य करने जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी दी हैं। इन जिम्मेेदारियों को पूरा करना बहुत ही पावन और पुनीत कार्य है। श्री यादव ने यह भी कहा कि वर्तमान में पुराने अपराधों के साथ-साथ धोखाधड़ी, साइबर अपराध जैसे नवीनतम अपराध भी होने लगे हैं। पुलिस के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम सडक़ दुर्घटना से लेकर इन सभी अपराधों से नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए कार्य करें। एक पुलिसकर्मी अपने इन कर्तव्यों का निर्वहन करने में तभी सक्षम हो सकता है यदि उसने अपना प्रशिक्षण कुशलतापूर्वक पूर्ण किया हो। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण एक ऐसा अवसर है जिसमें हम अपने कौशल को उस स्तर का विकसित कर सकते है जिसकी अपेक्षा एक नागरिक पुलिस से करता है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त-दुरूस्त रहने का मूल मंत्र देते हुए कहा कि ट्रैनिग के दौरान होने वाली पीटी को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाए और स्वस्थ बने रहें। मानसिक स्वास्थ्य के लिए सदैव अच्छे विचार रखें, लोगों की सहायता और सेवा के लिए तत्पर रहें। समाज के सभी वर्गों विशेषकर गरीबों और कमजोर वर्ग के साथ अच्छा व्यवहार करें। उन्हें न्याय प्रदान करने का अधाार बनें। बिना भय, द्वेष के निष्पक्षता के साथ अपनी ड्यूटी करें। उन्होंने कहा कि कानून को केवल जानकारी के लिए नहीं बल्कि अपने जीवन ओैर आचरण का अंग बनाने की दृष्टि से सीखें। कानून पुलिस के लिए हथियार भी है और ढाल भी। हमेशा कानून की पालना करें और इसे विवेक, सही आचार-विचार के साथ लागू करें। इससे आपको संतोष और सभी की ओर से अकल्पनीय सम्मान प्राप्त होगा। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने संदेश में कहा कि सडक़ सुरक्षा को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाएं सडक़ नियमों का खुद पालन करें और समाज को भी इसके लिए जागरुक करें। इस अवसर पर अकादमी के निदेशक आलोक कुमार रॉय ने मुख्य अतिथि डीजीपी मनोज यादव का स्वागत किया तथा अकादमी की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया। अकादमी व करनाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक योगिन्द्र सिंह नेहरा ने धन्यवाद अभिभाषण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अकादमी के ट्रेनिंग एडवाईजर एवं पूर्व आईजी सतप्रकाश रंगा, पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी सहित कई अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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