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अभय चौटाला के इस्तीफ़ा मिलने के बाद स्पीकर ने कहा अब 27 जनवरी को अभय चौटाला के आने का इंतजार*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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अभय चौटाला के इस्तीफ़ा मिलने के बाद स्पीकर ने कहा अब 27 जनवरी को अभय चौटाला के आने का इंतजार*
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चंडीगढ़ ;- किसानों द्वारा कृषि आंदोलन को चलाने के बाद हरियाणा सरकार की नींद हराम हुई है।अभय चौटाला ने त्यागपत्र देकर मानो तेल मेंं घी डालने का काम किया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में ई-मेल द्वारा भेजा गया सशर्त इस्तीफा खारिज होने के बाद इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने अब संशोधित त्यागपत्र विधानसभा भेजा है। शुक्रवार सुबह पार्टी पदाधिकारियों ने विधानसभा सचिवालय जाकर सशर्त इस्तीफा सौंपा। इसके बाद अभय चौटाला ट्रैक्टर पर सवार होकर अंबाला से निकलने वाली ट्रैक्टर यात्रा के लिए कूच कर गए। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने कहा कि एसवाइएल को लेकर हुए आंदोलन के दौरान भी चौधरी देवीलाल और डॉ. मंगलसेन ने इसी तर्ज पर विधानसभा से इस्तीफे स्पीकर को भेजे थे। तब उन्हें स्वीकार कर लिया गया था। फिर मौजूदा स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करने में क्या हर्ज है? उन्होंने दोहराया कि इस्तीफा मंजूर नहीं होने की स्थिति में वह 27 जनवरी को ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा जाएंगे और वहां स्पीकर से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि चौटाला चौधरी देवीलाल और डॉ. मंगलसेन के जिस इस्तीफे की बात कर रहे हैं, वह डेट बाउंड नहीं थे। चौटाला ने अपने इस्तीफे में 26 जनवरी तक कृषि कानून रद्द न होने की शर्त रखी है। गुप्ता ने कहा कि वह कानूनी विशेषज्ञों से इस पर सलाह ले रहे हैं और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे। वह 27 जनवरी को अभय के विधानसभा आने की प्रतीक्षा करेंगे। अभय चौटाला ने इस्तीफे में लिखा है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किसान दिल्ली की सरहदों पर करीब 50 दिन से बैठे हैं। सर्दी और बारिश की वजह से 70 से अधिक किसानों ने शहादत दी है, परंतु सरकार बार-बार किसानों के साथ बैठकें कर टालमटोल करते हुए समय बर्बाद कर रही है।

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