हरियाणा में जेजेपी के साथ मिलकर या अकेले निकाय चुनाव लड़ने के फैंसले पर हरियाणा भाजपा की हुई जबरदस्त फजीहत!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हरियाणा में जेजेपी के साथ मिलकर या अकेले निकाय चुनाव लड़ने के फैंसले पर हरियाणा भाजपा की हुई जबरदस्त फजीहत!*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ ;- राजनीति में न कोई अपना होता हैं ना कोई पराया न कोई दोस्त न कोई दुश्मन यह कहावत सदियों से सुनते आ रहे है। अभी हाल ही में हरियाणा भाजपा ने घोषणा की थी कि वह हरियाणा में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी जिसकी सर्वत्र चर्चा होने लगी क्या भा ज पा का जेजेपी से मोहभंग हो गया है। आज अचानक भाजपा ने यू-टर्न लेते हुए घोषणा की कि वह अपनी सहयोगी पार्टी जे जे पी के साथ मिलकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी इन दोनों ही फैसलों से हरियाणा भाजपा की जबरदस्त फजीहत हुई है। चर्चाकारों का कहना है कि पहले ऐसी क्या मजबूरी थी कि गठबंधन सरकार के समझौते को दरकिनार करते हुए भाजपा ने अकेले स्थानीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था और अब ऐसी क्या मजबूरी हो गई की जे जे पी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इन दोनों फेंसलो में है तो भाजपा की कोई न कोई मजबूरी। भाजपा एक मजबूत फैंसले लेने वाली विचारधारा की पार्टी मानी जाती है। हरियाणा में लिए गए इस राजनीतिक फैसले से भाजपा बैकफुट पर आ गई है। क्योंकि हरियाणा जे जे पी के नेताओं ने किसी भी तरह की मिन्नत या रिक्वेस्ट भाजपा नेताओं से नहीं की थी हम मिलकर चुनाव लड़ते हैं। जेजेपी नेताओं ने मजबूती दिखाते हुए अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी करनी शुरू कर दी थी। चर्चाकारो के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम से एक बात सामने आई है की जेजेपी एक मजबूत विचारधारा वाली पार्टी बनकर उभरी है। जो अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने की हिम्मत रखती है अलबत्ता परिणाम चाहे कुछ भी रहे।