HCS रीगन को हरियाणा सरकार ने समय से पहले किया रिटायर!/अन्य अधिकारियों को किया सचेत!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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HCS रीगन को हरियाणा सरकार ने समय से पहले किया रिटायर!/अन्य अधिकारियों को किया सचेत!*
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चंडीगढ़ ;- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार HCS अधिकारी रीगन कुमार मामले में नायब सरकार ने साबित कर दिया है कि अब अच्छा आचरण औऱ बेहतर काम करने वाले अफसर ही सरकारी नौकरी में बने रहेंगे। जो भी अधिकारी काम नहीं करेगा, उसे सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। नायब सरकार में अभी 55 की उम्र में जबरन रिटायरमेंट करने पर मंथन चल रहा है। लेकिन इसी बीच सरकार ने HCS रीगन कुमार को जबरन रिटायर कर दिया है। वह 2011 बैच के एचसीएस हैं। उनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। निजी सूत्रों का कहना है कि उन्हें बर्खास्त करने पर भी फाइल चल रही है। इसे लेकर पिछले साल अगस्त में हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन से कमेंट भी मांगे गए थे।
*भाजपा की नायब सरकार में रीगन पहले अधिकारी है, जिन्हें जबरन रिटायर किया गया*
भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब किसी एचसीएस ऑफिसर को जबरन रिटायर किया गया है। इससे पहले 2021 में एचपीएससी के तत्कालीन डिप्टी सेक्रेट्री अनिल नागर को बर्खास्त किया था।
रीगन की आयु 40 वर्ष से भी कम है। उनका मुख्य सचिव कार्यालय की वेबसाइट पर ग्रेडेशन लिस्ट से भी पूरा रिकॉर्ड हटा दिया है। मुख्य सचिव ने मानव संसाधन विकास विभाग से रिपोर्ट मांगी है। काम न करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को 50-55 की उम्र में रिटायरमेंट की पावर प्रशासनिक सचिवों को भी दी जा सकती है। बता दे कि रीगन कुमार पर 2018 में यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। तब वे शिक्षा विभाग की उत्कर्ष
सोसायटी में नियुक्त थे। यौन उत्पीड़न समिति की जांच में उन्हें दोषी ठहराया था। इस मामले में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। सस्पेंड भी हुआ था। *राजस्व विभाग में की अनुशासनहीनता*
वे दो बार मीटिंग में नहीं पहुंचे और विभाग एक अन्य मीटिंग में भी देरी से पहुंचे। उन्हें नूंह में एसडीएम रहते भी निलंबित किया गया था। हरियाणा सरकार ने राज्य के अन्य अधिकारियों को भी एक तरह का यह संदेश दिया है कि जो भी अधिकारी किसी भी तरह का गलत कार्य करेगा उसको रीगन कुमार की तरह परिणाम भुगतने होंगे।