Friday, September 20, 2024
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हरियाणा सरकार ने 4 वर्ष पुराने गबन के दो मामलो में कार्यवाही करते हुए स्थानीय निकाय विभाग के 6 अफसरो को किया निलंबित*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा सरकार ने 4 वर्ष पुराने गबन के दो मामलो में कार्यवाही करते हुए स्थानीय निकाय विभाग के 6 अफसरो को किया निलंबित*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा सरकार ने शहरी स्थानीय विभाग के 6 कर्मचारियों को 2017-18 यानी चार साल पुराने गबन के मामलों में निलंबित किया है। साथ ही सीएम ने इनके विरुद्ध FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। चार साल पहले सीएम विंडो पर इन दोषी अधिकारियों के विरुद्ध गबन के मामले की दो शिकायतें प्राप्त हुईं और उनके विरुद्ध लगे आरोपों की जांच में ये दोषी पाए गए। विभागीय जांच की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सीएम ने निर्देश दिए कि न केवल इन अधिकारियों को निलंबित किया जाए बल्कि इनके विरुद्ध FIR भी दर्ज करवाई जाए। 2017 के आधिकारिक रिकार्ड के अनुसार सीएम विंडो पर जिला नूंह में पालड़ी रोड से मदर प्राइड स्कूल तक अनधिकृत क्षेत्र में मिट्टी भराई के कार्य के 50000 रुपये से 5 लाख रुपये तक के मूल अनुमानों में गड़बड़ी की शिकायत हुई। इन अनुमानों को सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के बिना संशोधित कर दिया गया। निर्धारित नियमों व प्रावधानों की अवेहलना कर पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया। बाद में शिकायत को जिला उपायुक्त नूंह को भेजा गया। जिला उपायुक्त की जांच रिपोर्ट में टिप्पणी कर उस अवधि के दौरान कार्यरत रहे पंचायती राज संस्थान से डेपुटेशन पर आए कनिष्ठ अभियंता जसमीर, निगम अभियंता जावेद हुसैन (अब नगर परिषद नूंह में तैनात), कनिष्ठ अभियंता राजेश दलाल (अब नगर पालिका सांपला में तैनात) तथा निगम अभियंता लक्ष्मी चंद राघव (अब नगर निगम करनाल में सहायक अभियंता के पद पर तैनात) के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की गई। 2018 में बवानीखेड़ा का मामला मुख्य सड़क पर गलियों की लाइटें लगाने के संबंध में था। 18 दिसंबर 2016 को मुख्यमंत्री घोषणा कोड नंबर 18152 के अंतर्गत 99.73 लाख रुपये के कार्य के टेंडर आमंत्रित करने बारे थी। इसमें उचित टेंडरिंग प्रक्रिया को अपनाया नहीं गया और इसमें टेक्निकल बिड से संबंधित दस्तावेजों की कॉपी ऑनलाइन टेक्निकल बिड खोलने की तिथि 9 अप्रैल, 2018 के बजाय 6 अप्रैल, 2018 को ही प्राप्त कर ली गई। मामले की अतिरिक्त उपायुक्त, भिवानी ने जांच की और उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रारंभिक स्तर पर टेंडर प्रक्रिया के नियमों का पालन नहीं किया गया है। नगर अभियंता पंकज ढांडा (अब नगर निगम यमुनानगर में सहायक अभियंता के पद पर तैनात) तथा नगरपालिका बवानीखेड़ा के तत्कालीन अभियंता (अब नगर निगम, हिसार में कार्यरत) की गई लापरवाही और खामियां जांच रिपोर्ट वर्णित हैं।

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