अमानत में खयानत करते हुए बिजली निगम के कर्मचारियों ने किया बड़ा फर्जीवाड़ा, पुलिस ने लिया 4 दिन के रिमांड*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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अमानत में खयानत करते हुए बिजली निगम के कर्मचारियों ने किया बड़ा फर्जीवाड़ा, पुलिस ने लिया 4 दिन के रिमांड*
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पानीपत(राजेश ओबराय);- कहावत है इंसान जितना मर्जी बड़ा बन जाये औकात नहीं छोड़ता, यही बात XEN पर फिट बैठती है।बड़ा रूतबा मिलने के बाद भी गड़बड़ झाला कर ही दिया। परन्तु पुलिस के लंबे हाथों से बच नही पाया।हरियाणा के यमुनानगर बिजली निगम के बाबुओं द्वारा बड़ा गबन करने का मामला सामने आया है। इस गबन के तार पानीपत के समालखा से भी जुड़े हुए हैं। पानीपत के समालखा में भी इन बाबुओं के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज है। पिछले कई दिनों से पानीपत की सीआईए टू यूनिट यमुनानगर में डेरा डाले हुए थी। विभिन्न पहलुओं पर जांच व पूछताछ करने हुए आखिरकार पानीपत पुलिस ने फर्जीवाड़े के दो बाबुओं को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए बाबुओं में बिलासपुर XEN नीरज कुमार व बिलासपुर के अकाउंटेंट योगेश लांबा शामिल हैं। दोनों को पानीपत पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को ही चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
दोनों के रिमांड का आज दूसरा दिन है। रिमांड के दौरान इन बाबुओं ने फिलहाल 63 लाख के गबन का खुलासा किया है। इस गबन का मास्टमाइंड एलडीसी क्लर्क राघव वधावन फिलहाल फरार है। हालंकि डिपार्टमेंट ने राघव को सस्पेंड कर दिया है।
पानीपत सिविल अस्पताल में आरोपी XEN की शुक्रवार देर रात मेडिकल जांच करवाने पहुंची पुलिस।
पुलिस की रेड़ से पहले
पानीपत सीआईए-2 की यमुनानगर में रेड और बिलासपुर डिविजन की शिकायत करने की टाइमिंग लगभग मिलती जुलती है। एक्सईएन नीरज की एसपी के नाम दी शिकायत पर 17 फरवरी की तारीख है। इन्हीं दिनों पानीपत सीआईए-2 भी मामले की जांच के लिए यमुनानगर में थी। खुद नीरज को भी पानीपत सीआईए-2 हिरासत में ले गई थी, पर अब उन्हीं की शिकायत पर बिलासपुर थाने में अन्य कर्मचारियों पर बिजली निगम के 63 लाख गबन के आरोप में केस दर्ज हो गया। आरोप बिलासपुर डिविजन के एलडीसी राघव वधावन, अकाउंटेंड योगेश लांबा, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट राकेश नंदा व यमुनानगर रहे अब समालखा एक्सईएन कार्यालय में तैनात डिप्टी सुपरिटेंडेंट चक्रवर्ती शर्मा पर लगाया है। थाना बिलासपुर पुलिस ने इन चारों पर एक्सईएन नीरज की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा-420, 34 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की है। पानीपत के समालखा से बिजली निगम में चल रहे इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। समालखा के रहने वाले अनिल शर्मा ने पुलिस को शिकायत दी कि वह टैक्सी ड्राइवर है। उसके पास एक व्यक्ति आया, जिसने कहा कि वह उसे लोन दिला देगा। उसने दस्तावेज लिए और उसके बैंक खाते में लाखों रुपए ट्रांसफर हुए। लोन दिलाने की बात कहने वाला व्यक्ति बाद में कहने लगा कि यह पैसे उसके बैंक खाते में गलती से आए हैं, तब पैसे निकाल कर उसे दे दिए।
बाद में बैंक खाते की जांच कराई तो पता चला कि पैसे बिजली निगम की ओर से भेजे गए थे। अनिल शर्मा की शिकायत पर समालखा पुलिस ने केस दर्ज किया और पानीपत सीआईए-2 जांच में लग गई। सामने आया कि टैक्सी ड्राइवर के खाते में जो पैसे आए, वह यमुनानगर बिजली निगम के डिविजन ऑफिस के खाते से ट्रांसफर हुए। यह राशि रिटायर कर्मचारियों के फंड का पैसा था। यहीं से बोगस वाउचर बनाकर बैंक खातों में राशि ट्रांसफर व क्रेडिट कर बिजली निगम के धन का गबन पकड़ा गया। ऐसे कई फर्जी ट्रांजेक्शन बताए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जिन लोगों के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर क्रेडिट हुए, उन्हें भी कुछ हिस्सा मिलता था। समालखा थाना पुलिस ने 8 फरवरी को केस दर्ज कर लिया। वहीं मामले की जांच पानीपत की सीआईए टू पुलिस कर रही है।