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कार्यकाल के अंतिम दिन हरियाणा विधानसभा अतिरिक्त सचिव सुभाष शर्मा को मिली पदोन्नति, स्पीकर और संसदीय कार्य मंत्री ने शॉल पहनाकर किया सम्मानित, अधिकारी कर्मचारी बोले खलती रहेगी कमी*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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कार्यकाल के अंतिम दिन हरियाणा विधानसभा अतिरिक्त सचिव सुभाष शर्मा को मिली पदोन्नति, स्पीकर और संसदीय कार्य मंत्री ने शॉल पहनाकर किया सम्मानित, अधिकारी कर्मचारी बोले खलती रहेगी कमी*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष के सचिव सुभाष चंद शर्मा 36 साल की सेवा के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। उनकी सराहनीय कार्यशैली को देखते हुए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने उन्हें सचिव पद पर पदोन्नति देकर विदाई दी। इससे पूर्व वे अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे। इस अवसर पर विधान सभा स्टाफ की ओर से विदाई पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल ने उन्हें शॉल और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। इसके उपरांत विधान सभा के अधिकारी और कर्मचारी सुभाष चंद शर्मा को उनके घर तक छोड़ने गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उनके परिजन और रिश्तेदार भी उपस्थित रहे। विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सुभाष चंद शर्मा को सचिव पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा, जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वीकार कर लिया। इस प्रकार सुभाष चंद शर्मा हरियाणा विधान सभा से सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। विस अध्यक्ष ने कहा कि सुभाष चंद शर्मा का 36 साल का कार्यकाल सराहनीय और उपलब्धियों से भरा रहा है। इस दौरान उन्होंने 11 विधान सभा अध्यक्षों के साथ कार्य किया तथा वे सभी के विश्वास पात्र रहे। उनकी विधान सभा के स्टाफ के साथ तालमेल की भावना और सहयोगात्मक रवैया दूसरे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अनुकरणीय है। गुप्ता ने कहा कि विधान सभा सत्रों के दौरान वे पूरी निष्ठा और सजगता से सेवा देते रहे हैं।
विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा उनकी सेवाओं से प्रभावित होकर गत शीतकालीन सत्र में सदन के नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी उनकी कार्यशैली की प्रशंसा की थी। गौरतलब है कि सुभाष चंद शर्मा ने हरियाणा विधान सभा में 15 सितंबर 1988 को सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर के पद पर ज्वाईन किया था। उससे पूर्व उन्होंने वर्ष 1985 से 1987 तक विज्ञान एवं तकनीकी विभाग में जूनियर स्केल स्टैनोग्राफर के पद पर कार्य किया। विधान सभा में समय-समय पर पदोन्नत होते हुए वे अतिरिक्त सचिव बने। वर्ष 2007 से वे विधान सभा अध्यक्षों के साथ सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे।

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