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संगठन का गठन न होने के कारण हरियाणा कांग्रेस को निकाय चुनाव में देखनी पड़ सकती शिकस्त! गुटबंदी होगी जिम्मेदार?*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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संगठन का गठन न होने के कारण हरियाणा कांग्रेस को निकाय चुनाव में देखनी पड़ सकती शिकस्त! गुटबंदी होगी जिम्मेदार?*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा में थोड़े समय के बाद निकाय चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने नगर पालिकाओं औऱ नगर परिषद में चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं या यह कहें कि अभी से ही निकाय चुनाव जीतने की तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी तरफ हरियाणा कांग्रेस है जो बिना संगठन के निकाय चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ऐसी पहली राष्ट्रीय पार्टी है जिसका हरियाणा इकाई के अंदर संगठन ही नहीं है। 2013 के बाद हरियाणा में कांग्रेस संगठन का गठन नहीं हुआ है। तभी से लेकर अब तक कांग्रेस सत्ता पाने के लिए भटक रही है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के पास कार्यकर्ता नहीं है कार्यकर्ता तो कांग्रेस के पास बहुत मजबूत है परंतु वह नेताओं की गुटबाजी में फंसा हुआ है। 2019 चुनाव से पहले कुमारी शैलजा ने कांग्रेस की बागडोर संभाली थी।वह भी संगठन खड़ा नही कर सकी। प्रदेशवासियों के मन में बदलाव की इच्छा होने के बाद भी लोग कांग्रेस को वोट नहीं देते। प्रदेश में कांग्रेस के कई ग्रुप हैं जैसे भूपेंद्र हुड्डा, कुलदीप बिश्नोई, कुमारी शैलजा आदि। जब तक कांग्रेस आलाकमान हरियाणा में संगठन का गठन नहीं करेगी और प्रदेश में गुटबाजी खत्म करने की कोशिश नहीं करेगी तब तक हरियाणा में कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं आ सकती। इसी कारण से भाजपा पार्टी को फायदा मिलता है। आने वाले निकाय चुनाव में यदि कांग्रेसी एकजुट होकर नहीं लड़े तो निकाय चुनाव में भी हरियाणा कांग्रेस को करारी शिकस्त का मुंह देखना पड़ेगा। जिसका सीधा असर आने वाले विधानसभा चुनावो पर भी देखने को मिलेगा?

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