करोडो रुपये का जीएसटी घोटालेबाज पहुंचा जेल*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
करोडो रुपये का जीएसटी घोटालेबाज पहुंचा जेल*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
राेहतक :- सोनीपट दो बोगस फर्मों का सीजीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराकर आरोपी नवीन जैन ने दो साल में 18 शहराें में कराेड़ाें रुपए का सरकार काे चूना लगा दिया। देश भर में 142 लोगों को 254 करोड़ रुपए का टर्नओवर दिखाकर 38 करोड़ के इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर जीएसटी चोरी का आरोप है। कागजों पर ही फर्जी लेनदेन दिखाकर मास्टरमाइंड की ओर से छोटे-छोटे फर्म संचालकों को झांसा देकर 18 फीसदी जीएसटी चोरी करने को राजी किया जाता था। जीएसटी की एंटी विजन टीम की पूछताछ में खुलासा हुअा है। एंटी विजन टीम के प्रभारी सीजीएसटी एडिशनल कमिश्नर अनिल रावल ने मंगलवार को आरोपी को जेल भेजने के बाद बुधवार सुबह से हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर आरोपियों की गिरफ्तारी करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। एडिशनल कमिश्नर सीजीएसटी महेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले तीन माह से कई फर्मों पर संदेह के आधार पर मानीटरिंग की जा रही थी।
टीम ने सोनीपत जिले में जाकर फर्म के दिए गए पते पर जांच की तो वह फर्जी निकला। आरोपी नवीन जैन को ट्रेडर्स का व्यापार करते पाया। आठ करोड़ की जीएसटी चोरी हरियाणा प्रदेश में और 30 करोड़ की जीएसटी चोरी देश भर के अन्य शहरों में फर्म संचालकों को फर्जी इनवाइस जारी कर की गई है। अधिकारियों का दावा है कि 91 लाख रुपए की रिकवरी की जा चुकी है। सीजीएसटी कमिश्नर विजय मोहन जैन ने बताया कि दो साल में फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले शातिरों पर कार्रवाई की गई है। शाह इम्पैक्स व आर्चिड ओवरसीज के नाम से बनाई दो बोगस फर्म :
सीजीएसटी के एडिशनल कमिश्नर महेंद्र कुमार बताते हैं कि सोनीपत निवासी नवीन जैन ने शाह इम्पैक्स व आर्चिड ओवरसीज के नाम से दो बोगस फर्म बनाई। शाह इम्पैक्स फर्म के जरिए नवीन जैन ने 140 करोड़ की फर्जी इनवाइस जारी करके 21 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी की। आर्चिड ओवरसीज नाम से बनाई दूसरी फर्म के जरिए 114 करोड़ रुपए की फर्जी इनवाइस जारी करके 17 करोड़ रुपए का टैक्स चोरी किया। 18 शहरों की फर्मों के संचालकों को फायदा दिए जाने की बात जांच में पाई गई है, जबकि वास्तविकता में किसी प्रकार के सामान का लेन देन नहीं मिला और कागजों पर ही रिटर्न भरी जाती रही। इनपुट टैक्स क्रेडिट का आंकड़ा बढ़ते जाने पर संदेह हुआ और जांच की गई, जिसमें पूरे खेल का भंडाफोड़ किया गया।