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स्वास्थ्य मन्त्री विज के कड़े तेवर पर बिना लाइसेंस वाले हरियाणा के सात नर्सिंग होम-क्लीनिक व दुकानों पर विभाग के छापे!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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स्वास्थ्य मन्त्री विज के कड़े तेवर पर बिना लाइसेंस वाले हरियाणा के सात नर्सिंग होम-क्लीनिक व दुकानों पर विभाग के छापे!*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा में लोगों की जान माल से खेलने के लिए बिना वैध प्रमाण पत्र के बहुत से लोग नर्सिंग होम, क्लीनिक व मेडिकल स्टोर चला रहे हैं! यह ने सिर्फ अपराध है बल्कि लोगों के जीवन के साथ खेलने का एक घिनौना कार्य भी है। पहले गांव के अंदर या छोटी मोटी बस्तियों के अंदर आरएमपी का बोर्ड लगा कर कुछ झोलाछाप डॉक्टर यह कार्य करते थे। अनिल विज के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद इनके ऊपर खूब शिकंजा कसा गया। जिसके बाद इनकी संख्या कम होती चली गई। अब झोलाछाप डॉक्टरों और केमिस्ट ने बिना लाइसेंस के हॉस्पिटल, नर्सिंग होम व केमिस्ट शॉप चलाना शुरु कर दिया है! जिस पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए ऐसा घिनौना कार्य करने वालों पर सख्ती बरती जाए। आदेश मानते हुए हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने नर्सिंग होम, क्लीनिक में बिना लाइसेंस चल रही दवा की दुकानों पर शिकंजा कस दिया है। विभाग की टीमों ने रेवाड़ी और सोनीपत में औचक निरीक्षण कर 4 अवैध दुकानें पकड़ी हैं। टीमों ने विभिन्न दवाइयों के नमूने लेकर दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। हरियाणा खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री अनिल विज ने बताया कि इनके खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत मुकदमे दायर किए जाएंगे। अवैध कार्य करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रेवाड़ी के मॉडल टाउन में डॉ. स्मिता कश्यप संचालित स्किन लेजर, कास्मेटिक सर्जरी एवं हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक में छापे के दौरान एफडीए की टीम ने दुकान से विकास यादव को डॉक्टर की पर्ची पर दवाइयां बेचते पाया। टीम ने मौके से 5 तरह की दवाइयों के नमूने जांच को लिए, 15 तरह की दवाइयों को फार्म-16 पर फर्द बनाकर अपने कब्जे में लिया है। न्यायालय से उनकी बरामदगी के आदेश प्राप्त किए हैं। बिना लाइसेंस की दुकान से मरीजों को बिक्री बिल भी जारी किए जा रहे थे। टीम ने 34 बिक्री बिल मौके से बरामद किए हैं। सोनीपत में डूडेजा ईएनटी अस्पताल, डा. गौरव संचालित रॉयल डेंटल अस्पताल में चल रही अवैध दुकानों पर भी छापे मारे गए। डुडेजा ईएनटी अस्पताल के संचालक डॉ. एसएल डुडेजा ने बताया कि उनकी पर्ची पर वीना ग्रोवर दवाइयां बेचती और पैसे वसूल करती हैं। टीम ने 12 प्रकार की दवाइयों को सबूत के तौर पर जांच के लिए कब्जे में लिया है। टीम ने मौके से ओपीडी रजिस्टर एवं दवाइयों के खरीद बिल भी सबूत के तौर पर बरामद किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विज ने बताया कि रॉयल डेंटल अस्पताल में खुली दुकान से चिराग नाम का व्यक्ति डॉक्टर की पर्ची पर दवाइयां बेचता मिला, जो 12वीं पास है। टीम ने 12 प्रकार की दवाइयों के नमूने लिए हैं। रॉयल डेंटल क्लिनिक पर सात अन्य डाक्टर भी प्रेक्टिस करने आते हैं और सभी की पर्ची पर इसी दुकान से मरीजों को दवाइयां दी जाती हैं, यह नियमों का उल्लंघन है। मौके से टीम ने बिक्री बिल, खरीद बिल और ओपीडी रजिस्टर भी बरामद किए हैं। शुक्रवार को कैथल शहर में श्रीकृष्ण अस्पताल व पोपली नर्सिंग एवं चेस्ट क्लिनिक में जांच की गई। दोनों स्थानों पर खुले अवैध मेडिकल स्टोर के काउंटर से दवाइयों की बिक्री हो रही थी। रोहतक व महम में भी कार्रवाई की गई। रोहतक के सेक्टर-1 में कुंडू क्लिनिक व महम में दीपाजंली अस्पताल में चल रही अवैध दुकान से दवाइयों के नमूने लिए हैं। उन्होंने ब्लड सेंटर्स संचालकों को चेताते हुए कहा कि बिना स्वीकृति के आउटडोर कैंप आयोजित न करें। नियमानुसार इनकी जानकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को मुहैया करवाएं अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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