करनालखेलचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतहरियाणा

हर वर्ष की भांति इस बार भी पानीपत के प्रेम मंदिर में बह रही है ज्ञान रूपी गंगा*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हर वर्ष की भांति इस बार भी पानीपत के प्रेम मंदिर में बह रही है ज्ञान रूपी गंगा*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पानीपत ;- श्री प्रेम मंदिर के 103वें वार्षिक प्रेम सम्मेलन श्री हरमिलाप मिशन हरिद्वार के अध्यक्ष मदन मोहन हरमिलापी महाराज और प्रेम मंदिर अध्यक्ष कांता देवी महाराज के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। साेमवार सुबह गुरूदेव ने मंदिर की देवियों एवं उपस्थित भक्त मंडली के साथ हवन किया। रामचरितमानस के अखंड पाठ का विश्राम किया गया। भानपुरा पीठ से शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ महाराज ने अपने प्रवचनों में समझाया कि प्रेम करना कोई बड़ी बात नहीं, उसे निभाना बड़ी है। गुरु द्वारा सिखाए मार्ग पर चलने से ही कल्याण हो सकता है।
स्वामी गोपालदास महाराज ने बताया कि वैद्य से केवल औषधि लेने से बीमारी ठीक नहीं होगी। श्री प्रेम मंदिर की परमाध्यक्ष कांता देवी महाराज ने गुरूदेव प्रथम से गुरूदेव चतुर्थ द्वारा किए गए तप सेव सिमरन को स्मरण किया। इस माैके पर स्वामी राधे श्याम महाराज रामायणी अयोध्या धाम , भक्ति स्वरूपा गीतदेवी महाराज, चरणजीत रत्तरा, परमवीर ढींगड़ा, रमेश असीजा, चंद्रभान वर्मा आदि माैजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!