किसान आंदोलन के बीच फंसी खट्टर की हरियाणा सरकार कम हलचल सरकार सरकार दिखती है ज्यादा?
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
किसान आंदोलन के बीच फंसी खट्टर की हरियाणा सरकार कम हलचल सरकार सरकार दिखती है ज्यादा?
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ ;- किसान आंदोलन को लेकर इन दिनों हरियाणा सरकार में कुछ ज्यादा हलचल मची हुई है। पहले अमित शाह के पास मुलाकात के लिए जजपा विधायक गये और चंडीगढ़ में लंच दिया गया।सरकार बचाने के लिए या यह कहे अपनी कुर्सी बचाने के लिए निर्दलीय विधायकों को चौ रणजीत सिंह चौटाला ने लंच दिया। सरकार में बैठे मंत्री को लंच डिप्लोमेसी की जरूरत क्यों आन पड़ी । क्या सरकार में सब कुछ ठीक नही चल रहा है? हरियाणा कांग्रेस किसान अधिकार दिवस मना रही है और राज्यपाल से सत्र बुलाने का आग्रह कर चुकी है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह रहे हैं कि खुद गिरती है जन भावनाओं के खिलाफ चलने वाली सरकार । दीपेंद्र सिंह हुड्डा कह रहे हैं कि सरकार किसानों के हित की तरफ ध्यान दे। सैलजा बाॅर्डरों पर जाकर किसानों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है । केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का भी दर्द छलक उठा और वे कह रहे हैं कि सरकार बनाने में हमारा योगदान है लेकिन हमारे लोगो को पूरा महत्व मिल नहीं रहा। इधर जजपा विधायकों रामकुमार गौतम और जोगीराम सोहाग के घरों के बाहर प्रदर्शन यह दबाब बनाने के लिए कि छोड़ दो किसानों के हक में लड़ने के लिए विधायक पद । वैसे रामकुमार गौतम के सुर सरकार बनने के बाद से ही सरकार के खिलाफ हैं । जोगीराम ने चेयरमैन बनने से इनकार कर दिया । ये किसानों के पक्ष में ही खड़े दिखाई दे रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के कार्यक्रमों के विरोध को देखते हुए यह आदेश जारी हुए हैं कि पंचायतों का आयोजन स्थगित कर दिया जाये । जब जनता गाड़ियों के काफिले पर डंडे मारने लगी तो यही सही कदम है । यही है राइट च्वाइस नेता जी । गंगवा के लिए गांवों में हुक्का पानी बंद करने के पोस्टर भी लग गये हैं ।
भाजपा में शामिल होने के बावजूद वरिष्ठ नेता प्रो सम्पत सिंह और,उनके बेटे गौरव सिंह की बोली किसानों के पक्ष में है और गौरव तो एक टाॅल प्लाजा पर जाकर किसानों का समर्थन भी कर आए हैं । यह भी राइट च्वाइस बेबी कहने को दिल कर रहा है । वैसे सम्पत सिंह यह महसूस करने लगे हैं कि शायद इस समय भाजपा छोड़ने में ही भलाई है पर यह कदम कब उठायेंगे? कही सम्प्पत सिंह को देर न हो जाये! केन्द्र सरकार बातचीत के अगले दौर में प्रवेश कर रही है जिससे कोई हल निकलने की उम्मीद अब भी नहीं है । हां कमेटी सदस्य भूपेंद्र मान ने कमेटी में शामिल होने से इंकार कर दिया है । यह किसानों के लिए शुभ संकेत है।