Wednesday, January 1, 2025
Latest:
अपराधअरुणाचल प्रदेशअसमआंध्र प्रदेशउड़ीसाउत्तर प्रदेशउत्तराखंडकरनालकर्नाटककारोबारकुरुक्षेत्रकेरलगुजरातगुड़गाँवगोवाचंडीगढ़छत्तीसगढ़जम्मू और कश्मीरजिंदजॉब करियरझारखण्डतमिलनाडुतेलांगनात्रिपुरादादर और नगर हवेलीदेश-विदेशनागालैंडनारनौलपंचकुलापंजाबपलवलपश्चिमी बंगालपानीपतपॉन्डचेरीफरीदाबादफैशनबिहारभिवानीमणिपुरमध्य प्रदेशमहाराष्ट्रमेवातयमुनानगरराजस्थानरेवाड़ीरोहतकलक्ष्यद्वीपसिक्किमहरियाणाहिमाचल प्रदेश

राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पास, शाह बोले- ये बिल दिल्ली की सुरक्षा के लिए, केजरीवाल ने कहा- आप लोगों के अधिकार छीन रही भाजपा*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पास, शाह बोले- ये बिल दिल्ली की सुरक्षा के लिए, केजरीवाल ने कहा- आप लोगों के अधिकार छीन रही भाजपा*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
नई दिल्ली;- गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पेश किया। 3 अगस्त को लोकसभा में यह बिल पास हो चुका है।
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पेश किया। 3 अगस्त को लोकसभा में यह बिल पास हो चुका है।
राज्यसभा में सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से पेश किया गया दिल्ली सर्विस बिल पास हो गया। ऑटोमैटिक वोटिंग मशीन खराब होने के कारण पर्ची से वोटिंग कराई गई। पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट डले। बिल अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।
दिनभर की बहस के बाद गृह मंत्री अमित शाह जवाब देने आए तो उन्होंने विपक्ष को चैलेंज दिया कि इस बिल को गिराकर दिखाओ। उन्होंने कहा- 8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, इसलिए विपक्ष मणिपुर पर 11 अगस्त को चर्चा करे।
राज्यसभा में बिल पास होने के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि संसद में अमित शाह ने कहा कि हमारे पास कानून पास करने की शक्ति है। आपको लोगों के लिए काम करने की शक्ति दी गई है, उनके अधिकार छीनने की नहीं।

राज्यसभा में दिल्ली सर्विसेज बिल पर चर्चा के दौरान अपना पक्ष रखते कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह।
राज्यसभा में दिल्ली सर्विसेज बिल पर चर्चा के दौरान अपना पक्ष रखते कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह।
शाह के भाषण की बड़ी बातें…

यह बिल पूर्व की तरह प्रधानमंत्रियों की सदस्यता बचाने नहीं लाए। इमरजेंसी लगाने नहीं लाए। कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं है। आपने देश को इमरजेंसी दी थी।
AAP का जन्म कांग्रेस को गाली देकर हुआ। खड़गे साहब आप जिस गठबंधन को बचाने के लिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं, सदन के बाद केजरीवाल साहब उससे मुंह मोड़ लेंगे।
कांग्रेस को पता है कि अकेले कुछ होने वाला नहीं है। इसलिए गठबंधन बना लिया है। केरल में कांग्रेस और लेफ्ट एक दूसरे के खिलाफ है, लेकिन गठबंधन में ईलू-ईलू कर रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस का जन्म ही लेफ्ट के विरोध में हुआ, लेकिन वे भी साथ हैं। 4-5 दल और जोड़ लें, फिर भी 24 मई 2024 को नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे।
दिल्ली में मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा, सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रहीं। किसी को केंद्र से कोऑर्डिनेशन में दिक्कत नहीं हुई। लेकिन एक आंदोलन से बनी सरकार को इससे दिक्कत आने लगी।
11 मई को 3-4 बजे सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आया। इस आदेश को रेगुलर पीठ को लागू करना था। आदेश लागू भी नहीं हुआ था कि शाम 5.30 बजे आम आदमी पार्टी की सरकार ने ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। सतर्कता विभाग से फाइलें मंगाना शुरू कर दी। दिल्ली शराब घोटाले के सबूत मिटाने का प्रयास किया।
पूरे देश में दिल्ली विधानसभा एकमात्र ऐसी विधानसभा है, जिसका सत्र का कभी समापन ही नहीं हुआ। स्पीकर जब चाहे राजनीतिक भाषणों के लिए सत्र बुला लेते हैं। 2020 से अब तक बजट सत्र के नाम पर ही दिल्ली विधानसभा का सत्र बुलाया गया।
हमारी पार्टी का जन्म 1950 में हुआ था, इसलिए हमारी पार्टी आजादी की लड़ाई में नहीं थी। हमारी पार्टी के फाउंडर श्यामा प्रसाद मुखर्जी आजादी की लड़ाई में शामिल थे। उनकी वजह से ही बंगाल और कश्मीर आज भारत में हैं। आप कहते हैं कि हमें नागपुर से इशारा आता है। नागपुर भारत में ही है। आपको तो रूस और चीन से इशारा आता है।
बिल का उद्देश्य भ्रष्टाचार-विहीन शासन करना है। दिल्ली की सुरक्षा के लिए यह बिल लाया गया है। दिल्ली का चुनाव लड़ने वालों को ये समझना चाहिए कि दिल्ली यूनियन टेरिटरी है।
मैं मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हूं। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। विपक्ष ही है, जिनके पास छिपाने के लिए कुछ है। आप चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। अगर खड़गे जी 11 अगस्त को चर्चा के लिए हां कहते हैं, तो मैं भी इसके लिए तैयार हूं।
राज्यसभा में दिल्ली सर्विसेज बिल पर चर्चा के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे की बात पर अमित शाह मुस्करा दिए।
राज्यसभा में दिल्ली सर्विसेज बिल पर चर्चा के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे की बात पर अमित शाह मुस्करा दिए।
अभिषेक मनु सिंघवी ने की चर्चा की शुरुआत, बोले- ये बिल संघीय ढांचे के खिलाफ
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बिल पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा- ये बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है। इसके कानून बनने से मुख्यमंत्री दो सचिवों के नीचे आएगा यानी सचिव फैसला करेगा और मुख्यमंत्री देखेगा। सभी बोर्डों, कमेटियों के प्रमुख सुपर CM यानी गृह मंत्रालय से ही बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बिल का मकसद डर पैदा करना है। जो लोग इसका समर्थन कर रहे हैं या समर्थन करने की घोषणा कर चुके हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि सबका नंबर आ सकता है।
उन्होंने ये भी कहा कि लालकृष्ण आडवाणी जब होम मिनिस्टर थे, तो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए बिल लाए थे। भाजपा ने पूर्ण राज्य के मुद्दे पर दिल्ली के दो चुनाव जीते थे। आज हम यह मांग कर रहे हैं कि संविधान ने जो अधिकार दिल्ली को दिए हैं, उन्हें मत छीनिए।

सिंघवी के बोलने का समय खत्म होने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति जगदीप धनखड़ से उन्हें 10 मिनट और देने के लिए कहा। इस पर सभापति ने सिंघवी को कुछ मिनट और बोलने दिया।
सिंघवी के बोलने का समय खत्म होने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति जगदीप धनखड़ से उन्हें 10 मिनट और देने के लिए कहा। इस पर सभापति ने सिंघवी को कुछ मिनट और बोलने दिया।
राघव चड्ढा बोले- नेहरूवादी नहीं, अटलवादी बनिए
इससे पहले AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा- ये बिल एक राजनीतिक धोखा है। भाजपा ने 1989, 1999 और 2013 के लोकसभा चुनाव के घोषणा-पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। आज भाजपा के पास मौका है, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दीजिए।
राघव बोले- गृहमंत्री अमित शाह कह रहे थे कि पंडित नेहरू दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के पक्ष में नहीं थे। मैं उन्हें बता दूं कि लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद में बिल लेकर आए थे।
अटल जी, आडवाणी जी, सुषमा स्वराज और मदन लाल खुराना ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया था। आप ये बिल लाकर उनके संघर्ष का अपमान कर रहे हो। आपके पास मौका है- नेहरूवादी नहीं अटल-आडवाणीवादी बनिए।
राघव चड्ढा ने कहा कि ये बिल एक संवैधानिक पाप है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिए पलटकर भाजपा ने मैसेज दिया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी नहीं मानते।
राघव चड्ढा ने कहा कि ये बिल एक संवैधानिक पाप है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिए पलटकर भाजपा ने मैसेज दिया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी नहीं मानते।
केजरीवाल बोले- भाजपा को दिल्ली की जनता जवाब देगी
अपने संबोधन में केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने इस बिल को लेकर राज्यसभा में जो बातें कही हैं, उससे साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता। दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को जिताकर साफ कहा है कि दिल्ली में दखलंदाजी मत करना, लेकिन मोदी जी जनता की बात नहीं सुनना चाहते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि मैं जो भी करता हूं दिल्ली की जनता उसमें मेरा समर्थन करती है और उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है। भाजपा सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है। वे विकास कार्य में बाधा डाल रहे हैं। वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार जनता उन्हें कोई भी सीट नहीं जीतने देगी। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सर्विसेज बिल पास होने के बाद संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि पीएम मोदी जनता की बात नहीं सुनना चाहते। – Dainik Bhaskar
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सर्विसेज बिल पास होने के बाद संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि पीएम मोदी जनता की बात नहीं सुनना चाहते।
पूर्व CJI रंजन गोगोई आज पहली बार बतौर सांसद राज्यसभा में बोले। उन्होंने दिल्ली सर्विस बिल के लिए समर्थन किया।
11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने अफसरों पर कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। साथ ही कहा कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे। एक हफ्ते बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को बदल दिया और ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार राज्यपाल को दे दिया। दिल्ली सर्विस बिल इसी अध्यादेश की जगह लेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!