Monday, December 23, 2024
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हरियाणा सीएम मनोहरलाल ने माना सनातन धर्म की अविरल धारा न रूकी है, न रूकेगी और न इसे कोई रोक पाएगा*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा सीएम मनोहरलाल ने माना सनातन धर्म की अविरल धारा न रूकी है, न रूकेगी और न इसे कोई रोक पाएगा*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज सनातन धर्म और सनातनी परंपराएं हमारे मठों और धार्मिक संस्थाओं के योगदान की वजह से बचे हुए हैं। हमारी संस्कृति को मिटाने के लिए कितने ही प्रयास किए गए। संस्कृति को चोट पहुंचाने के लिए कितने ही आक्रमण किए गए लेकिन हमारी धार्मिक संस्थाएं और हमारी आस्था इतनी मजबूत थी कि इस पर खरौंच तक नहीं आ सकी। इसे मिटाने वाले मिट गए लेकिन हिंदू धर्म और संस्कृति आज भी ऐसी की ऐसी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की अविरल धारा न रूकी है, न रूकेगी और न इसे कोई रोक पाएगा। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शुक्रवार को कुरुक्षेत्र के गौड़ीय मठ में आयोजित आचार्य श्रील प्रभुपाद के 150वें जन्मोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मठ, धर्म और संस्कृति के केंद्र ही नहीं बल्कि हमारी धार्मिक विरासत भी यहीं विराजमान है। मठों में केवल धर्म का प्रचार-प्रसार नहीं बल्कि यहां मानवता के संदेश का संचार भी होता है। मठ सनातन संस्कृति का केंद्र हैं। मानव कल्याण के लिए इन्हें स्थापित किया गया है। उन्होंने गौड़ीय मिशन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद के 150वें जन्मोत्सव पर नमन करते हुए सभी साधु संतों को बधाई दी। इसके अलावा मठ द्वारा 3 साल तक चलाए जाने वाले स्मरण उत्सव की भी बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी संत महात्माओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि धर्म की पावन धरती कुरुक्षेत्र और यहां प्रभुपाद के जन्मोत्सव का आयोजन इससे शुभ कुछ नहीं हो सकता।

समाज करे महापुरुषों की शिक्षा का अनुसरण

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि बहुत सी समस्याओं का समाधान आध्यात्मिक गलियारे से निकल सकता है। आज समाज को महापुरुषों की शिक्षा का अनुसरण करना चाहिए। मनुष्य कभी ऐसे चौराहे पर खड़ा हो जाता है, जहां से जीवन की दिशा नहीं मिलती। लेकिन पग-पग पर आने वाली बाधाओं का हल महापुरुषों के जीवन से मिल जाता है। मुख्यमंत्री ने सभी धार्मिक विभूतियों से निवेदन किया कि वे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को धर्म और संस्कृति से जोड़े। युवा हमारी संस्कृति के वाहक बने । आने वाली पीढ़ियां न केवल धार्मिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक रूप से आगे बढ़े। हमें आदिकाल से चली आ रही मान्यताओं को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा। संत-महापुरुषों के मूल्यों को जन-जन तक पहुचाएं और उनका जीवन में भी अनुसरण करें।

भारत संत महात्माओं की धरती – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत संत महात्माओं, पीर-पैगम्बरों की भूमि है जिन्होंने हमारे देश को अनेकता में एकता के सूत्र में पिरोया है। कितने संप्रदाय और भाषाएं हैं। फिर भी हम एक हैं। हिंदू धर्म वह धर्म है, जिसने मान्यताओं पर भी बल दिया है। लोगों ने अपनी आस्था और विश्वास से हिंदू धर्म को माना है। हमने कभी किसी को हानि नहीं पहुंचाई। किसी की आस्था को नहीं झुकाया। हमने हमेशा कहा है हम भी ठीक हैं और आप भी ठीक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में शायद ही ऐसा देश हो जिसमें विभिन्न विचारधारा के लोग इतने लंबे समय तक सम्माहित होकर अलग पहचान बनाए रखने का उदाहरण प्रस्तुत करते हों। इसका श्रेय उन ऋषि-मुनियों को जाता है, जिन्होंने अपना जीवन मानव कल्याण के लिए लगा दिया। आचार्य श्रील प्रभुपाद भी उन्हीं में से एक हैं।

हरियाणा सरकार ने शुरू की संत-महापुरुष विचार प्रसार योजना – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारे देश के संत-महात्माओं ने भूली-भटकी मानवता को रास्ता दिखाया है। ऐसी विभूतियों की शिक्षाएं पूरे मानव समाज की धरोहर हैं। उनकी विरासत को संभालने व सहेजने की जिम्मेदारी हम सब की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने संत महापुरुषों के विचारों का प्रचार-प्रसार करने के लिए संत-महापुरुष विचार प्रसार योजना शुरू की है। इसका मकसद है कि संतों के विचार नई पीढ़ियों को मिले। इसके माध्यम से संतो के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। संत कबीरदास, महर्षि वाल्मीकि, गुरु नानक, गुरु तेगबहादुर जैसे संतों की जयंतियों को राज्य स्तर पर मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों गुरु तेग बहादुर जी के 400वे प्रकाश पर्व पर पानीपत में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया था।

सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए कदम उठा रही हरियाणा सरकार

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए हरियाणा सरकार कदम उठा रही है। कुरुक्षेत्र में तीर्थों के रख-रखाव के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन किया गया है। इसके द्वारा आसपास के 48 कोस की परिधि के 164 तीर्थ स्थानों का जीर्णोद्वार किया जाएगा। 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र को गीता स्थली के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की इच्छा जताई थी। प्रधानमंत्री के मार्ग दर्शन में 2016 से हरियाणा सरकार अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव मना रही है। गीता जयंती को विदेशों में भी मनाया जा रहा है। 2019 में मॉरिशियस और लंदन में गीता जयंती महोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र को हम हरियाणा की धार्मिक व सांस्कृतिक राजधानी कह सकते हैं। इसे महापर्यटन स्थल बनाने पर कार्य किया जा रहा है। सरस्वती नदी के जीर्णोद्वार के लिए सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड का गठन किया गया है।

आचार्य श्रील प्रभुपाद ने 1918 में स्थापित किया गौड़ीय मठ

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आचार्य श्रील प्रभुपाद ने 1918 में गौड़ीय मठ की स्थापना की। चैतन्य प्रभु द्वारा वैष्णव वाद के सिद्धांत का पालन करते हुए प्राचीन भारत में प्रचलित वर्ण आश्रम धर्म को एक सच्चे वैज्ञानिक और आस्तिक आधार पर प्रस्तुत किया। उन्होंने सनातन धर्म में ऊपजी विभिन्न भ्रांतियों को खत्म किया था। उन्होंने देश-विदेश में मंदिर के साथ-साथ 64 मठों की स्थापना की। बंगाली, संस्कृत, उड़िया जैसी विभिन्न भाषाओं में अखबार व पत्रिकाएं प्रकाशित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रील प्रभुपाद ही हरे कृष्ण आंदोलन के सूत्रधार थे। वर्ष 1933 में उन्होंने सनातन धर्म के प्रचारकों को यूरोप भेजा।

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