Wednesday, September 11, 2024
Latest:
करनालखेलचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतराज्यहरियाणा

मोदी के नाम पर वोट मांगने का अर्थ पूर्व सीएम खट्टर को अपने किये गए कार्यो पर नही था भरोसा! हरियाणा में पिछला प्रदर्शन दोहरा-पाना भाजपा के अति मुश्किल!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मोदी के नाम पर वोट मांगने का अर्थ पूर्व सीएम खट्टर को अपने किये गए कार्यो पर नही था भरोसा! हरियाणा में पिछला प्रदर्शन दोहरा-पाना भाजपा के अति मुश्किल!*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगड़ ;- लोकसभा 2019 में बीजेपी ने हरियाणा में क्लीन स्वीप किया था। राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी। इसमें से 8 सीटों पर उसके उम्मीदवारों ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने पिछले प्रदर्शन को दोहरा पाना या होने वाले नुकसान को कम कर पाना, बीजेपी के लिए मुश्किल दिखाई देता है। इसके पीछे वजह 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद हुए हुई कुछ घटनाएं हैं।
अगर कांग्रेस बीजेपी को नुकसान पहुंचाने में सफल हो जाती है तो यह उसके लिए एक बड़ी कामयाबी होगी क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोटों का अंतर 30% था। 2019 में बीजेपी को 58.02% वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 28.42%। जननायक जनता पार्टी को 4.2% और इंडियन नेशनल लोकदल को 1.89 प्रतिशत वोट मिले थे।
इस बार भी मतदान पिछली बार की ही तरह रहने की संभावना है। कांग्रेस और बीजेपी हरियाणा की 9 सीटों पर सीधे एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। कुरुक्षेत्र में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील गुप्ता चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनके सामने इनेलो के नेता अभय चौटाला हैं।तीसरा सबसे बड़ा फैक्टर बीजेपी सरकार के 10 साल के शासन के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है। यह हरियाणा में बीजेपी की सरकार और केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार दोनों को लेकर है। एंटी इनकंबेंसी से निपटने के लिए ही बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर और उनकी कैबिनेट को बदल दिया था। खट्टर की जगह पर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया। हरियाणा में कुछ महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। खट्टर करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि नायब सिंह सैनी करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव में उतरे हैं। बीजेपी ने इस बार हरियाणा में अपने 6 सांसदों की जगह नए उम्मीदवारों को उतारा है।
*अग्निपथ योजना को लेकर नाराजगी*
कांग्रेस ने किसान आंदोलन और पहलवानों के मुद्दे को चुनाव में उठाने के साथ ही महंगाई, बेरोजगारी, कानून और व्यवस्था, सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं में नाराजगी के मुद्दे को भी चुनाव प्रचार के दौरान उठाया है। हरियाणा से बड़ी संख्या में युवा सशस्त्र बलों में जाते हैं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ यह भी एक बड़ा मुद्दा है।

*मोदी के चेहरे पर मांगे वोट*
अन्य राज्यों की तरह हरियाणा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही भाजपा के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर चुनाव में सामने आए। बीजेपी ने हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की उपलब्धियों के नाम पर वोट मांगे। इनमें जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान अंबाला, सोनीपत के गोहाना और भिवानी-महेंद्रगढ़ में चुनावी रैलियां की। बीजेपी के चुनाव प्रचार में गांधी परिवार और अरविंद केजरीवाल निशाने पर रहे। ज्वलंत सवाल यह है कि जब पूर्व की खट्टर सरकार ने बढ़िया काम किये तो फिर अपने काम के नाम पर वोट क्यो नही मांगे, क्यो मोदी को चेहरा बनाकर मोदी के नाम पर वोट मांगे। क्या खट्टर को अपने किये कार्यो पर भरोसा नही रहा था, खट्टर सरकार के फैंसले गलत थे। अब की बार भाजपा सरकार के खिलाफ इतना जबरदस्त माहौल था कि यह चुनाव कांग्रेस ने नही बल्कि जनता ने सत्तारूढ़ दल के खिलाफ लड़ा है। इन सब सवालों का जवाब आने वाली 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम से मिल जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!