करनालचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतराज्यहरियाणा

चंडीगढ़ निगम में मनोनीत पार्षदों को लेकर AAP और कांग्रेस के पार्षदों ने शपथ ग्रहण के दौरान सदन से किया बायकॉट*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ निगम में मनोनीत पार्षदों को लेकर AAP और कांग्रेस के पार्षदों ने शपथ ग्रहण के दौरान सदन से किया बायकॉट*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ ;- नगर निगम के सदन में शुक्रवार सुबह 11 बजे मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जमकर हंगामा हुआ। AAP और कांग्रेस के सभी पार्षदों ने मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण के दौरान सदन का बायकॉट किया। सभी AAP पार्षदों ने सदन के बाहर काली पटि्टयां बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। AAP ने चंडीगढ़ प्रशासन मुर्दाबाद और भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाए। भाजपा के विरोध में करीब एक घंटे तक सदन के बाहर नारेबाजी की जाती रही। कांग्रेसी पार्षदों ने भाजपा की कार्यवाही को पक्षपात बताते हुए कहा कि योग्य लोगों को अनदेखा कर अयोग्य लोगों को मनोनीत पार्षद बनाया गया है। कांग्रेस ने मनोनीत पार्षदों पर आरोप लगाए कि उन्होंने यह बात छिपाई कि वह भाजपा के कार्यकर्ता हैं और स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताया। कांग्रेस और AAP ने कहा कि हैरत की बात है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने भी इसकी जांच नहीं कि मनोनीत पार्षद सामाजिक नहीं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता हैं।
सदन में मनोनीत AAP और कांग्रेस के पार्षद
सदन में मनोनीत AAP और कांग्रेस के पार्षद
कांग्रेसी पार्षदों ने मनोनीत पार्षदों पर नामांकन के लिए आवेदन करते समय अपने बायो डाटा को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। सदन के बाहर सुबह 11 बजे शुरू हुआ हंगामा 12 बजे तक चला। फिर मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण के बाद AAP और कांग्रेस के पार्षदों ने हाउस के अंदर भी जमकर हंगामा किया। शपथ ग्रहण के बाद अपना-अपना परिचय दे रहे थे। हर पार्षद के परिचय बताने के दौरान AAP पार्षदों ने पूछा कि उनका भाजपा से क्या कनेक्शन है। शाम करीब 4 बजे तक चली सदन की कार्रवाई काफी हंगामेदार रही।
AAP और कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि पंजाब नगर निगम अधिनियम के प्रावधान को अनदेखा करते हुए भाजपा के पदाधिकारियों को मनोनीत पार्षद नियुक्त किया गया है। कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लक्की ने कहा कि मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति लोगों से धोखा है। उन्होंने प्रशासन के इस फैसले को साल 2021 के नगर निगम चुनाव में शहरवासियों के जनादेश को हाईजैक करने के समान बताया।
पार्षदों ने कहा कि चंडीगढ़ के लिए लागू पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट-1994 के प्रावधान के अनुसार नामांकन केवल उन व्यक्तियों में से होना चाहिए, जिन्होंने सार्वजनिक मामलों में पहचान बनाई हो और अपने कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठित हों या जिन्हें नगर पालिका प्रशासन के संबंध में विशेष जानकारी या व्यावहारिक अनुभव हो। पार्षदों ने कहा कि साल 2021 के नगर निगम चुनाव में सभी 35 वार्डों में सामूहिक रूप से सबसे अधिक वोट कांग्रेस को पड़े थे। हालांकि सबसे अधिक सीटें AAP को मिली थी, लेकिन नामांकन करते हुए दोनों पार्टियों की राय को पूरी तरह से अनसुना किया गया। AAP चंडीगढ़ के सह-प्रभारी प्रदीप छाबड़ा और अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने नगर निगम के पार्षदों के रूप में भाजपा कार्यकर्ताओं के नामांकन को लोकतंत्र की हत्या बताया। छाबड़ा ने कहा कि पहले भाजपा ने धोखे से अपनी पार्षद को मेयर बनाकर जनादेश को धोखा दिया और अब बिना योग्यता वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को मनोनीत पार्षद के रूप में मनोनीत कर दिया है।
मनोनीत पार्षदों में से एक भी आर्मी से नहीं
चंडीगढ़ नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब किसी भी आर्मी से रिटायर्ड व्यक्ति को मनोनीत पार्षद नियुक्त नहीं किया गया। जबकि इससे पहले हर साल आर्मी से जुड़े किसी न किसी व्यक्ति को मनोनीत पार्षद नियुक्त किया जाता रहा है। इस बार किसी इंजीनियर या वास्तुकार को भी मनोनीत पार्षद नियुक्त नहीं किया गया है। अब नगर निगम में कुल पदों की संख्या 44 हो गई है। इनमें 35 निर्वाचित पार्षद हैं। प्रशासन ने 9 मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति की, जिनमें से 8 भाजपा के पदाधिकारी व समर्थक हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!