पंचायत मन्त्री के आदेश से विजिलेंस करेगी पलवल मनरेगा घोटाले की जांच, विधानसभा में उठाया गया था 200 गांवों में फर्जीवाड़े का मामला*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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पंचायत मन्त्री के आदेश से विजिलेंस करेगी पलवल मनरेगा घोटाले की जांच, विधानसभा में उठाया गया था 200 गांवों में फर्जीवाड़े का मामला*
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चंडीगढ़/पलवल ;- हरियाणा के पलवल में मनरेगा घोटाले की जांच अब स्टेट विजिलेंस करेगी। पंचायत एवं विकास मंत्री देवेंद्र बबली ने इस बारे में स्टेट विजिलेंस को पत्र लिखकर जांच सौंप दी है। कोरोना काल के 2 वर्ष में जिले के अंदर मनरेगा कार्यों में करीब 52 करोड़ रुपए का घोटाला होने की शिकायतें मिल रही हैं। मनरेगा लोकपाल व सीईओ जिला परिषद की जांच में घोटाला उजागर होने के बाद चंडीगढ़ से आई जांच टीम भी जांच करने के बाद लौट चुकी है। घोटाला उजागर होने पर डीसी रेट पर लगे 8 कर्मचारी स्वेच्छा से इस्तीफा भी दे चुके हैं।पलवल, हथीन, होडल, हसनपुर, बडौली, पृथला खंडों के करीब 200 गांवों में मनरेगा के तहत मिट्टी डालने का काम किया गया था। सीईओ जिला परिषद प्रशांत कुमार ने 66 गांवों की जांच में कहीं भी काम नहीं मिला। वहीं, मनरेगा लोकपाल पंकज शर्मा ने जांच शुरू की तो किसी गांव में काम होना नहीं पाया गया। अधिकारियों की जांच के बाद चंडीगढ से आई टीम ने भी जांच के दौरान घोटाला होने की पुष्टि की। पंचायत मंत्री ने स्टेट विजिलेंस को जांच के आदेश दिए। अगले सप्ताह में विजिलेंस जांच के लिए रेकार्ड को कब्जे में ले सकती है। स्टेट विजिलेंस ने जांच के लिए स्पेशल टीम भी गठित कर दी है।
कोरोना काल के दो वर्ष में हथीन ब्लॉक में करीब 13 करोड़ रुपए का, पलवल में 10 करोड़, होडल में 6 करोड़ का, हसनपुर में 10 करोड़ रुपए, बडौली में 7 करोड़ रुपए और पृथला में 3 करोड़ रुपए मनरेगा में तहत हुए कार्यों में खर्च किए गए हैं। जांच के दौरान काम नहीं होने पर भुगतान, फर्जी जॉबकार्ड, फर्जी पते पर ठेकेदारों को भुगतान, फर्जी एमबी भरना, फर्जी असस्मेंट और मैट, सरपंच, ग्राम सचिव, एबीपीओ, पीओ, जेई, एसडीओ, बीडीपीओ तक फर्जीवाडे में शामिल पाए गए हैं। मनरेगा की जांच के लिए सीएम को भी शिकायत भेजी गई हैं।
एनआईटी फरीदाबाद से कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा ने कहा है कि सत्ताधारी नेताओं की शह पर सरकारी अधिकारी और कर्मचारी पलवल, फरीदाबाद व गुडगांव जिले को सोमनाथ का मंदिर समझ कर लूटने में लगे हुए हैं। पहले रेलवे कॉरिडोर जमीन अधिग्रहण में और अब मनरेगा में सरकारी खजाने की लूट की जा रही है। विधायक शर्मा यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि सीएम मनोहर लाल भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जगह जांच करवाने की बात कह रहे हैं।
सरकारी एजेंसियों और लोकपाल ने जांच कर ली तो फिर विजिलेंस से जांच करवाने की बजाय जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य जो भी दोषी है उनके खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेलों में भेजा जाना चाहिए। सरकार जांच के नाम पर भ्रष्टाचार के मामलों को बढ़ावा देने का काम कर रही है।