Thursday, September 19, 2024
Latest:
करनालखेलचंडीगढ़जिंदज्योतिषदेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतराज्यशिक्षाहरियाणा

संत निरंकारी के सालाना समारोह में इस बार पहले से भी ज्यादा अनुयायियों के पहुंचने की उम्मीद*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
संत निरंकारी के सालाना समारोह में इस बार पहले से भी ज्यादा अनुयायियों के पहुंचने की उम्मीद*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पानीपत (राजेश ओबराय) ;- इस बार संत निरंकारी वार्षिक समागम में पहले से भी ज्यादा लोगो के पहुँचने की उम्मीद है।इस बार 10 लाख अनुयायियों के पहुंचने का अनुमान है। भोड़वाल माजरी गांव स्थित आध्यात्मिक स्थल पर इसे ध्यान में रखकर तैयारियां की जा रही हैं। स्वयंसेवकों की मेहनत आध्यात्मिक स्थल पर नजर आने लगी है। शाम ढलते ही आयोजन स्थल दूधिया रोशन में जगमगा उठता है। जीटी रोड व दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर दूर से समागम स्थल की तैयारी साफ नजर आने लगी है।
निरंकारी संत का वार्षिक समागम इस बार 28 से 30 अक्तूबर को है। सुदीक्षा महाराज तीनों दिन प्रवचन करेंगी। यहां देश ही नहीं विदेश से भी सैकड़ों अनुयायी पहुंचते हैं। इसे लेकर पिछले एक महीने से तैयारी चल रही है। इस बार वार्षिक समागम में 10 लाख अनुयायियों के पहुंचने का अनुमान है।
निरंकारी संत से जुड़े एक प्रमुख अनुयायी ने बताया कि आध्यात्मिक स्थल पर रहने और खाने की उचित व्यवस्था की गई है। यहां अलग-अलग विभाग आंतरिक रूप से बनाए गए हैं। इन विभागों के अनुयायी संबंधित काम करते हैं। इस बार भी मिशन के इतिहास को दर्शाती प्रदर्शनी होगी।

निरंकारी मिशन की भारत में 1948 में नींव रखी गई थी। इससे पहले 1929 में बाबा बूटा सिंह ने पाकिस्तान के पेशावर में इसकी स्थापना की थी। बाबा हरदेव महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद सतगुरु माता सविंदर हरदेव की देखरेख में मिशन चला। 16 जुलाई 2018 को तीन बेटियों में सबसे छोटी सुदीक्षा को सतगुरु की उपाधि दी गई।
*(संत निरंकारी समागम को लेकर प्रशासन व पुलिस की तैयारी पूरी है। इस संबंध में मंडल के वरिष्ठ लोगों के साथ कई बार की बैठक में हर विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है। प्रशासन व पुलिस की तरफ से हरसंभव सहयोग किया जाएगा। -डॉ. वीरेंद्र दहिया, उपायुक्त, पानीपत।)*
तीन दिवसीय वार्षिक समागम में प्रशासन व पुलिस के साथ अनुयायी सुरक्षा और यातायात व्यवस्था संभालते हैं। पुलिस मुख्य रूप से समागम स्थल के बाहर यातायात की व्यवस्था करती हैं। स्थल के अंदर अनुयायी खुद व्यवस्था देखते हैं। इसके लिए अलग से विभाग बनाए गए हैं। सभी विभागों के प्रमुख ऊपर जुड़े होते हैं। इसके साथ सुरक्षा की आंतरिक व्यवस्था भी अनुयायी संभालते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!