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ED ने बड़ी कार्यवाही करते हुए भिवानी नगर परिषद में गबन के मामले में आरोपियों की 3.99 करोड़ की संपत्ति की कुर्क*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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ED ने बड़ी कार्यवाही करते हुए भिवानी नगर परिषद में गबन के मामले में आरोपियों की 3.99 करोड़ की संपत्ति की कुर्क*
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भिवानी नगर परिषद के करीब 14.31 करोड़ रुपये की राशि गबन करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीरवार को दो आरोपियों नितेश अग्रवाल और विनोद कुमार गोयल की करीब 3.99 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की।
दोनों आरोपियों ने नगर परिषद भिवानी के पैसे विभिन्न प्राइवेट फर्म में ट्रांसफर किए और बाद में फर्म के अकाउंट से निकाल लिए। दोनों आरोपियों ने गबन की काफी राशि अपनी पत्नियों के नाम जमा करवाई थी। हरियाणा पुलिस ने इस मामले में साल 2022 में एफआईआर दर्ज की थी। इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने भिवानी नगर परिषद के अधिकारी, निजी बैंक का मैनेजर और निजी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
पुलिस ने जब एफआईआर दर्ज की थी तो उस दौरान सिर्फ दो करोड़ रुपये गबन की आशंका व्यक्त की गई थी। मगर बाद में जांच में 14.31 करोड़ रुपये के गबन की बात सामने आई। यह पैसे साल 2018 से निकाले जा रहे थे। दरअसल नगर परिषद भिवानी का बैंक अकाउंट पीएनबी और आईडीबीआई बैंक अकाउंट में थे। पुलिस के मुताबिक तत्कालीन चेयरमैन रण सिंह यादव ने एक्सिस बैंक के मैनेजर नितेश अग्रवाल से मिलीभगत कर सभी बैंक अकाउंट एक्सिस बैंक में ट्रांसफर करवा दिए गए। इस दौरान दोनों के बीच तय हुआ कि बैंक अकाउंट ट्रांसफर होने पर रण सिंह को कमिशन भी दिया जाएगा। जब बैंक अकाउंट ट्रांसफर हो गए तो दोनों ने इन सभी पैसों का गबन करने की साजिश रची और मामले में कारोबारी विजय कुमार गोयल को भी शामिल किया।
विजय कुमार गोयल ने दिल्ली की फर्मों के बैंक अकाउंट मुहैया करवाए। उसके बाद रण सिंह यादव चेक पर हस्ताक्षर करता रहा और नितेश अग्रवाल बैंक से नगर परिषद भिवानी का पैसा प्राइवेट फर्म में ट्रांसफर करता रहा। इस प्रकार साल 2018 से लेकर 2022 तक करीब 14.31 करोड़ रुपये प्राइवेट फर्म में ट्रांसफर किए गए। आरोपियों ने फर्म से पैसे निकाल कर अपने परिजनों के नाम निवेश कर दिया। इस मामले का खुलासा सुदर्शन जिंदल की शिकायत पर हुआ था। उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की थी। ईडी अपनी जांच में अब तक पांच करोड़ रुपये की राशि का पता लगा चुका है, जिनमें से 3.99 करोड़ रुपये आरोपियों ने प्लाट व मकानों में निवेश किया था। ईडी ने दोनों आरोपियों के प्लाट व मकान अटैच कर लिए हैं।

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