हरियाणा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ACS आनंद मोहन शरण से खफा, कार्रवाई करने के लिए सरकार को लिखे तीन पत्र*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ACS आनंद मोहन शरण से खफा, कार्रवाई करने के लिए सरकार को लिखे तीन पत्र*
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चंडीगढ़ ;- चार जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में एसीएस आनंद मोहन शरण की ओर से मानेसर के गांवों की जमीन के बदले मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा था। बैठक में ही उपमुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण पर उनको नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था और इस मामले को पेंडिंग रखवा दिया था। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला अतिरिक्त मुख्य सचिव एसीएस आनंद मोहन शरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर अड़ गए हैं। उन्होंने बीते 15 दिन में कार्रवाई को लेकर एक के बाद एक तीन पत्र हरियाणा सरकार को लिख डाले हैं। उप मुख्यमंत्री अपने किसी भी विभाग में शरण की सेवाएं नहीं चाहते। अभी शरण के पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के साथ उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का जिम्मा है, क्योंकि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग दुष्यंत चौटाला के पास है और डिप्टी सीएम एसीएस को अपने विभाग से बदलने की सिफारिश कर चुके हैं। उधर, सरकार पूरे मामले में कोई भी कदम उठाने से पहले सभी पहलुओं को खंगाल रही है। उपमुख्यमंत्री ने दो पत्रों में कोई कार्रवाई न होने के बाद अब तीसरा पत्र एक दिन पहले ही लिखा है। उसमें बीते दो पत्रों का जिक्र करने के साथ ही शरण के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई न होने पर नाराजगी भी जताई है। सूत्रों का दावा है कि उप मुख्यमंत्री इस मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं है और हर हाल में अतिरिक्त मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूरा जोर लगा रहे हैं।
बताया जाता है कि तीसरे पत्र में उप मुख्यमंत्री ने नियमों का हवाला देकर कार्रवाई की सिफारिश की है। सूत्रों का दावा है कि मुख्य सचिव को पत्र लिखने के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से भी बात की है। हालांकि, अभी तक अतिरिक्त मुख्य सचिव का न तो विभाग बदला गया है और न ही उन पर कोई कार्रवाई हुई है। सीएमओ के अधिकारी बढ़ते टकराव के चलते अब तमाम पहलुओं को खंगाल रहे हैं, ताकि मामले को जल्द सुलझाया जा सके।
चार जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में एसीएस आनंद मोहन शरण की ओर से मानेसर के गांवों की जमीन के बदले मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा था। बैठक में ही उपमुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण पर उनको नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था और इस मामले को पेंडिंग रखवा दिया था। बाद में सीएमओ ने इसी मामले को लेकर सात जुलाई को फिर से कैबिनेट की बैठक बुलाकर इस प्रस्ताव को पारित कराया था। उसके बाद ही उप मुख्यमंत्री एसीएस से नाराज चल रहे हैं। हालांकि, इस मामले में एसीएस आनंद मोहन शरण पहले ही कह चुके हैं कि सरकार के कहने के बाद ही प्रस्ताव लाया गया था।