Tuesday, July 2, 2024
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने सरकार द्वारा बनाए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति नियम, 2023 को दी मंजूरी, सहजधारी नही डाल पाएंगे वोट!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने सरकार द्वारा बनाए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति नियम, 2023 को दी मंजूरी, सहजधारी नही डाल पाएंगे वोट!*
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चंडीगढ़ ;- मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (वार्ड परिसीमन तथा निर्वाचन) नियम, 2023 को मंजूरी प्रदान की गई। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यों के प्रबंधन और निगरानी के लिए गठित एडहॉक कमेटी का कार्यकाल 18 महीने बाद समाप्त होने जा रहा है, इसलिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्यों के निर्वाचन के लिए हरियाणा में गुरुद्वारों का चुनाव कराना आवश्यक है और इसी उद्देश्य के लिए, उपरोक्त नियमों को अधिनियमित किया गया है। हरियाणा राज्य में सिख गुरुद्वारों और गुरुद्वारा संपत्तियों के बेहतर स्वतंत्र प्रबंधन और प्रभावी पर्यवेक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य द्वारा 14 जुलाई, 2014 को अधिसूचना के माध्यम से हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 (अधिनियम की संक्षिप्तता के लिए) अधिनियमित किया गया था। हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका (सिविल) संख्या 735/2014 दाखिल करके चुनौती दी गई थी। उक्त याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त, 2014 के आदेश के जरिए निर्देश दिए थे कि गुरुद्वारा मामले के संबंध में सभी संबंधित द्वारा यथापूर्व स्थिति बनाई रखी जानी चाहिए। उक्त निर्देशों को ध्यान में रखते हुए उक्त अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (8) के अधीन 18 महीने की अपनी सीमा की अवधि के बाद भी एडहॉक कमेटी जारी रही। बाद में, 20 सितंबर, 2022 को उक्त रिट याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। चूंकि हरियाणा में गुरुद्वारा चुनाव कराने के लिए अधिनियम की धारा 52 के अधीन अपेक्षित नियम, अनुबद्ध नहीं बनाए गए थे, ताकि विभिन्न वार्डों से सदस्यों का चुनाव किया जा सके। इसलिए, अधिनियम की धारा 16 के खंड (8) में संशोधन करने के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के कार्यों के प्रबंधन और पर्यवेक्षण करने के लिए एडहॉक कमेटी गठित की गई थी, जब तक अधिनियम की धारा 3 और 4 के अधीन चुनाव करवाकर नई समिति का गठन नहीं किया जाता।

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