हरियाणा विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी उठा DAP खाद का मुद्दा/ सरकार ने वापस लिए दो विधेय/सदन में हरियाणा नगर निगम संशोधन बिल पास*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हरियाणा विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी उठा DAP खाद का मुद्दा / सरकार ने वापस लिए दो विधेय/सदन में हरियाणा नगर निगम संशोधन बिल पास*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ ;- हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सत्र के तीसरे दिन सदन में एक बार फिर से विपक्ष ने प्रदेश में डीएपी खाद की कमी का मुद्दा उठा है। वहीं इसके जवाब में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सूबे में खाद की कोई कमी नहीं है। वहीं, सदन में पूर्व मुख्यंत्री मनोहर लाल की सरकार के दौरान पास किए गए दो विधेयक वापस लिए गए हैं। इनमें हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक और हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक है। सीएम सैनी ने कहा कि दोनों विधेयकों को केंद्र ने मंजूरी नहीं दी है। इन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, लेकिन केंद्र ने कमियां बताकर वापस भेज दिया है।
हरियाणा नगर निगम संशोधन विधेयक 2024 सदन में प्रस्तुत किया गया। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा हरियाणा में बहुत से शहरी निकाय ऐसी है, जब से वह बनी तब से वहां के अध्यक्ष का पद लगातार सामान्य श्रेणी को मिल रहा है। इसकी रोटेशन होनी चाहिए। दूसरे समुदाय के लोगों को भी अध्यक्ष का पद मिलना चाहिए। अध्यक्ष का पद रोटेशन के हिसाब से मिलना चाहिए।
कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने कहा सरकार बीसी ए, बी के साथ अन्याय कर रही है। जब देश में ओबीसी को पहले से ही 27 % आरक्षण मिल रहा है तो निकायों में भी यह आरक्षण दिया जाए।भाजपा विधायक रामकुमार गौतम ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव में भी 27% आरक्षण लागू कर देना चाहिए। सदन में नगर निगम संसोधन विधेयक पर लंबी चर्चा सत्तापक्ष -विपक्ष में हुई। इसके बाद हरियाणा नगर निगम संशोधन बिल विधानसभा में पास हुआ।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधक) संशोधन विधेयक
हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधक) संशोधन विधेयक 2024 सदन में पारित हुआ। इससे पहले सदन में विधेयक पर चर्चा हुई। कांग्रेस विधायक अशोक कुमार ने कहा 2014 में कमेटी का गठन हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। कानून को सही माना गया, लेकिन अभी तक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव नहीं करवा कर सरकार सिखों के साथ अन्याय कर रही है। सदन में मुख्यमंत्री को यह भी आश्वासन देना चाहिए जल्द एचएसजीपीसी चुनाव करवाए जाएंगे। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रभाव चुनी गई कमेटी को मिलना चाहिए। बहुत बार नॉमिनेटेड लोगों को चार्ज मिलता है और फिर वापस ले लिया जाता है। कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने कहा सरकार कई बार इस कानून में बदलाव कर चुकी है। सरकार एडहॉक कमेटी का गठन कर दे देती है और संशोधन के नाम पर चुनाव को टाल रही है। 3 साल में सरकार चुनाव नहीं करवा सकी। सरकार की मंशा क्या है, सरकार को इसका कारण बताना चाहिए। सरकार में जो सिख ज्यूडिशियल कमिशन बनाया है, उसमें अध्यक्ष के लिए जज की शर्त रखी है। अच्छी बात है, लेकिन तीन मेंबर्स की योग्यता नहीं बताई गई।
कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा सिख संगत शुरू से ही गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव की मांग कर रही है। सरकार बार-बार संशोधन लेकर आ रही है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एक ऑटोनॉमस बॉडी है। इसकी आजादी बरकरार रखनी चाहिए। इलेक्टेड मेंबर्स के ऊपर ज्यादा जोर होना चाहिए। कांग्रेस विधायक सरदार जरनैल सिंह ने कहा सिख एक स्वतंत्र धर्म है, किसी भी सरकार का इस पर नियंत्रण नहीं होना चाहिए। हरियाणा में गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के लिए जरूरी वोट बन चुके हैं। सरकार जल्द चुनाव करवाए। इलेक्टेड लोग ही गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का काम चलाएं और नॉमिनेटेड लोगों से हाथ में बागडोर न दी जाए। सरकार ने ऐसे लोगों को मैनेजमेंट कमेटी में शामिल किया है, जिनका सिख धर्म से कोई वास्ता नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा अलग गुरुद्वारा कमेटी सिखों की पुरानी मांग थी। क्योंकि हरियाणा की गुरुद्वारों के हालात काफी खराब थे। इसलिए कांग्रेस सरकार ने अलग कानून बनाया था। सरकार जल्द कमेटी के चुनाव करवाए सिख समाज अपनी कमेटी का प्रभार अपने पास रखेगी। इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने कहा सरकार जजों की घोषणा प्रक्रिया उसमें संशोधन का ध्यान रखें। अमृतधारी सिख जज मिलने आसान नहीं होगा। सरकार चाहे तो सिख धर्म में निपुण लोगों की भी शामिल कर सकती है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी का जवाब
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सरकार ने पहले जिला जज को सिख ज्यूडिशियल कमिशन का अध्यक्ष नियुक्त करने की शर्त और तीन अन्य सदस्य बनाए थे। सरकार भी जल्द चुनाव चाहती है, लेकिन वोट बनने का काम जारी है। सरकार जल्दी यह चुनाव करवाएगी।