खट्टर सरकार में फिर आया भ्रष्टाचार का नया मामला!हिसार डीआईजी पर लगे 50 लाख रिश्वत मांगने के आरोप, शिकायतकर्ता ने सीएम, गृहमंत्री व पुलिस महानिदेशक को भेजी शिकायत!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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खट्टर सरकार में फिर आया भ्रष्टाचार का नया मामला!हिसार डीआईजी पर लगे 50 लाख रिश्वत मांगने के आरोप, शिकायतकर्ता ने सीएम, गृहमंत्री व पुलिस महानिदेशक को भेजी शिकायत!*
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चंडीगढ/हिसार ;- हरियाणा की खट्टर सरकार में अधिकारियों पर रिश्वत के मामले लगातार आ रहे हैं। मानो सरकार का भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश ही नही है। यदि ऐसे ही बड़े अधिकारियों पर रिश्वत के आरोप लगते रहे तो आमजन का सरकार पर से भरोसा उठ जाएगा।हरियाणा सरकार प्रदेश में नए उद्योगपतियों को आकर्षित कर राज्य में निवेश करवाने के लिए प्रयासरत है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। वहीं दूसरी तरफ पहले से प्रदेश में काम धंधा कर रहे उद्योगपतियों की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है। हिसार में सामने आए इस प्रकरण ने सरकार और पुलिस की पूरी व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। हिसार के प्रमुख कारोबारी प्रदीप नेहरा ने हिसार डीआईजी बलवान सिंह राणा व डीएसपी अशोक कुमार पर उनसे 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि पैसे नहीं देने पर पुलिस ने उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज कर दिया है। पुलिस के बड़े अधिकारियों से जुडे़ इस प्रकरण ने सरकार की भी किरकिरी करवा दी है।
डीएसपी अशोक कुमार
डीएसपी अशोक कुमार
कारोबारी प्रदीप नेहरा ने इस बारे में लिखित शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज, डीजीपी व हिसार रेंज आईजी को भेजी है। प्रदीप नेहरा द्वारा भेजी गई लिखित में उन्होने कहा कि इस मामले में शामिल हिसार डीआईजी बलवान सिंह राणा व डीएसपी अशोक कुमार का नार्को टेस्ट करवाकर जांच करवाई जाए। इस मामले में वह खुद का नार्को टेस्ट करवाने के लिए भी तैयार हैं। प्रदीप नेहरा ने कहा कि उनको पिछले एक साल से पुलिस द्वारा लगातार टोर्चर किया जा रहा है। वह इस तह तक जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे कि इस पूरे नेक्सस को चला कौन रहा है। अब वह ये जानकार खुद हैरान हैं कि इस पूरे प्रकरण के पिछे पुलिस के बड़े आला-अधिकारियों का हाथ है। नेहरा के अनुसार उनको दो बार अलग-अलग टाइम पर लेनदेन के लिए ऑफिसर मेस में बुलाया गया था। रिश्वत प्रकरण के आरोपों के बाद डीआईजी बलवान सिंह राणा ने वीरवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन भी किया था लेकिन अचानक से कांफ्रेस का रद्द कर दिया था और मीडिया को इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया था।
ऑटोमोबाइल सेक्टर के नामचीन कारोबारी प्रदीप नेहरा के अनुसार, DIG बलवान सिंह राणा ने पुलिस विभाग के एक बड़े अधिकारी के जरिए पहले उनसे 50 लाख रिश्वत की मांगी। जब उन्होंने पैसे नहीं दिए तो दोबारा से उनके पास संदेशा भेजा गया कि डीआईजी 25 लाख लेने के लिए भी तैयार हैं। नहरा के अनुसार, जब उन्होने पैसे नहीं दिए तो उनको झूठे केसों में फंसाया जा गया। इस बारे में वह जल्द ही सुबूतों के साथ पूरा खुलासा करेंगें। DIG बलवान सिंह राणा ने इन आरोपों का सिरे से खंडन किया है। हिसार पुलिस ने तारा फोर्ड एजेंसी संचालक प्रदीप नेहरा के खिलाफ सोमवार को कंपनी के पूर्व कर्मचारी दिनेश को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है। केस दर्ज होने के बाद प्रदीप नेहरा ने कहा कि 2 साल पहले मेरे यहां कुछ कंपनियों में स्पेयर पार्ट से जुड़ी धांधली पकड़ी गई थी। कर्मचारियों पर केस दर्ज हुआ था। इसमें जहर खाने वाला कर्मचारी दिनेश भी था। करीब 8 महीने पहले मैंने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए एक शिकायत दी थी। लेकिन इस मामले में एफआईआर न दर्ज करते हुए शिकायत को कई महीनों तक पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में घुमाया गया। एफआइआर दर्ज न होने का कारण मैंने डीआइजी बलवान सिंह राणा से पूछा तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस प्रकरण के बाद मेरे पास पुलिस विभाग का एक बड़ा अधिकारी आता है और कहता है कि आपकी एफआईआर दर्ज हो जाएगी, मगर 50 लाख रुपए खर्च होंगे। जब मैं पैसे देने के लिए राजी नहीं हुआ तो उस पुलिस के अधिकारी का कहना था कि डीआइजी साहब 25 लाख में भी तैयार हैं। मैंने साफ इंकार करते हुए कहा कि शिकायत दर्ज करने के लिए एक पैसा नहीं दूंगा। डीआईजी बलवान सिंह राणा और डीएसपी अशोक कुमार ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया है।