हरियाणा कांग्रेस व पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के राजनीतिक भविष्य का फैंसला करेंगे आगामी फरीदाबाद, गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम चुनाव*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हरियाणा कांग्रेस व पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के राजनीतिक भविष्य का फैंसला करेंगे आगामी फरीदाबाद, गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम चुनाव*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ ;- कहावत है राजनीति में इंसान पल पल अपने फैंसले बदलता रहता है राज्यसभा चुनाव में यह बात साबित हो चुकी है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के हारने से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की काफी फजीहत हुई है अब वह हर कदम फूंक कर रख रहे हैं।कुछ दिन पहले संपन्न हुए स्थानीय निकाय चुनाव में भागीदारी नहीं करने वाली हरियाणा कांग्रेस के लिए एक बार फिर नई “मुसीबत” सामने आने वाली हैं। थोड़े दिनों बाद होने वाले फरीदाबाद गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम चुनाव को लेकर हरियाणा कांग्रेस बड़ी “उलझन” में पड़ गई है चुनाव सिंबल पर लड़ा जाए या पहले की तरह ही लड़ा जाए। इस समय हरियाणा कांग्रेस की कमान पूर्व मुख्यमंत्री के पास होने के कारण हुड्डा को यह तीनों नगर निगम चुनाव सियासी महाभारत नजर आ रहै है। इस सियासी महाभारत में सिंबल पर चुनाव लड़ना भूपेंद्र हुड्डा के लिए चक्रव्यूह से कम साबित नहीं होगा। हुड्डा की आशंका के “जायज” कारण हैं। हुड्डा इस समय एक एक कदम फूंक कर रख रहा है और विरोधियों को कोई ऐसा मौका नहीं देना चाहता जिससे उसकी कमजोरी जाहिर हो जाय। राज्यसभा चुनाव में करारी मात मिलने से हुड्डा की सियासत को बड़ा झटका लगा है। स्थानीय निकाय चुनाव में हुड्डा समर्थित लगभग सभी प्रत्याशियों के हार जाने से भी हुड्डा परेशान है। पूर्व सीएम हुड्डा यह बखूबी जानते है कि तीनों नगर निगम चुनाव में पार्टी सिंबल पर अगर जीत हासिल करती है तो उन्हें बहुत बड़ा सियासी फायदा होगा लेकिन इसके साथ उन्हें आभास भी है कि अगर पार्टी हार गई तो सारा ठीकरा उनके सिर पर ही फोड़ा जाएगा। पार्टी की कांग्रेस की सत्ता में वापसी पर बड़ा सवालिया निशान लग जाएगा। बात यह है कि फरीदाबाद गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम के चुनाव हरियाणा की आगामी पॉलिटिक्स पर बड़ा असर डालने का काम करेंगे। 5 साल पहले भी इन्हीं नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी ने सत्ता में दूसरी बार वापसी की ताल ठोकी थी।