Thursday, September 12, 2024
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हिसार के ADGP जाधव के आदेश पर रक्षा मंत्रालय के कर्मी को अवैध हिरासत में टॉर्चर करने पर इंस्पेक्टर पर होगा दर्ज केस*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हिसार के ADGP जाधव के आदेश पर रक्षा मंत्रालय के कर्मी को अवैध हिरासत में टॉर्चर करने पर इंस्पेक्टर पर होगा दर्ज केस*
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हिसार ;- रक्षा मंत्रालय के कर्मचारी मनीष को तीन दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखकर टॉर्चर करने के दो साल पुराने मामले में एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने इंस्पेक्टर पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पीड़ित मनीष तोशाम का रहने वाला है। एडीजीपी ने एसपी भिवानी को इंस्पेक्टर व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा है। वहीं इस मामले में एसपी हांसी को विभागीय जांच करने के लिए आदेश दिए हैं।इस मामले में 31 अगस्त को डीएसपी गौरव शर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्य एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने पीड़ित सहित एक इंस्पेक्टर, उनके साथी व रोहतक के होटल मालिक सहित विभिन्न लोगों के बयान दर्ज किए। इसके बाद रिपोर्ट एडीजीपी के समक्ष पेश की। मनीष के दिल्ली निवासी मामा एवं रक्षा मंत्रालय से सेवानिवृत्त कर्मचारी सत्यव्रत पूनिया ने बताया कि एडीजीपी ने अवलोकन कर एसपी भिवानी को मामला दर्ज करने के लिए आदेश दिए हैं। मामले में शामिल अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के नाम पता करने के लिए कहा।मामले में एडीजीपी के 17 पेज के आदेश मिले हैं। इसमें लिखा है कि मनीष द्वारा आठ लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था, लेकिन जांच के दौरान आरोप से संबंधित कोई प्रूफ नहीं मिले। इंस्पेक्टर पर एक महीने पूर्व सिटी थाने में मनीष ने जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवाया था। मामला दर्ज होने के बाद इंस्पेक्टर ने भी मनीष के खिलाफ एससी एसटी एक्ट व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया था।बता दें कि भिवानी के गांव ढाणी रिवासा के निवासी व दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में ट्रेड्समैन के पद पर तैनात मनीष कुमार को तीन दिन तक टॉर्चर करने का आरोप था। इसके अनुसार वर्ष 2021 में एक परिचित युवक एक युवती के साथ फरार हो गया था। इस मामले में 20 अगस्त 2021 को हांसी के सीआईए टू इंचार्ज इंस्पेक्टर व उसके साथी उन्हें तोशाम से जबरन उठा कर हांसी ले आए और उसे टार्चर किया। शरीर में काफी दर्द होने लगा तो इंस्पेक्टर उसे बस स्टैंड के पास होटल में लेकर गए। वहां पर इंजेक्शन लगवाया। उसे छोड़ने के लिए आठ लाख रुपये की मांग की गई थी। वहां से छूटने के बाद उन्होंने एसपी हांसी व भिवानी को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर 28 जनवरी 2022 सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इस मामले में जल्द निपटान के लिए आदेश दिए। हाईकोर्ट ने 10 अगस्त 2023 को इस मामले में डीजीपी को तुरंत मामले के निपटाने के लिए आदेश दिए। डीजीपी ने एसआईटी गठित करने के आदेश दिए। एडीजीपी श्रीकांत जाधव के नेतृत्व में एसआईटी द्वारा जांच की गई।
मनीष का आरोप था कि इंस्पेक्टर उसे रोहतक के एक होटल में अपनी बर्थडे पार्टी में ले गया। वहां पर उसे फोटो खिंचने के लिए भी कहा। जांच के दौरान यह आरोप सही मिले। एसआईटी ने इस मामले में होटल मालिक के बयान दर्ज किए हैं।

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