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हरियाणा लिपिकों की जारी हड़ताल पर बढ़ा टकराव, आंदोलन जारी रखने का किया ऐलान, सरकार ने लगाया एस्मा*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा लिपिकों की जारी हड़ताल पर बढ़ा टकराव, आंदोलन जारी रखने का किया ऐलान, सरकार ने लगाया एस्मा*
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हरियाणा लिपिक एसोसिएशन ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर दिया है जिससे टकराव के हालात बन गए हैं। प्रदेश में लिपिक पांच जुलाई से हड़ताल पर हैं। हड़ताल को तोड़ने के लिए सरकार ने अब एस्मा लगाया है। इसके तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हो सकता। कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है।
हरियाणा में 39 दिन से हड़ताल पर चले रहे लिपिकों को मनाने के लिए चार दौर की बैठकें विफल रहने के बाद सरकार ने अब एस्मा (हरियाणा आवश्यक सेवा-अनुरक्षण अधिनियम) लगा दिया है। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शनिवार को हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने का आदेश जारी कर दिया।
*पांच जुलाई से हड़ताल पर हैं लिपिक*
इससे बेपरवाह लिपिक एसोसिएशन ने आंदोलन जारी रखने का एलान कर दिया है जिससे टकराव के हालात बन गए हैं। प्रदेश में लिपिक पांच जुलाई से हड़ताल पर हैं। हड़ताली कर्मचारियों पर सरकार काम नहीं तो वेतन नहीं का नियम पहले ही लागू कर चुकी है। हड़ताल को तोड़ने के लिए सरकार ने अब एस्मा लगाया है। इसके तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हो सकता।
*छह महीने की सजा हो सकती है सजा*
अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है और उसे छह महीने की सजा हो सकती है। कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है। अधिकतम छह महीने तक एस्मा लगाने का प्रविधान है। सरकार के स्तर पर 13 जुलाई, 21 जुलाई, 26 जुलाई और 10 अगस्त को बैठकें कर हड़ताली लिपिकों को मनाने की कोशिश की जा चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई।
*चाहे कुछ भी हो जाए, हम पीछे नहीं हटेंगे- लिपिक*
लिपिक एसोसिएशन को 35 हजार 400 रुपये वेतनमान की मांग पर पेंच फंसा हुआ है। सरकार की ओर से लिपिकों को 25 हजार रुपये तक बेसिक वेतन देने का प्रस्ताव दिया जा चुका है, लेकिन गतिरोध नहीं टूटा। एस्मा से बेचिंत लिपिक एसोसिएशन का कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम पीछे नहीं हटेंगे। मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्हें उम्मीद है कि 16 या 17 अगस्त को होने वाली बैठक में उनकी मांग पर सहमित बन सकती है।
दूसरी ओर सरकार ने एस्मा लगाने के बाद अब हड़ताली लिपिकों के विकल्प के रूप में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से अनुबंध पर भर्ती करने की योजना बनाई है। जमीन की रजिस्टरी के पोर्टल से लिपिकों के हस्ताक्षर की अनिवार्यता पहले ही खत्म की जा चुकी है।

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