लोकसभा चुनावों के परिणामों के लेकर नही रुका आरोप- प्रत्यारोप का सिलसिला/किरण चौधरी का आरोप/कुछ नेता चाहते हैं मैं कांग्रेस पार्टी से निकल जाऊं!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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लोकसभा चुनावों के परिणामों के लेकर नही रुका आरोप- प्रत्यारोप का सिलसिला/किरण चौधरी का आरोप/कुछ नेता चाहते हैं मैं कांग्रेस पार्टी से निकल जाऊं!*
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भिवानी ;- भिवानी महेन्द्रगढ़ लोकसभा से कांग्रेस की हार को लेकर प्रत्याशी रहे राव दानसिंह व दिग्गज नेत्री किरण चौधरी के बीच विवाद अभी थमा नहीं है। राव दानसिंह अपनी हार का ठीकरा किरण चौधरी व उनके समर्थकों पर फोड़ चुके हैं तो वहीं अब किरण चौधरी ने दानसिंह को भी जवाब दिया है। साथ ही बिना नाम लिए पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर भी गंभीर आरोप जड़े। तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने शनिवार को भिवानी में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम भी दो चुनाव हारे हैं। राव दानसिंह के जिला महेंद्रगढ़ से तो पिछली बार जमानत भी नहीं बची। पर हमने न कभी मुंह खोला, न किसी पर कोई आरोप जड़ा। बल्कि जनता के फैसले को स्वीकार किया। इसके बाद किरण चौधरी ने दानसिंह से दो टूक सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि दानसिंह बताए कि वो अपने जिला की सभी विधानसभाओं से क्यों हारे, अपनी विधानसभा से क्यों हारे, अपने बूथ से क्यों हारे और तोशाम में अपने मामा के गांव से क्यों हारे। किरण ने कहा कि तोशाम विधानसभा से खुद श्रुति बड़े मतों से हारी थी। इस बार तो हमने दानसिंह के लिए हार के इस मार्जिन को बहुत कम किया है। किरण चौधरी यहीं नहीं रूकी। उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाए कि राव दानसिंह तो हमारी बेइज्जती करने पर तुले थे। उन्होंने कभी हमें कार्यक्रम में बुलाना तो दूर, न कोई सूचना दी न कभी फोन उठाया। ऐसे में हमारे कार्यकर्ताओं पर हराने का आरोप लगाना गलत है।
वहीं राव दानसिंह द्वारा विधानसभा चुनाव में तोशाम में प्रचार करने यानि अपनी हार का किरण से विधानसभा में बदला लेने के संकेत पर किरण ने हंस कर कटाक्ष किया। किरण चौधरी ने कहा कि हम तैयार हैं, उनका मोस्ट वेलकम है। साथ ही कहा कि उन्हें टाइम मिले तो जरूर आए, पर अपने चुनाव जीतने का भी ध्यान रखें। दानसिंह के साथ किरण चौधरी ने बिना नाम लिए बड़ी बेबाकी से पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की पांच सीटें किसी नेता के कारण नहीं, बल्कि जनता में गुस्सा था और जनता ने खुद चुनाव लड़ा, इसलिए जीती। उन्होंने कहा कि टिकटें सही बंटती तो जीत और ज्यादा होती। किरण ने कहा कि भिवानी बंसीलाल का गढ़ है। पार्टी सर्वे में श्रुति 56 फीसदी व दानसिंह 32 फीसदी पर थे। श्रुति ने मेहनत भी की थी। पर उन्होंने अपनी बेटी समान श्रुति की टिकट सिर्फ इसलिए कटवाई कि कहीं मैं आगे ना चली जाऊं। उन्होंने कहा कि हमारे साथ विश्वासघात हुआ, हमें मारने व मिटाने की कोशिश की गई।
किरण ने कहा कि जब तक जनता मेरे साथ है, मैं मरने या मिटने वाली नहीं। वहीं राज्यसभा या भाजपा में जाने के सवाल पर किरण चौधरी ने अप्रत्यक्ष रूप से हुड्डा पर आरोप लगाए। कहा कि यही लोग हैं जो ऐसी चर्चाएं एक साल से चला रहे हैं। ये चाहते हैं कि मैं कांग्रेस पार्टी से निकल जाऊं।