लम्बी छुट्टियों के बाद 14 मार्च से पुनः शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र को लेकर सत्ता पक्ष औऱ विपक्ष ने अपने अपने हमलों और बचाव कार्य को दिया अंतिम रूप*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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लम्बी छुट्टियों के बाद 14 मार्च से पुनः शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र को लेकर सत्ता पक्ष औऱ विपक्ष ने अपने अपने हमलों और बचाव कार्य को दिया अंतिम रूप*
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चंडीगढ़ ;- सत्ता पक्ष औऱ विपक्ष ने अपने अपने हमलों और बचाव को अंतिम रूप दे दिया है। क्योंकि काफी छुट्टियों के बाद बजट सत्र की कार्यवाही सोमवार को पुनः आरंभ होगी। मुख्यमंत्री द्वारा वित्त मंत्री के रूप में बजट घोषणा के बाद विपक्ष पूरी तरह से सत्ता पक्ष पर हमलावर रहेगा तथा बजट को दिशा वाहिन साबित करने की कोशिश करेगा। अब हरियाणा विधानसभा बजट सत्र 6 दिन के अवकाश के बाद 14 मार्च से शुरू हो रहा है। 14 मार्च से 16 मार्च तक प्रदेश के नए वित्तीय बजट पर चर्चा होगी। बजट को पढ़ने के लिए सभी विधायकों को 9 मार्च से 13 मार्च तक का समय दिया गया। क्योंकि विधायकों की यह मांग रहती थी कि बजट पेश होने के दिन वे उस पर व्यापक चर्चा नहीं कर पाते हैं। हरियाणा के नए बजट में मनोहर लाल सरकार ने 1000 नई नर्सरियां खोलने की घोषणा की थी। साथ ही 10 वीं और 12वीं के छात्रों को टेबलेट देने की घोषणा की गई, परंतु यह घोषणा पिछले बजट सत्र में भी की गई थी। एसवाईएल के मुद्दे और 2 लाख 45 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज, किसानों के मुद्दे, बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष चर्चा के दौरान सरकार को घेरेगा। हरियाणा विधानसभा में सीएम मनोहर लाल ने वित्त मंत्री के रूप में वर्ष 2022-23 के लिए 1,77,255.99 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसे विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने विधानसभा समितियों के माध्यम से लोकसभा की तर्ज पर पारित करवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने विभिन्न विषयों पर विधानसभा की 8 समितियों के गठन की घोषणा की।
विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा कमेटी-1 के अध्यक्ष, विधायक असीम गोयल कमेटी-2, विधायक गीता भुक्कल कमेटी-3, विधायक ईश्वर सिंह कमेटी-4, विधायक सीमा त्रिखा कमेटी-5, विधायक किरण चौधरी कमेटी-6, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा कमेटी-7 तथा विधायक अभय सिंह यादव कमेटी-8 के अध्यक्ष हैं। यह कमेटियां बजट के विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श कर 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करेंगी। 14 से 16 मार्च तक बजट पर व्यापक चर्चा करवाई जाएगी। 17 मार्च को सत्रावकाश रहेगा। 18 से 20 मार्च तक राजकीय अवकाश है। 21 और 22 मार्च के दिन विधायी कामकाज के लिए निर्धारित किए गए हैं। 22 मार्च को ही सत्रावसान होगा।