राहुल गांधी के कार्यक्रम में एक साथ हुड्डा – शैलजा का नजर आना मजबूरी या हरियाणा में सरकार बनाने की तैयारी*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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राहुल गांधी के कार्यक्रम में एक साथ हुड्डा – शैलजा का नजर आना मजबूरी या हरियाणा में सरकार बनाने की तैयारी*
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चंडीगढ़ ;- 15 दिन बाद आखिरकार कांग्रेस की सांसद और दलित नेता कुमारी सैलजा हरियाणा चुनाव प्रचार में नजर आई। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी नाराजगी दूर हुई है कुछ हद तक तो यह माना जा सकता है। क्योंकि करनाल के असंध में राहुल गांधी की रैली में कुमारी सैलजा ने शिरकत की और मंच से संबोधन भी दिया. अहम बात है कि अपने पोस्टरों से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जगह ना देने वाली सैलजा ने अपने संबोधन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी जगह दी। इस दौरान हालांकि, कुमारी सैलजा ज्यादा नहीं बोली, केवल 5 से 7 मिनट तक उन्होंने भाषण दिया. इस दौरान सैलजा के चेहरे पर ज्यादा हाव भाव नजर नहीं आए और वह गंभीर मुद्रा में ही नजर आईं।
करनाल के असंध में कुमारी शैलजा ने मंच से संबोंधन के दौरान जैसे ही भाषण की शुरुआत की तो सबसे पहले राहुल गांधी का नाम लिया। इसके बाद कुमारी सैलजा ने भपेंद्र सिंह हुड्डा का भी नाम लिया। अहम बात है कि राहुल गांधी बीच में और एक तरफ कुमारी सैलजा तो दूसरी तरफ भूपेंद्र सिंह हुड्डा बैठे थे।
*भाषण में राहुल गांधी को दी अहमियत*
शैलजा ने अपने भाषण में कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी का रुतबा ऊंचा कर दिया है। लोकसभा चुनाव में आपने यह सब देखा है. संसद के सत्र के दौरान भी आपने देखा कि कैसे पीएम कई बार राहुल जी स्पीच में बोल रहे थे। वह दिल की गहराईयों से उनका स्वागत करती हूं। हरियाणा में दस साल का कुशासन का बदला चुकाने का वक्त आ गया है। 36 बिरादरी और सभी लोग इंतजार में हैं और इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो रही है और आप सभी से अपील है कि आपने उत्साह दिखाना है. यहां से भाई शमशेर सिंह गोगी को जिताना है। हमारे सभी प्रत्याशियों को जिताना हैं।
*हुड्डा ने भी मंच से लिया शैलजा का नाम*
इसके बाद हुड्डा ने माइक संभाला और उन्होंने भी अपने शुरुआती भाषण में सैलजा का नाम लिया और उन्हें बड़ा नेता बताया. हुड्डा ने कहा कि भारत के सर्वमान्य नेता राहुल गांधी जी हैं और वह मजबूती से लोगों की आवाज उठा रहे हैं. हुड्डा ने कहा कि जब भारत जोड़ो यात्रा गई थी तो उसके बाद से नया जोश लोगों में भरा था। अब लोग कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं. 10 साल हमारी सरकार भी रही और 10 साल भाजपा रही। बाते बड़ी-बड़ी करते हैं, लेकिन लोग तोल सकते हैं. सिर्फ घोषणाएं कर रहे हैं।
बता दें कि टिकट आवंटन में शैलजा को ज्यादा तवज्जों ना मिलने के बाद से वह नाराज चल रही थी। 12 सितंबर के बाद से उन्होंने प्रचार नहीं किया था और ना ही सोशल मीडिया में कोई वीडियो शेयर किया था। इस दौरान शैलजा ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की थी। भाजपा ने शैलजा के बहाने दलितों के अपमान के मुद्दों को उठाय था। लेकिन अब कांग्रेस ने इस मामले में अब कहीं ना कहीं शांत कर दिया है। उधर, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से शैलजा कोई नाराज नहीं है, बल्कि बीजेपी आईटी सेल के लोग नाराज भी हो जाते हैं और बाद में खुश भी हो जाते हैं. कांग्रेस में मुख्यमंत्री चुनने की पूरी एक प्रक्रिया है और हाईकमान सब चीजों के बारे में जानता है और विधायक दल फैसला करता है।