पंजाब CM चन्नी ने कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्दू को किया चित, राहुल गांधी ने चन्नी को बनाया CM का चेहरा, कांग्रेसियों में चुनाव जीतने का जोश*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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पंजाब CM चन्नी ने कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्दू को किया चित, राहुल गांधी ने चन्नी को बनाया CM का चेहरा, कांग्रेसियों में चुनाव जीतने का जोश*
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चंडीगढ ;- कांग्रेस ने आज पंजाब में मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को ही फिर से मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश कर एक ऐसी सियासी बिसात बिछा दी है कि राजनीति के पर्यवेक्षक हैरान हैं। राहुल गांधी द्वारा जिस तरह से चन्नी को उम्मीदवार घोषित किया और उनके इस फैसले का दूसरे दोनों उम्मीदवारों नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ ने हाथ खड़ा करके समर्थन किया उसे कांग्रेस के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है ।क्योंकि यहां कुछ भी चोरी चोरी चुपके चुपके नहीं हुआ राहुल गांधी ने दो टूक फैसला देते हुए कहा कि पंजाब की जनता गरीब और दलित को मुख्यमंत्री देखना चाहती है और कांग्रेस जनता की भावनाओं की कद्र करती है ।उन्होंने जो कहा उसे राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है।
अब कांग्रेस में जो संकेत दिया है उससे निश्चित तौर पर गरीब दलित पिछड़े जिन्हें आम आदमी पार्टी भी अपनी राजनीतिक परिसंपत्ति मार कर चल रही है का पलड़ा कांग्रेस की ओर झुक जाए तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होगा और कांग्रेस को मुख्यमंत्री की शाख और पहचान के कारण दूसरे वर्गों के मतदाताओं से भी सभी सीटों पर समर्थन मिलता नजर आएगा । दो प्रमुख दलों के मुख्यमंत्री पद के जट सिख उम्मीदवारों के मुकाबले प्रदेश की एक तिहाई दलित मतदाता पिछड़े और गैर सिख मतदाता दलित और गरीब वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर कांग्रेस के पीछे लामबंद होते नजर आ सकते हैं परंतु यह काम मतदान से एक-दो दिन पहले होता नजर आएगा ऐसा राजनीतिक पर्यवेक्षक मानकर चल रहे हैं। इन परिस्थितियों में आम आदमी पार्टी को मतदान के दो-तीन दिन पहले बड़ा राजनीतिक नुकसान झेलने को मजबूर हो सकता है।जानकार यह मानकर चल रहे हैं कि चन्नी की उम्मीदवारी के बाद जट सिख मतदाता सुखबीर बादल मतलब शिरोमणि अकाली दल को मजबूत करने की कोशिश करते नजर आ सकते है ।इस रुझान से भी आम आदमी पार्टी को नुकसान हो सकता है पिछले चुनाव में जट सिख वोटर मतदान से 2 दिन पहले शिरोमणि अकाली दल को छोड़ कैप्टन अमरिंदर सिंह के कारण कांग्रेस में शिफ्ट हो गया था ।इससे भी आम आदमी पार्टी को भारी नुकसान हुआ था ।कमोबेश यही स्थिति अब फिर बनने के आसार हैं।
पंजाब में आत्मिक डेरे जिनकी संख्या 6 है बेशक राजनीति से दूर रहने की बात करते हो लेकिन पंजाब की राजनीति वह भी चुनावी राजनीति में ये डेरे निर्णायक भूमिका में रहते हैं और उनके अनुयाई अपने डेरे के प्रवर्तकों का आदेश परमात्मा के आदेश की तरह मानते हैं। जो संदेश आता है उसे डेरे के अनुयाई अपने तरीके से ही एक दूसरे तक पास कर देते हैं।
ये डेरे हैं *डेरा सत्संग ब्यास*
*निरंकारी मिशन* *डेरा सच्चा सौदा* (सिरसा) ,*नामधारी* *डेरा सचखंड बल्लां*और *दिव्य ज्योति जागृति संस्थान
पंजाब मैं लोग किसी ने किसी डेरे से जुड़े हुए हैं ।इसीलिए कहा जाता है कि पंजाब की राजनीति में जिसे 3 देरो का समर्थन प्राप्त हो जाता है वह सरकार में मतलब सत्ता में आ जाता है। यहां कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पहले ही बड़ी योजना से काम कर रहे हैं ।बे कई डेरो में जाकर आशीर्वाद ले आए हैं। सचखंड बल्ला डेरे में वे मुख्यमंत्री बनने के बाद तीन बार जा चुके हैं । उन्होंने यहां संत रविदास के नाम पर संस्थान बनाने के लिए 50 करोड रुपए देने की घोषणा कर चुके हैं और 25 करोड का चेक तो संस्थान के प्रवर्तक गुरुदेव जी को सौंप चुके हैं । श्रद्धालु बताते हैं कि इस डेरे से रविदासी समाज के लोग सदा आदेश प्राप्त करते राजनीति को दिशा देते आए हैं और श्री चन्नी इसी समुदाय से संबंध रखते हैं। बताते हैं कि जब 17 जुलाई को नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया तो अगस्त महीने में श्री चन्नी सिद्धू को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिलवाने इस डेरे में लेकर गए तो गुरुदेव ने उन्हें यह संदेश दिया कि वे खुद मुख्यमंत्री बन सकते हैं और प्रयास करें ।इसके ठीक 2 महीने बाद चमत्कारिक तरीके से चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बन गए ।बताते हैं कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री डेरे में रात बिता कर आए और वे गुरुदेव के साथ उन्हीं के कमरे में रुके और उन्होंने जमीन पर ही सोकर रात बिताई। डेरे के प्रवर्तक इस बात को डंके की चोट पर कहते देखे जा सकते हैं कि कांग्रेस ने चन्नी को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करके और मुख्यमंत्री बना कर बड़ी सोच का परिचय दिया है और इसका कांग्रेस को निश्चित तौर पर लाभ होगा।