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कांग्रेस और आप पार्टी में यदि सहमति बनी तो चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी को मिल सकती है शिकस्त*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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कांग्रेस और आप पार्टी में यदि सहमति बनी तो चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी को मिल सकती है शिकस्त*
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चंडीगढ ;- 2024 लोकसभा चुनाव से पहले चंडीगढ़ में एक महत्वपूर्ण चुनाव होने जा रहा है। हालांकि, इस होने वाले चुनाव में जनता वोटिंग नहीं करेगी। लेकिन इससे लोकसभा के लिए आप और कांग्रेस पार्टी के बीच की स्तिथि साफ हो जाएगी। हम बात कर रहे हैं चंडीगढ़ मेयर चुनाव की। इस बार का मेयर चुनाव बेहद दिलचस्प रहने वाला है। चुनावी स्थिति कुछ ऐसी बनी हुई है कि अगर INDIA गठबंधन के तहत आप और कांग्रेस साथ में आ गए तो सत्ताधारी बीजेपी के लिए मुकाबला फंस जाएगा। नगर निगम की सत्ता में सालों से काबिज बीजेपी को हार का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि बीजेपी अपनी जीत कायम रखने के लिए हर प्रकार से पूरा ज़ोर लगा रही है। बीजेपी साधारण तो हार नहीं मानने वाली। वैसे भी बीजेपी के पास अकेले दम पर अब तक पार्षद वोटों (14+ सांसद वोट) की संख्या सबसे ज्यादा है। जबकि एक पार्षद ने बीजेपी से किनारा कर लिया है। एक तरफ जहां मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है, बस आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है तो वहीं दूसरी ओर चंडीगढ़ AAP के ही एक सीनियर नेता ने दावा किया है कि मेयर चुनाव में BJP से क्रॉस वोटिंग होगी। जब पूछा गया कि यह आप कैसे कह सकते हैं कि तो जवाब मिला कि बीजेपी के कुछ पार्षद अंदर ही अंदर खुश नहीं है और वे अपना विरोध जाहिर करने के लिए क्रॉस वोटिंग करेंगे। AAP सीनियर नेता ने कहा कि, ज्यादा नहीं तो एक पार्षद की तरफ से क्रॉस वोटिंग जरूर होगी। हालांकि, आम आदमी के सीनियर नेता ने ज्यादा कुछ खुलकर और स्पष्ट नहीं कहा। वहीं आप नेता ने कहा कि आप का कोई भी पार्षद अब कहीं नही जाने वाला है। आप के सभी पार्षद पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं। फिलहाल, AAP सीनियर नेता का यह दावा बीजेपी के लिए चिंताजनक है। बीजेपी अपने पार्षदों को लेकर स्थिति संभाले। वरना उसके साथ बड़ा खेला हो सकता है। हालांकि, बीजेपी का कहना है कि उसके खेमे से अब कोई पार्षद इधर-उधर नहीं जा रहा। जिसको जाना था वो गया। लेकिन अब सभी 14 पार्षद पार्टी के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं और मेयर चुनाव में पार्टी की जीत को लेकर पूरा ज़ोर लागाएंगे। बीजेपी का कहना है कि, एक बार फिर से चंडीगढ़ को बीजेपी का ही मेयर मिलेगा। बीजेपी की ही जीत होगी। बीजेपी का दावा है कि उसके पास मेयर बनाने के लिए पर्याप्त वोट हैं। वैसे बीजेपी का दावा तो ठीक है लेकिन बीजेपी ये न भूले कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का साथ-साथ आना हो जाता है तो ऐसे में उसके लिए मुश्किल हो जाएगी और अगर साथ नहीं हुआ तो फिर त्रिकोणीय मुकाबला तो है ही और ऐसे में चुनावी स्थिति कुछ भी हो सकती है।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात चल रही है। आप और कांग्रेस के सीनियर नेताओं से बातचीत करने पर पता चलता है कि दोनों तरफ़ से गठबंधन पर ज़ोर लग रहा है। बात करने पर दोनों नेताओं ने कहा है कि आशा है कि कुछ बढ़िया ही होगा और हम जीतेंगे। यानि बीजेपी की हार तय होगी। बताया जा रहा है कि, अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन होता है तो ऐसे में मेयर पद आप के पास रहेगा और सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पद कांग्रेस के पास। बाकी आगे क्या होता है अभी कुछ पता नहीं। कांग्रेस के पास इस वक्त अपने 7 पार्षद हैं। जबकि आम आदमी पार्टी के पास पार्षदो की कुल संख्या 13 है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस के न आने तक बीजेपी का सीधे-सीधे आप से मुक़ाबला था। साथ ही जाहिर सी बात थी कि बीजेपी के पास वोटों की संख्या सबसे ज्यादा होने से उसकी जीत पक्की हो जाती। क्योंकि आप के पास तो उसके वोट ही कम हैं। लेकिन कांग्रेस ने बीच में आकर बीजेपी के लिए सारा मामला गड़बड़ कर दिया, ऊपर से कांग्रेस का आप से गठबंधन हो रहा है! वहीं अगर चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस और आप में बात नहीं भी बनती है तो ऐसे में क्रॉस वोटिंग की पूरी संभावना बन रही है। मालूम रहे कि पिछली बार के मेयर चुनाव में कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लिया था और प्रदेश अध्यक्ष एच एस लक्की अपने सभी पर पार्षदों को लेकर चंडीगढ़ से बाहर चले गए थे।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पार्षदों की वोटिंग में क्रॉस वोटिंग का अंदेशा बरकरार रहता है। जहां किसी पार्टी के लिए बाजी किसी भी वक्त पलट जाती है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अक्सर क्रॉस वोटिंग देखने को मिलती है। इसके अलावा वोट डैमेज घोषित होने से भी चुनाव रिजल्ट पर प्रभाव पड़ता है। डैमेज वोट की गिनती नहीं की जाती और उसे इनवैलिड करारा दे दिया जाता है। क्रॉस वोटिंग और डैमेज वोट जैसे कारणों से पर्याप्त बहुमत नहीं होने के बावजूद बीजेपी कई बार बाजी मार चुकी है।
इस बार 18 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। मेयर चुनाव के लिए बीजेपी ने मेयर पद के लिए मनोज सोनकर, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए कुलजीत संधू और डिप्टी मेयर पद के लिए रजिन्दर शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने मेयर पद के लिए कांग्रेस के जसबीर बंटी, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए गुरप्रीत गाबी और डिप्टी मेयर पद के लिए निर्मला देवी को उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने कुलदीप कुमार टीटा को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। वहीं नेहा को सीनियर डिप्टी मेयर और पूनम को डिप्टी मेयर के लिए खड़ा किया है। बता दें कि आप के सभी पार्षद रोपड़ के एक रिसॉर्ट में मौजूद हैं, दरअसल, आप को डर है कि कहीं बीजेपी उसके पार्षदों में सेंधमारी न कर दे।
पिछले साल 17 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव हुआ था। तब वार्ड नंबर- 11 से पार्षद और बीजेपी नेता अनूप गुप्ता चंडीगढ़ के 29वें मेयर चुने गए थे। अनूप गुप्ता ने वार्ड नंबर- 21 से आम आदमी पार्टी के पार्षद और मेयर उम्मीदवार जसवीर सिंह लाडी को हराया था। फिलहाल अब 18 जनवरी को चंडीगढ़ को नया मेयर मिलेगा। ज्ञात रहे कि, मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है। इस चुनाव में जनता वोट नहीं करती है। जनता द्वारा चुने हुए पार्षद इस चुनाव में वोट डालते हैं। मेयर चुनाव में सांसद का वोट भी पड़ता है।

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