पूर्व सीएम हुड्डा का पलटवार,भाजपा-जजपा गठबंधन के कुशासन ने हरियाणा को फिसड्डी राज्यों की श्रेणी में लाकर कर दिया खडा*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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पूर्व सीएम हुड्डा का पलटवार,भाजपा-जजपा गठबंधन के कुशासन ने हरियाणा को फिसड्डी राज्यों की श्रेणी में लाकर कर दिया खडा*
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चंडीगढ;- सीएम हरियाणा मनोहरलाल के बयान के बाद तिलमिलाए पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने बताया, उन्हें किस बात की पीड़ा है।
आजकल हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुख्यमंत्री मनोहरलाल के बीच आजकल वार और पलटवार तेज हो गया है। इसका कारण कोरोना काल से निपटने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा अपनाए गए तरीके पर हुड्डा के सवाल उठाने से शुरू हुआ था। दोनों नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। हुड्डा ने अब सीएम मनाेहरलाल के पीड़ा वाले बयान का जवाब दिया है। हुड्डा ने कहा कि उनकी पीड़ा भाजपा सरकार के शासन में हरियाणा के फिसड्डी राज्य बनने के कारण है। हमने हरियाणा को नंबर वन बनाया और इस सरकार ने इसे फिसड्डी बना दिया है। हुड्डा ने सीएम मनोहर लाल के दिल में राजनीतिक पीड़ा के बयान पर किया पलटवार।बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल उन्होंने कहा था कि हुड्डा के दिल में राजनीतिक पीड़ा छिपी है, इसलिए वह सरकार के हर काम का विरोध करते हैं। हुड्डा ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर कहा कि हमें इस बात की पीड़ा है कि जिस हरियाणा को हमने साढ़े नौ साल की कड़ी मेहनत से देश का नंबर वन राज्य बनाया था, उसे पहले भाजपा और अब भाजपा-जजपा गठबंधन के कुशासन ने देश के फिसड्डी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। हुड्डा का कहना है कि कांग्रेस के शासन में हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन, किसानों के हित, खिलाड़ियों के मान-सम्मान समेत तमाम पैमानों पर देश का अग्रणी राज्य था। लेकिन, भाजपा व जजपा गठबंधन के कार्यकाल में यह राज्य अपराध, बेरोजगारी, प्रदूषण, कर्ज, घोटाले, किसानों पर अत्याचार और बदहाली के मामले में अग्रणी हो गया है। हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणावासी एक-एक दिन गिनकर निकाल रहे हैं। सत्ता में बैठे हुए लोगों को प्रदेश के ऐसे हालात देखकर पीड़ा होनी चाहिए। कम से कम हमें तो हरियाणा का यह हाल देखकर पीड़ा हो रही है।हुड्डा ने कहा कि उन्हें प्रदेश के किसानों की हालत देखकर पीड़ा होती है। हमें इस बात की पीड़ा है कि आज हरियाणा के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे। हमें बढ़ते अपराधों की पीड़ा है। हमें अस्पताल में बेड, आक्सीजन और दवाइयों के अभाव में मरते हुए लोगों को देखकर पीड़ा हुई है। लोगों की कराह और उनका दु:ख देखकर पीड़ा होना एक मानवीय सरोकार है।