ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई गुहार, राम रहीम को पेरोल मिलने से शहर की अमन शांति होगी खराब! बाबा ने पेरोल याचिका ली वापिस!
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई गुहार, राम रहीम को पेरोल मिलने से शहर की अमन शांति होगी खराब! बाबा ने पेरोल याचिका ली वापिस!
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रोहतक :- करीबन दो सप्ताह पहले डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने रोहतक की सुनारिया जेल प्रशासन से पैरोल की अर्जी लगाई थी, जिसे अब उसने वापस ले लिया है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर में ये बताया जा रहा है कि राम रहीम ने अर्जी वापस ले ली है, लेकिन इसके पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है। बता दें कि राम रहीम द्वारा पैरोल की अर्जी लगाए जाने के बाद इसका विरोध भी देखने को मिला था। इसी बीच जेल प्रशासन और सिरसा प्रशासन व पुलिस के बीच इसकी प्रक्रिया चल रही थी कि इसी बीच राम रहीम की अर्जी वापस लेने की खबर सामने आई है। गौरतलब है कि साध्वी यौन शोषण व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में दो-दो उम्रकैद की सजाओं में सुनारिया जेल में बंद है। 25 अगस्त 2017 को दो साध्वियों से यौन शोषण के मामले में राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद उसे सजा काटने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में भेज दिया गया। वहीं, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में राम रहीम को सुनारिया जेल से ही कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेेश किया गया। राम रहीम के जेल में ही रहते उसे व तीन अन्य आरोपियों को इस मामले में उम्रकैद व 50-50 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
उधर, जेल जाने के एक साल 10 महीने बाद राम रहीम ने जेल से बाहर आने के लिए अपने खेतों में कृषि कार्य करने का कारण बताते हुए पैरोल की अर्जी लगाई। जेल के नियमों के मुताबिक, जेल में अच्छा आचरण होने के चलते राम रहीम को पैरोल मिलने के पूरे आसार थे, लेकिन राम रहीम के बाहर आने से सिरसा में पडऩे वाले प्रभाव को मद्देनजर रखते हुए जेल प्रशासन ने सिरसा प्रशासन से इसकी रिपोर्ट मांगी थी।
सिरसा प्रशासन ने अभी अपनी रिपोर्ट तैयार कर ही रही थी कि राम रहीम ने अपनी अर्जी वापस लेते हुए सभी तरह की कश्मकश पर एक बार विराम लगा दिया है। हालांकि राम रहीम की पैरोल के विरोध में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने भी विरोध जताया था। वहीं आज भी सिरसा में कई गांवों के लोगों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप गुरमीत राम रहीम को पेरोल न देने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार गुरमीत राम रहीम को पेरोल देती है तो शहर की अमन शांति खराब होगी। 2017 में भी राम रहीम को जब सजा सुनाई गई, तब हालत बहुत ज्यादा खराब हुए थे।