Wednesday, September 18, 2024
Latest:
करनालचंडीगढ़जिंददेश-विदेशपंचकुलापंजाबपानीपतराज्यहरियाणा

पंजाब & हरियाणा हाईकोर्ट ने राहत देते हुए हरियाणा में सैकड़ों कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का रास्ता किया साफ*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पंजाब & हरियाणा हाईकोर्ट ने राहत देते हुए हरियाणा में सैकड़ों कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का रास्ता किया साफ*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ ;- पंजाब & हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए हरियाणा में सैकड़ों कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का रास्ता साफ कर दिया है, जो 2003 में ओमप्रकाश चौटाला सरकार में आई नीति के तहत पक्के होने के योग्य थे। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि राज्य किसी व्यक्ति को दो दशक तक उसी पद पर नियुक्त करने का निर्णय लेता है जहां उसकी नियुक्ति हुई थी तो यह नहीं कहा जा सकता कि उसके लिए कोई नियमित कार्य नहीं था।
यमुनानगर निवासी ओम प्रकाश व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए उन्हें नियमित करने की मांग की थी। याचिका में बताया गया कि वे राज्य में दो दशक से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं, लेकिन उनकी सेवाओं को 2003 की नीति आने के बावजूद नियमित नहीं किया गया। उनके कई साथियों और कई जूनियरों की सेवाएं नियमित हो गईं, लेकिन याचिकाकर्ताओं को कोई लाभ नहीं मिला। याचिका का विरोध करते हुए हरियाणा सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति मंजूर पदों पर नहीं हुई थी और आज भी वह मंजूर पदों पर काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में उनकी सेवा को नियमित नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार ने कच्चे कर्मियों को नियमित करने के लिए नीति जारी की है तो प्रत्येक कर्मचारी पर इसे लागू किया जाना चाहिए, भेद-भाव नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को उनके जूनियरों के नियमित होने की तिथि से नियमित करने का आदेश दिया है। नियमित होने की स्थिति में वित्तीय लाभ केवल तब से मिलेंगे जब से उनकी ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। संविधान में राज्य को कल्याणकारी कहा गया है और ऐसे में यदि कोई कर्मचारी एक दशक से अधिक अपनी सेवा राज्य को देता है तो सरकार का दायित्व बनता है कि उसे नियमित करने के लिए पद सृजित करे। राज्य को उसको नियमित करने का प्रयास करना चाहिए न कि उनकी सेवा को नियमित करने के मार्ग में बाधक बनना चाहिये। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के इस फैसले से देर से ही सही, लेकिन सैकड़ों कच्चे कर्मचारियों को न्याय मिला है। अब हम चाहते हैं कि सरकार इस फैसले को लागू करे और जो कच्चे कर्मचारी इस फैसले के दायरे में आने से रह गए हैं और 10 से 15 साल से सरकार को सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें भी जल्द पक्का किया जाए। – सुभाष लांबा, अध्यक्ष अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!