करनाल का चर्चित भ्रष्टाचार आरोपी तहसीलदार निलंबित, DTP के साथ मिलकर करता था अवैध कालोनियों की रजिस्ट्री!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
करनाल का चर्चित भ्रष्टाचार आरोपी तहसीलदार निलंबित, DTP के साथ मिलकर करता था अवैध कालोनियों की रजिस्ट्री!*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
करनाल ;- हरियाणा के करनाल जिले में भ्रष्टाचार के मामले में फंसे तहसीलदार राजबक्श को निलंबित कर दिया गया है। पांच लाख रुपए की रिश्वत के साथ पकड़े गए जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) विक्रम सिंह तहसीलदार के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का खेल खेलता था। डीटीपी विक्रम सिंह, तहसीलदार राजबक्श व डीटीपी के ड्राइवर बलबीर तीनों न्यायिक हिरासत में भेजे गए हैं। इसी मामले में हरियाणा स्टेट विजिलेंस की टीम ने करनाल के तहसीलदार राजबख्श को भी गिरफ्तार किया था। डीटीपी विक्रम और तहसीलदार राजबख्श एक-दूसरे का काम कराने की ऐवज में लोगों से रिश्वत लेते थे। 12 मार्च को दोनों कोर्ट में पेश किए गए थे, जहां कोर्ट ने विजिलेंस की मांग पर 3 दिन का रिमांड दिया। रिमांड के दौरान आरोपी DTP से 78 लाख 50 हजार रुपए बरामद हुए। साथ ही कुछ कागजात, कैश में खरीदी दो गाड़ियां भी मिलीं। 14 मार्च को तहसीलदार राज बक्श को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। 15 मार्च को DTP विक्रम सिंह, तहसीलदार राज बक्श व DTP के ड्राइवर बलबीर को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने बलबीर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। DTP का 3 और तहसीलदार का 1 दिन का रिमांड दिया। एक दिन के रिमांड के दौरान सामने आया कि तहसीलदार राजबक्श के पास 2 मकान हैं। इनमें से 1 मकान राजबक्श की बेटी के नाम है और दूसरा मकान तहसीलदार की पत्नी के नाम पर है। इसके अलावा 40 लाख रुपए नकदी है। 80 हजार रुपए मिले है। इनके दो मकान रतिया में हैं, जिनके कागजात भी रतिया में ही हैं। इसके अलावा फरीदाबाद में जमीन है। फरीदाबाद की जमीन के कागजात तहसीलदार के फ्रेंड के पास हैं। सामने आया कि तहसीलदार राजबक्श क्लर्क के माध्यम से पैसे लेता था। तहसील में 15 डीड राइटर व 3 जेई के नाम बताए हैं, जो पैसे देकर रजिस्ट्री करवाने में दलाल का काम करते हैं। जांच में सामने आया है कि तहसीलदार राजबक्श व डीटीपी विक्रम सिंह मिलकर अवैध कॉलोनियों को सीएम सिटी करनाल में बसाने का गिरोह चला रहे थे। तहसीलदार और डीटीपी अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री और एनओसी के लिए रिश्वत लेते थे। दोनों के पास भ्रष्टाचार से संबंधित कोई भी केस आता तो डील कर लेते थे। अवैध कॉलोनियां विकसित कराने में दोनों अधिकारियों का अहम रोल रहता था। तहसीलदार कॉलोनाइजर्स के साथ मिलकर रजिस्ट्री की जिम्मेदारी लेता था। डीटीपी रजिस्ट्री के लिए एनओसी जारी करता था। दोनों अधिकारी मुंह मांगी रिश्वत लेकर पैसा इकट्ठा कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, तहसीलदार 60% और डीटीपी 40% हिस्सेदारी पर काम करते थे। तहसीलदार राजबख्श लंबे समय से करनाल में ही कार्यरत रहा है। वह 13 जुलाई 2016 से 21 जनवरी 2019 तक नायब तहसीलदार रहा। प्रमोशन होने के बाद करीब तीन साल से वह तहसीलदार करनाल के पद पर कार्यरत है। 25 फरवरी 2019 को तहसीलदार करनाल का पद संभाला था। 13 सितंबर 2019 को उसका तबादला हो गया था, लेकिन फिर तीन महीने बाद दोबारा 17 दिसंबर 2019 को उसे करनाल का तहसीलदार बना दिया गया था।
तहसीलदार की सियासी व प्रशासनिक पहुंच का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जुलाई 2020 में शहर के एक प्राइवेट स्कूल मालिक सहित तहसीलदार पर दुष्कर्म का आरोप उसी स्कूल की अध्यापिका द्वारा लगाया गया था। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर शहर में प्रदर्शन भी हुए थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि इस मामले की जांच कैथल पुलिस को सौंप दी थी। उधर, सरकार द्वारा कराई गई जांच में सामने आया था कि करनाल तहसील में 3 अप्रैल 2017 से 13 अगस्त 2020 तक 8161 रजिस्ट्री अवैध कॉलोनी में की गई। इस जांच में तहसीलदार का भी नाम आया।