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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने चंडीगढ़ में GST कांउसिल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा राज्य लाएंगे भरपाई जारी रखने का प्रस्ताव*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने चंडीगढ़ में GST कांउसिल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा राज्य लाएंगे भरपाई जारी रखने का प्रस्ताव*
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चंडीगढ ;- चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया स्थित होटल हयात में मंगलवार को GST काउंसिल की अहम बैठक हो रही है। GST काउंसिल की इस 47वीं बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाने की उम्‍मीद है। बैठक में पंजाब के CM भगवंत मान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, चंडीगढ़ प्रशासक के एडवाइजर धर्म पाल, वित्त सचिव विजय नाम देवराव जादे व डीसी विनय प्रताप सिंह भी मौजूद हैं।

जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में कुल 120 मेंबर भाग ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि बैठक की शुरुआत में जीएसटी स्लैब में बदलाव को लेकर चर्चा हो रही है, लेकिन इस पर सभी पक्ष सहमत नजर नहीं आ रहे। अधिकतर राज्य और यूटी GST की मौजूदा 4 स्लैब- 5%, 12%, 18% और 28%- के हक में हैं।

18% वाली स्लैब में 480 आइटम हैं और इन्हीं से तकरीबन 70% जीएसटी आता है। सूत्रों की मानें तो जीएसटी स्लैब में किसी तरह के बदलाव की गुंजाइश न के बराबर है। ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टोकरंसी, लॉटरी और कसीनो पर 28% GST लगना भी लगभग तय है। टैक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़ी कई वस्तुओं पर GST की स्लैब बदली जा सकती हैं।

राज्य लाएंगे भरपाई जारी रखने का प्रस्ताव

कई राज्यों के प्रतिनिधि इस बैठक में राज्यों को टैक्स में होने वाले नुकसान के बदले में केंद्र सरकार की ओर से की जाने वाली भरपाई 5 साल की अवधि के बाद भी जारी रखने को लेकर प्रस्ताव लाएंगे। इनमें केरल, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने GST लागू होने के शुरुआती 5 साल तक ही राज्यों को टैक्स कलेक्शन में होने वाले नुकसान की भरपाई का फैसला किया था। यह अविध 30 जून 2022 को पूरी हो रही है। ज्यादातर राज्य चाहते हैं कि टैक्स में उन्हें जो नुकसान हो रहा है, केंद्र सरकार की उसकी भरपाई जारी रखे।

वर्ष 2017 में GST लागू करते समय केंद्र सरकार ने फैसला किया था कि वैट समाप्त करने की सूरत में राज्यों को टैक्स कलेक्शन में जो भी नुकसान होगा, उसकी पांच साल तक राज्यों को भरपाई की जाएगी। इसके लिए तंबाकू, सिगरेट, महंगी बाइक और कार जैसी कई आइटम्स पर अतिरिक्त सेस लगाए गए। यह सेस 30 मार्च 2026 तक जारी रहेंगे।

विमान ईंधन को GST के दायरे में लाने की तैयारी

चंडीगढ़ में हो रही GST काउंसिल की बैठक में विमान ईंधन को GST के दायरे में लाया जा सकता है। सरकार एविएशन टर्बाइन फ्यूल को GST में शामिल कर सकती है। इसमें वैट या एक्साइज के साथ GST लगाया जा सकता है। एविएशन टर्बाइन फ्यूल को 18% GST वाली स्लैब में रखा जा सकता है।

ऑर्थोसेस भी न्यूनतम स्लैब में आए

कृत्रिम अंगों और ऑर्थोपेडिक इंप्लांट (ट्रॉमा, स्पाइन और ऑर्थोप्लास्टी इंप्लांट) पर इस समय 5% GST लगती है। इसी तर्ज पर ऑर्थोसेस (स्प्लिंट्स, ब्रेसेस, बेल्ट और कैलीपर्स) को भी 5% के न्यूनतम ब्रैकेट में शामिल किए जाने को लेकर काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। अभी कई कृत्रिम अंग या उससे जुड़ी सेवाएं GST की 12% और 5% स्लैब में रखी गई हैं। इन सभी को 5% की स्लैब में लाया जा सकता है।

इन मुद्दों पर भी चर्चा की उम्‍मीद

हिमाचल प्रदेश ने रोपवे प्रोजेक्टस पर GST 18% से घटाकर 5% करने की मांग की है। टेट्रा पैकिंग को 12% से 18% स्लैब में लिया जा सकता है। होटल्स वगैरह में एक हजार रुपए से कम किराए पर भी GST लागू किया जा सकता है। पाउच, पेस्ट, बैरियर क्रीम, सिंचाई किट, बेल्ट, माइक्रो-पोर टेप जैसी वस्तुओं पर GST दर 12% फीसदी से घटाकर 5% किए जाने की सिफारिश की गई है।

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